नोएडा सेक्टर-62 में बनेगी ऑटोमेटेड पज़ल पार्किंग, बाजारों की पार्किंग परेशानी होगी खत्म | Noida Authority

टेन न्यूज नेटवर्क

NOIDA News (18/10/2025): नोएडा के व्यस्त बाजारों में पार्किंग की समस्या लंबे समय से सिरदर्द बनी हुई है। गाड़ियों की बढ़ती संख्या और सीमित स्थान के कारण सड़क किनारे अवैध पार्किंग आम बात हो गई है। इसी समस्या से निपटने के लिए अब नोएडा प्राधिकरण ने एक नया और आधुनिक समाधान तैयार किया है। जल्द ही सेक्टर-62 में शहर की पहली ऑटोमेटेड पज़ल पार्किंग बनाई जाएगी।

इस अत्याधुनिक पज़ल पार्किंग का निर्माण लगभग 13.96 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। परियोजना के पहले चरण में इसे सेक्टर-62 के व्यावसायिक क्षेत्र में स्थापित किया जा रहा है। यह पार्किंग चार मंजिला (फोर फ्लोर) होगी और इसमें 100 वाहनों को पार्क करने की क्षमता होगी।

नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि इस तकनीक को सफलतापूर्वक लागू करने के बाद शहर के अन्य दो स्थानों पर भी इसी तरह की पार्किंग विकसित करने पर विचार किया जा रहा है। फिलहाल, निर्माण के लिए योग्य कंपनियों से 30 अक्टूबर तक आवेदन मांगे गए हैं। 31 अक्टूबर को तकनीकी बोली (टेक्निकल बिड) खोली जाएगी, जिसके बाद वित्तीय बोली (फाइनेंशियल बिड) की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

यह पार्किंग सिस्टम बिल्कुल एक पज़ल गेम की तरह काम करता है। इसमें वाहनों को खड़ा करने के लिए कई मूवेबल स्लॉट होते हैं, जो ऊपर, नीचे, दाएं और बाएं दिशाओं में सेंसर और मोटर के जरिए स्वतः संचालित होते हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी वाहन को चौथे फ्लोर पर पार्क करना है, तो सेंसर के संकेत पर पूरा स्लॉट स्वतः ऊपर उठकर निर्धारित स्थान पर चला जाता है। उसी दौरान नीचे खाली हुए स्थान पर दूसरा स्लॉट आ जाता है। यह पूरा प्रोसेस सिर्फ 3 से 6 मिनट में पूरा हो जाता है। जबकि पारंपरिक मल्टीलेवल या हाइड्रोलिक पार्किंग में यह प्रक्रिया 15 से 20 मिनट तक का समय लेती है।

इस ऑटोमेटेड पार्किंग का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसे बहुत कम जगह में बनाया जा सकता है। चार मंजिला संरचना में अधिक वाहन समा सकते हैं।
सिस्टम पूरी तरह सेंसर-बेस्ड है, जिससे चोरी या दुर्घटना की संभावना लगभग नगण्य रहती है। यदि किसी कारणवश कोई व्यक्ति, बच्चा या जानवर पार्किंग के मूवमेंट एरिया में प्रवेश करता है, तो सेंसर तुरंत सक्रिय होकर पूरी मशीनरी को रोक देता है। इससे किसी प्रकार की हानि होने की संभावना नहीं रहती।

निर्माण पूरा होने के बाद चयनित कंपनी को इस पज़ल पार्किंग का संचालन एक वर्ष तक स्वयं करना होगा। इसके बाद इसे प्राधिकरण को सौंपा जाएगा। संचालन के लिए उसी कंपनी को प्राथमिकता दी जाएगी, जिसे पहले इस तकनीक का अनुभव हो।नोएडा प्राधिकरण का मानना है कि यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा तो शहर के अन्य बाजारों में भी इसी तकनीक से पार्किंग तैयार की जाएगी। यह न केवल जगह की बचत करेगी, बल्कि ट्रैफिक जाम की समस्या को भी काफी हद तक कम करेगी।


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