नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस- वे पर दो नए अंडरपास का निर्माण, 181 करोड़ का बजट | नोएडा प्राधिकरण
टेन न्यूज नेटवर्क
नोएडा (6 अप्रैल 2025): नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे पर दो महत्वपूर्ण अंडरपास बनाने के लिए जारी किए गए टेंडरों को सभी कंपनियों द्वारा अस्वीकृत कर दिया गया है। अब, इन अंडरपास के निर्माण के लिए नए टेंडर जारी किए जाएंगे। इस परियोजना का शिलान्यास उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया था, लेकिन अब इसमें देरी होने की संभावना है।
अंडरपास परियोजना का विस्तार
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच स्थित एक्सप्रेस वे पर कुल दो नए अंडरपास बनाए जाएंगे – एक अंडरपास झट्टा के पास (16.900 किमी पर) और दूसरा सुल्तानपुर गांव के पास (6.10 किमी पर)। इन अंडरपासों के निर्माण के लिए पहले पांच कंपनियों ने आवेदन किया था, लेकिन सभी कंपनियां स्क्रूटनी के दौरान रिजेक्ट हो गईं। अब नोएडा प्राधिकरण ने इन दोनों अंडरपास के निर्माण के लिए फिर से टेंडर जारी करने का फैसला किया है।
परियोजना का बजट और लाभ
इन दो अंडरपासों का कुल बजट 181 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। पहला अंडरपास सेक्टर-145, 146, 155, और 159 के बीच 16.900 किमी पर 800 मीटर लंबा होगा, और इसके निर्माण पर लगभग 99.74 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह अंडरपास विशेष रूप से नवविकसित औद्योगिक क्षेत्रों जैसे सेक्टर-151, 153, 154, 155, 156, 157, 158, 159 और आसपास के गांवों को लाभान्वित करेगा।
दूसरा अंडरपास सुल्तानपुर गांव के पास 6.10 किमी पर बनाया जाएगा, जिसकी लंबाई 731 मीटर होगी। इसकी निर्माण लागत 81.61 करोड़ रुपये है। इस अंडरपास से सेक्टर-104, 105, 106, 107, 108, 110 सहित अन्य कई प्रमुख क्षेत्रों को लाभ होगा। इसके अलावा, फेस-2 और एनएसईजेड क्षेत्र के साथ-साथ 11 गांवों को भी इस अंडरपास से फायदा होगा।
नवीनतम तकनीकी बदलाव
इस परियोजना में पहले की तकनीकों के मुकाबले एक नया तकनीकी दृष्टिकोण अपनाया गया है। 2020 के बाद, एक्सप्रेस वे पर बनाए गए अंडरपासों में बॉक्स पुशिंग तकनीक का उपयोग किया गया था, जिसके कारण सड़क धंसने की समस्याएं सामने आई थीं। इसलिए अब डायाफ्राम वॉल तकनीक का चयन किया गया है। इस तकनीक में बिना खुदाई के दीवार बनाई जाएगी, जिसके बाद अंडरपास की छत को ढाला जाएगा।
आवश्यक सावधानियां और ट्रैफिक प्रभावित होने की संभावना
डायाफ्राम तकनीक से अंडरपास बनाने की प्रक्रिया के दौरान ट्रैफिक पर कुछ समय तक असर पड़ सकता है। प्राधिकरण द्वारा किए जाने वाले निर्माण कार्यों के दौरान सड़क के नीचे की मिट्टी की खुदाई और अन्य कार्यों के कारण कुछ दिन ट्रैफिक संचालन में दिक्कतें आ सकती हैं। कुल मिलाकर, इस परियोजना का उद्देश्य एक्सप्रेस वे पर यातायात को और अधिक सुगम और सुरक्षित बनाना है, जबकि आसपास के क्षेत्रों में आवागमन में सुधार लाना है।
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