नई दिल्ली (9 जनवरी 2025): आगामी दिल्ली चुनाव में जाट समाज का मुद्दा मुख्य बहस का केंद्र बन गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर जाट समाज को ओबीसी सूची में शामिल न करने का आरोप लगाया, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता प्रवेश वर्मा ने इस पर तीखा पलटवार किया।
प्रवेश वर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जाट समाज केजरीवाल की रणनीति को भलीभांति समझता है और जानता है कि वे किस हद तक झूठ बोलते हैं। वर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल ओबीसी कमिशन को संवैधानिक दर्जा दिलाया, जो पहले मात्र एक सलाहकार निकाय था। अब किसी जाति को ओबीसी सूची में शामिल करने के लिए राज्य विधानसभा में प्रस्ताव पारित करना अनिवार्य है।
उन्होंने आगे कहा कि केजरीवाल ने अपने कार्यकाल में कई बार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया, लेकिन जाट समाज को ओबीसी में शामिल करने का प्रस्ताव कभी नहीं लाया। वर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि AAP नेता भाजपा को बदनाम करने में अधिक व्यस्त रहे। उन्होंने बताया कि AAP के पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत ने दो बार मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर विधानसभा से प्रस्ताव पारित करने की अपील की, लेकिन केजरीवाल ने इसे नजरअंदाज कर दिया।
प्रवेश वर्मा ने यह भी दावा किया कि दिल्ली देहात के लोग और जाट समाज के प्रतिनिधि लगातार मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर कार्रवाई की मांग करते रहे, लेकिन हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगी। वर्मा ने कहा कि केजरीवाल ने समस्या का समाधान निकालने की बजाय भाजपा नेताओं पर आरोप-प्रत्यारोप करने में समय बिताया।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली का जाट समाज 8 फरवरी को होने वाले चुनावों में किस पर भरोसा जताता है। चुनाव परिणाम इस मुद्दे पर जनता की राय को स्पष्ट करेंगे।।
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