दिल्ली दंगों के आरोपी और AIMIM उम्मीदवार ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से राहत, कस्टडी पैरोल पर प्रचार की इजाजत
टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (28 जनवरी 2025): दिल्ली चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के उम्मीदवार ताहिर हुसैन को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के विरोध के बावजूद ताहिर हुसैन को अंतरिम जमानत देते हुए कस्टडी पैरोल की अनुमति दे दी। इस फैसले के तहत वह सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक चुनाव प्रचार कर सकेंगे।
दिल्ली पुलिस ने किया विरोध, कोर्ट ने दिया जवाब
सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपांकर दत्ता की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष दिल्ली पुलिस ने कस्टडी पैरोल का कड़ा विरोध किया। पुलिस ने अपनी दलील में कहा कि यदि इस मामले में पैरोल दी जाती है, तो बाकी आरोपी भी इसी तर्ज पर चुनाव प्रचार के लिए कस्टडी पैरोल की मांग करने लगेंगे। पुलिस का कहना था कि इससे एक मिसाल कायम होगी और अदालतों में ऐसे मामलों की बाढ़ आ जाएगी।
दिल्ली पुलिस के इस तर्क पर अदालत ने पलटवार करते हुए सवाल किया कि जब नामांकन के लिए कस्टडी पैरोल दी गई थी, तब विरोध क्यों नहीं किया गया? जस्टिस विक्रमनाथ ने कहा कि “अगर वह नामांकन के बाद वापस आ सकते हैं, तो प्रचार के बाद भी आ सकते हैं। वे अपने घर नहीं रुकेंगे।”
दिल्ली पुलिस को क्या थी आपत्ति?
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान बड़ी भीड़ इकट्ठा हो सकती है, जिससे कानून-व्यवस्था को संभालना मुश्किल होगा। इसके अलावा, कस्टडी पैरोल के दौरान सुरक्षा और जेल वैन सहित अन्य खर्चों का बोझ लगभग 4 लाख 14 हजार रुपये आएगा।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि ताहिर हुसैन प्रचार के दौरान केस से संबंधित कोई बयान नहीं देंगे और न ही किसी गवाह से मिलेंगे। अदालत ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना प्रशासन की जिम्मेदारी है, और अगर सभी शर्तों का पालन किया जाता है तो कस्टडी पैरोल में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
ताहिर हुसैन की दलील और सुप्रीम कोर्ट का फैसला
ताहिर हुसैन के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि उनके मुवक्किल को 29 जनवरी से 3 फरवरी 2025 तक कस्टडी पैरोल पर रिहा किया जाए। उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल सभी खर्च खुद वहन करेंगे और प्रतिनियुक्त अधिकारियों के साथ ही रहेंगे। जरूरत पड़ने पर वह क्राउन प्लाजा होटल में ठहरने की व्यवस्था भी कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने इन दलीलों को सुनने के बाद कस्टडी पैरोल की मंजूरी दे दी। हालांकि, अदालत ने कुछ सख्त शर्तें भी रखीं, जिनमें चुनाव प्रचार के दौरान किसी भी कानूनी मामले पर टिप्पणी न करने और गवाहों से मिलने पर रोक शामिल है।
क्या रहेगा आगे का रास्ता?
अब ताहिर हुसैन को सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक चुनाव प्रचार की अनुमति होगी, लेकिन इसके बाद उन्हें कस्टडी में वापस लौटना होगा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद चुनावी हलकों में हलचल तेज हो गई है। जहां AIMIM ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया है, वहीं दिल्ली पुलिस और अन्य पक्ष इस फैसले से असंतुष्ट नजर आ रहे हैं। अब देखना यह होगा कि इस फैसले का दिल्ली चुनाव पर क्या असर पड़ता है और क्या अन्य उम्मीदवार भी इसी तर्ज पर कस्टडी पैरोल की मांग करते हैं।।
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