नोएडा में GIS सिस्टम पर आधारित वर्टिकल सबस्टेशन का प्लान तैयार | Noida Authority
टेन न्यूज नेटवर्क
नोएडा (3 जुलाई 2025): शहर में बिजली आपूर्ति को और अधिक सुदृढ़ एवं आधुनिक बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया जा रहा है। नोएडा प्राधिकरण ने वर्टिकल सबस्टेशन (Vertical Substation) स्थापित करने की योजना तैयार की है, जो पारंपरिक सबस्टेशनों की तुलना में कई गुना कम स्थान घेरेंगे और अधिक कुशल साबित होंगे। ये सबस्टेशन नवीनतम गैस इंसुलेटेड सबस्टेशन (GIS) तकनीक पर आधारित होंगे।
महज 500 वर्गमीटर में तैयार होंगे सबस्टेशन, पारंपरिक सिस्टम से 90% कम स्पेस में काम
अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (ACEO) संजय खत्री ने हाल ही में मुंबई का दौरा किया, जहां देश का एक अत्याधुनिक 400 केवी क्षमता वाला वर्टिकल सबस्टेशन (Vertical Substation) तैयार किया गया है। इसी मॉडल को आधार बनाते हुए नोएडा में भी वर्टिकल सिस्टम (Vertical System) लागू करने की योजना बनाई जा रही है। मुंबई में तैयार सबस्टेशन में गैस इंसुलेटेड तकनीक का प्रयोग किया गया है, जिसमें विद्युत उपकरणों को एक सीलबंद गैसयुक्त कंटेनर में रखा जाता है। इससे न केवल उपकरण सुरक्षित रहते हैं, बल्कि उनकी कार्यक्षमता और विश्वसनीयता भी बढ़ती है।
नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) की योजना के अनुसार, वर्टिकल सबस्टेशन के निर्माण में मात्र 500 वर्गमीटर स्थान की आवश्यकता होगी, जबकि पारंपरिक एयर इंसुलेटेड सबस्टेशन को 5,000 वर्गमीटर या उससे अधिक क्षेत्र की जरूरत होती है। इससे नोएडा जैसे घनी आबादी और सीमित भूमि वाले शहरी क्षेत्र में जमीन की बचत की जा सकेगी।
एक ही बहुमंजिला इमारत में होंगे सभी वोल्टेज लेवल के सबस्टेशन
प्रस्तावित वर्टिकल सबस्टेशन में एक ही बहुमंजिला इमारत में विभिन्न वोल्टेज श्रेणियों — जैसे 220 केवी, 132 केवी और 33/11 केवी — के सबस्टेशन को स्थापित किया जाएगा। प्रत्येक स्तर पर विशेष उपकरण जैसे ट्रांसफॉर्मर, सर्किट ब्रेकर और स्विच गियर्स को लंबवत रूप से व्यवस्थित किया जाएगा। इस प्रणाली से न केवल कम जगह में अधिक क्षमता प्राप्त होगी, बल्कि संचालन और रखरखाव में भी कम जनशक्ति की आवश्यकता होगी।
संजय खत्री ने इस परियोजना से संबंधित एक विस्तृत प्रजेंटेशन (PPT) तैयार किया है, जिसे आगामी सप्ताह में नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम. के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इस परियोजना को शीघ्र ही स्वीकृति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
अंडरग्राउंड केबलिंग से जुड़ेगा सिस्टम, प्राकृतिक आपदाओं में भी बाधित नहीं होगी आपूर्ति
नई व्यवस्था में बिजली आपूर्ति पूरी तरह अंडरग्राउंड केबल नेटवर्क (Underground Cable Network) के जरिए की जाएगी। इसका उद्देश्य यह है कि आंधी, तूफान या भारी बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भी विद्युत आपूर्ति बाधित न हो। इस तरह की व्यवस्था से फॉल्ट (Fault) की संभावनाएं शून्य के करीब पहुंच जाएंगी।
जीआईएस तकनीक के प्रमुख लाभ
कम स्थान में अधिक कार्यक्षमता: गैस इंसुलेटेड (Gas Insulated) तकनीक पारंपरिक एयर इंसुलेटेड सिस्टम की तुलना में लगभग 90% कम स्थान घेरती है।
बेहतर सुरक्षा: सभी उपकरण एक सीलबंद गैसयुक्त कंटेनर (Sealed Container) में रखे जाते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना न्यूनतम हो जाती है।
पर्यावरणीय कारकों से सुरक्षा: यह तकनीक धूल, नमी और अन्य हानिकारक तत्वों से उपकरणों को सुरक्षित रखती है, जिससे उनकी उम्र और विश्वसनीयता बढ़ती है।
कम रखरखाव लागत: उपकरणों की बेहतर सुरक्षा के चलते रखरखाव की आवश्यकता बहुत कम होती है।
शहरी क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति का भविष्य
नोएडा प्राधिकरण की यह पहल एक स्मार्ट और भविष्य उन्मुख ऊर्जा प्रणाली की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है। तेजी से शहरीकरण और भूमि की सीमित उपलब्धता को देखते हुए, वर्टिकल जीआईएस सबस्टेशन जैसे मॉडल ही शहरी विद्युत आपूर्ति प्रणाली के लिए समाधान साबित होंगे। इस योजना के सफल क्रियान्वयन के बाद नोएडा देश के उन चुनिंदा शहरों में शामिल हो जाएगा, जहां अत्याधुनिक वर्टिकल सबस्टेशन तकनीक का उपयोग किया गया है। इससे ना केवल शहर की बिजली आपूर्ति प्रणाली मजबूत होगी, बल्कि आने वाले समय में बढ़ती मांग को भी आसानी से पूरा किया जा सकेगा।
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