नोएडा में महिला डॉग फीडर पर हमला, पुलिस पर लगे पक्षपात के आरोप!

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (27 जनवरी 2025): नोएडा के सेक्टर 134 स्थित कोसमोस जेपी सोसाइटी में 26 जनवरी की रात एक महिला डॉग फीडर पर हिंसक भीड़ ने हमला कर दिया। तमन्ना सिंह, जो पिछले 4-5 सालों से डॉग फीडिंग का काम कर रही हैं, उनपर सोसाइटी के लोगों ने योजना बनाकर हमला किया। इस दौरान पुलिस भी मौके पर मौजूद थी, लेकिन उन्होंने पीड़िता की मदद करने के बजाय उन्हें और उनके साथियों को ही हिरासत में ले लिया।

तमन्ना सिंह ने टेन न्यूज से टेलिफोनिक बातचीत में कहा कि, सोसाइटी के लोगों ने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था, जिसमें उन पर हमले की योजना बनाई गई। इस ग्रुप में कई महिलाएं और पुरुष थे, जो लोगों को एकजुट होकर तमन्ना पर हमला करने के लिए उकसा रहे थे। 26 जनवरी की रात, बड़ी संख्या में पुरुष और महिलाएं एकत्र हुए और तमन्ना की गाड़ी को घेर लिया। गाड़ी के टायर पंचर कर दिए गए, उसे हिलाने की कोशिश की गई, और तमन्ना तथा उनके साथियों के साथ दुर्व्यवहार किया गया।

तमन्ना ने यह भी आरोप लगाया कि भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने उनके साथ छेड़छाड़ की। जब उन्होंने पुलिस को इस घटना की सूचना दी, तो पुलिस ने न केवल उनकी शिकायत को अनसुना किया, बल्कि उनके तीन साथियों – संजय ढींगरा, आकाश, और अमित को हिरासत में ले लिया।

जयंती, जो इंटरनल एनर्जी फाउंडेशन की ट्रस्टी और एक समाजसेविका हैं, उन्होंने इस घटना को लेकर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने टेन न्यूज से टेलिफोनिक बातचीत में बताया कि तमन्ना सिंह लंबे समय से कुत्तों की देखभाल और उन्हें खाना खिलाने का पुश सेवा कार्य कर रही हैं। यह काम निस्वार्थ भाव से किया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद तमन्ना को लगातार सोसाइटी के लोगों द्वारा परेशान किया जा रहा है। जयंती ने यह भी आरोप लगाया कि तमन्ना को प्रताड़ित भी किया गया है।

जयंती के अनुसार, पुलिस ने तमन्ना की शिकायत पर ध्यान नहीं दिया और उन्हें और उनके तीन साथियों को हिरासत में ले लिया। तमन्ना को इतना परेशान किया गया कि यह मामला अब समाज और प्रशासन के लिए एक गंभीर चेतावनी बन गया है। जयंती ने पुलिस के रवैये पर भी सवाल उठाए और कहा कि एक समाजसेविका के साथ इस तरह का व्यवहार न केवल निंदनीय है, बल्कि न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है।

तमन्ना का कहना है कि पुलिस ने उनके मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए और बिना उनकी बात सुने कार्रवाई की। कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने तमन्ना को रिहा कर दिया, लेकिन उनके तीनों साथी अभी भी हिरासत में हैं। तमन्ना ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस पूरे मामले में पुलिस ने पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया और भीड़ का साथ दिया। जब इस मामले को लेकर थाना एक्सप्रेसवे से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो पुलिस की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। इस घटना ने नोएडा में महिलाओं की सुरक्षा और पुलिस प्रशासन की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यही वह सुरक्षित नोएडा है, जिसका वादा पुलिस कमिश्नर ने महिलाओं से किया था?

इस मामले में आगे की जानकारी के लिए पुलिस और संबंधित अधिकारियों से संपर्क जारी है।


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