जीरो पीरियड पॉलिसी के तहत फ्लैट खरीदारों को राहत देने की योजना पर बिल्डरों की उदासीनता
टेन न्यूज नेटवर्क
नोएडा (7 दिसंबर 2024): फ्लैट खरीदारों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई जीरो पीरियड पॉलिसी बिल्डरों की निष्क्रियता के चलते संकट में घिरती नजर आ रही है। नोएडा प्राधिकरण ने इस नीति के तहत 27 बिल्डरों को नोटिस जारी किया है, जिन्होंने सहमति देने के बावजूद बकाया भुगतान में अनियमितता बरती है।
दिसंबर 2023 में लागू की गई इस नीति का उद्देश्य था कि फ्लैट खरीदारों को आर्थिक राहत मिले। प्राधिकरण ने पॉलिसी के तहत बिल्डरों को बकाया भुगतान में छूट और समयबद्ध किश्तों में भुगतान की सुविधा दी थी। इसके अतिरिक्त, दो साल की जीरो पीरियड अवधि में बकाया पर 1500 करोड़ रुपये की छूट भी दी गई। हालांकि, इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए बिल्डरों को अपनी जिम्मेदारियां निभाने और समय पर बकाया भुगतान करना था।
नोएडा प्राधिकरण की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, जीरो पीरियड पॉलिसी में अब तक 30 बिल्डर शामिल हो चुके हैं। इनमें से 27 बिल्डरों ने न केवल बकाया भुगतान में देरी की, बल्कि कई ने आंशिक भुगतान कर अपनी किश्तों का समय पर निपटान नहीं किया। कुछ बिल्डरों ने नीति पर सहमति नहीं दी है, जिससे रजिस्ट्री प्रक्रियाएं भी लंबित पड़ी हुई हैं।
नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ वंदना त्रिपाठी ने स्पष्ट किया कि बार-बार अपीलों और बैठकों के बावजूद इन बिल्डरों की निष्क्रियता बनी हुई है। इसी वजह से अब उन्हें नोटिस जारी कर चेतावनी दी गई है कि यदि जल्द ही बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया, तो उनके जीरो पीरियड लाभ रद्द कर दिए जाएंगे।
जब यह नीति लागू की गई थी, तब 57 ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं पर कुल 7800 करोड़ रुपये का बकाया था। जीरो पीरियड पॉलिसी के तहत इस राशि में 1500 करोड़ रुपये की कमी की गई थी। इसके बावजूद, कई बिल्डरों ने अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ने का प्रयास किया है। इन बिल्डरों की निष्क्रियता न केवल प्राधिकरण के प्रयासों को विफल कर रही है, बल्कि उन फ्लैट खरीदारों के लिए भी बड़ा झटका है जो राहत की उम्मीद कर रहे थे।
प्राधिकरण ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि बकाया राशि का भुगतान समय पर नहीं किया गया, तो न केवल बिल्डरों के जीरो पीरियड लाभ वापस लिए जाएंगे, बल्कि उनके खिलाफ कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई भी की जाएगी। यह कदम फ्लैट खरीदारों के हितों की रक्षा और जीरो पीरियड पॉलिसी के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उठाया जाएगा।
बिल्डरों की निष्क्रियता के चलते यह स्थिति उन फ्लैट खरीदारों के लिए निराशाजनक है, जो इस नीति के तहत राहत पाने की उम्मीद कर रहे थे। प्राधिकरण की इस सख्ती के बाद उम्मीद की जा रही है कि बिल्डर अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेते हुए खरीदारों को राहत पहुंचाने में सहयोग करेंगे। नोएडा प्राधिकरण ने अपने रुख को स्पष्ट करते हुए कहा है कि अब लापरवाही के लिए कोई जगह नहीं होगी। यह कदम नीति के उद्देश्यों को सफलतापूर्वक लागू करने और खरीदारों को उनका अधिकार दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
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