करावल नगर सीट पर BJP में बगावत, मौजूदा विधायक ने टिकट कटने पर कर दिया बड़ा ऐलान!

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (12 जनवरी 2025): दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 (Delhi Vidhansabha Election 2025) की सरगर्मी के बीच करावल नगर सीट (Karawal Nagar Vidhansabha Seat) पर भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) के अंदरूनी कलह ने सियासी माहौल को गरम कर दिया है। पार्टी द्वारा करावल नगर से कपिल मिश्रा (Kapil Mishra) को टिकट दिए जाने के बाद वर्तमान विधायक मोहन सिंह बिष्ट (Mohan Singh Bisht) ने बगावत कर दी है। बिष्ट ने इसे पार्टी का “सबसे बड़ा राजनीतिक भूल” करार दिया और स्पष्ट कर दिया कि वह किसी भी हाल में यह सीट छोड़ने को तैयार नहीं हैं।

बिष्ट ने कपिल मिश्रा को बताया “ऐरे-गैरे”

पिछले 15 वर्षों से करावल नगर के विधायक रहे मोहन सिंह बिष्ट ने पार्टी के इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कपिल मिश्रा को “ऐरे-गैरे नत्थू खैरे” कह डाला। बिष्ट ने कहा, “करावल नगर के लोग मुझे जानते हैं। यहां का हर गली-मोहल्ला मेरे साथ खड़ा है। पार्टी यह सोच रही है कि कोई बाहरी उम्मीदवार यहां से जीत जाएगा, तो यह उनकी सबसे बड़ी भूल होगी।”

निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान

बिष्ट ने ऐलान किया कि वह किसी अन्य सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि करावल नगर से ही निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरेंगे। उन्होंने कहा, “मैं 17 जनवरी से पहले करावल नगर सीट से नामांकन दाखिल करूंगा। यह सीट मेरी है, और मैं किसी बाहरी व्यक्ति को यहां से जीतने नहीं दूंगा।”

BJP के लिए नई चुनौती

मोहन सिंह बिष्ट की इस बगावत ने BJP के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। करावल नगर सीट पर बिष्ट का स्थानीय प्रभाव काफी मजबूत है। ऐसे में यदि वह निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं, तो BJP का वोट बैंक विभाजित हो सकता है, जिसका सीधा फायदा आम आदमी पार्टी (AAP) को मिलने की संभावना है।

करावल नगर का राजनीतिक महत्व

करावल नगर दिल्ली की अहम विधानसभा सीटों में से एक है। 2020 के चुनाव में BJP ने यहां जीत दर्ज की थी, जब मोहन सिंह बिष्ट ने AAP के दुर्गेश पाठक को हराया था। अब 2025 में BJP ने नई रणनीति के तहत कपिल मिश्रा को इस सीट से मैदान में उतारा है, जो पहले AAP में थे और बाद में BJP में शामिल हुए।

BJP की रणनीति पर सवाल

मोहन सिंह बिष्ट ने BJP नेतृत्व पर सीधा हमला बोलते हुए कहा, “करावल नगर की जनता मुझे अपना नेता मानती है। बाहरी उम्मीदवार को थोपना पार्टी का अलोकतांत्रिक निर्णय है। मैं इस अन्याय के खिलाफ लड़ाई लडूंगा।” बिष्ट ने चेतावनी दी कि करावल नगर के अलावा बुराड़ी, घोंडा, सीलमपुर, गोकलपुरी और नंद नगरी जैसी सीटों पर भी पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

क्या BJP बगावत शांत कर पाएगी?

इस बगावत के चलते BJP के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। पार्टी नेतृत्व पर अब दबाव है कि वह मोहन सिंह बिष्ट को मनाए, ताकि करावल नगर में वोटों का विभाजन न हो। यदि बिष्ट चुनाव मैदान में निर्दलीय उतरते हैं, तो BJP के खिलाफ विपक्षी दलों को बढ़त मिल सकती है।

दिल्ली चुनाव का यह सियासी ड्रामा अब और भी दिलचस्प हो गया है। देखना होगा कि BJP इस अंदरूनी कलह को शांत कर पाती है या करावल नगर सीट पर सियासी खेल नए मोड़ लेता है।।


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