दिल्ली में महिलाओं और मुस्लिम विधायकों की संख्या घटी, सिख विधायकों का बढ़ा प्रतिनिधित्व

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (10 फरवरी 2025): दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने राजधानी की राजनीति की तस्वीर पूरी तरह बदल दी है। 27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सत्ता में वापसी की, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला। इस चुनाव के नतीजों ने विधानसभा में विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधित्व को भी प्रभावित किया है। जहां महिलाओं और मुस्लिम विधायकों की संख्या में कमी आई है, वहीं सिख विधायकों का प्रतिनिधित्व बढ़ा है।

सिख विधायकों की संख्या में वृद्धि

इस बार दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 5 सीटों पर सिख उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। इनमें चार बीजेपी से और एक आम आदमी पार्टी से जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। बीजेपी के टिकट पर चांदनी चौक से पुनरदीप सिंह साहनी, राजौरी गार्डन से मनजिंदर सिंह सिरसा, जंगपुरा से तरविंदर सिंह मारवाह और गांधी नगर से अरविंदर सिंह लवली ने जीत हासिल की। वहीं, आप के जरनैल सिंह ने तिलक नगर सीट पर लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की।

महिला विधायकों की संख्या में आई कमी

इस बार दिल्ली विधानसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व घटकर सिर्फ 5 रह गया है। विजयी महिला उम्मीदवारों में आम आदमी पार्टी से कालकाजी सीट से आतिशी ने जीत दर्ज की, जबकि बीजेपी की रेखा गुप्ता (शालीमार बाग), नीलम पहलवान (नजफगढ़), शिखा रॉय (ग्रेटर कैलाश) और पूनम शर्मा (वजीरपुर) ने जीत हासिल की।

पिछले चुनाव यानी 2020 में दिल्ली विधानसभा में 7 महिलाएं विधायक बनी थीं। इनमें राखी बिड़लान (मंगोलपुरी), वंदना कुमारी (शालीमार बाग), प्रीति तोमर (त्रिनगर), धनवती चंदेला (राजौरी गार्डन), राजकुमारी ढिल्लों (हरि नगर), भावना गौड़ (पालम) और आतिशी (कालकाजी) शामिल थीं। इस बार महिलाओं को पार्टियों ने टिकट तो दिया, लेकिन अधिकतर महिला प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा। आम आदमी पार्टी से कई महिला प्रत्याशी चुनाव हार गईं, वहीं बीजेपी की प्रियंका गौतम को कोंडली से हार का सामना करना पड़ा।

हारने वाली महिला विधायक

इस चुनाव में कई मौजूदा महिला विधायक अपनी सीट नहीं बचा पाईं। राखी बिड़लान (मादीपुर), वंदना कुमारी (शालीमार बाग), प्रीति तोमर (त्रिनगर) और धनवती चंदेला (राजौरी गार्डन) चुनाव हार गईं।

मुस्लिम विधायकों का प्रतिनिधित्व घटा

दिल्ली विधानसभा में इस बार मुस्लिम विधायकों की संख्या में भी कमी आई है। 2020 में 7 मुस्लिम विधायक विधानसभा पहुंचे थे, लेकिन इस बार यह संख्या घटकर 4 रह गई। आम आदमी पार्टी से मटिया महल से आले मोहम्मद इकबाल, बल्लीमारान से इमरान हुसैन, ओखला से अमानतुल्लाह खान और सीलमपुर से चौधरी जुबैर अहमद ही जीत दर्ज कर सके।

2020 में मटिया महल से शोएब इकबाल, बल्लीमारान से इमरान हुसैन, ओखला से अमानतुल्लाह खान, सीलमपुर से अब्दुल रहमान और मुस्तफाबाद से हाजी यूनुस विधायक बने थे। इस बार मुस्तफाबाद सीट पर बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट ने जीत हासिल कर आम आदमी पार्टी को झटका दिया।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे न सिर्फ सत्ता परिवर्तन लेकर आए, बल्कि सामाजिक प्रतिनिधित्व में भी बड़ा बदलाव दिखा। महिलाओं और मुस्लिम विधायकों की संख्या में गिरावट आई, जबकि सिख समुदाय के विधायकों की संख्या में वृद्धि हुई। बीजेपी ने 27 साल बाद सत्ता में वापसी कर आम आदमी पार्टी को पीछे छोड़ा। अब देखने वाली बात होगी कि नई सरकार दिल्ली की जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरती है।


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