डिजिटल गिरफ्तारी का झांसा देकर वायुसेना के रिटायर्ड अधिकारी से एक करोड़ की साइबर ठगी
टेन न्यूज नेटवर्क
नोएडा (19 जून 2025): नोएडा के सेक्टर-36 थाना क्षेत्र में एक हैरान कर देने वाला साइबर ठगी का मामला सामने आया है, जहां ठगों ने भारतीय वायु सेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी को “Digital Arrest” का डर दिखाकर 1 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। खुद को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Telecom regulatory Authority Of India) (TRAI) का अधिकारी बताकर शुरू हुई यह ठगी एक फर्जी मनी लॉन्ड्रिंग केस (Money Laundering Case) और गिरफ्तारी की धमकी तक पहुंच गई।
59 वर्षीय पूर्व वायुसेना अधिकारी मिश्री लाल, जो जेवर के रहने वाले हैं, ने 17 मई को इस साइबर जालसाजी की शुरुआत की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उन्हें दोपहर के समय एक अनजान नंबर से कॉल आई, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को ‘राजेश शर्मा’ नामक ट्राई का अधिकारी बताया और कहा कि उनके आधार कार्ड और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में हुआ है।
इसके बाद कॉल एक अन्य व्यक्ति को ट्रांसफर की गई, जिसने खुद को मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन से इंस्पेक्टर बताते हुए कहा कि मिश्री लाल के खिलाफ गंभीर मामला दर्ज है और जल्द ही उनकी गिरफ्तारी तय है। साथ ही उनकी संपत्तियों को जब्त किए जाने की बात भी कही गई।
वीडियो कॉल पर दिखाई गईं फर्जी सरकारी दस्तावेज़
पूर्व अधिकारी को वाट्सएप वीडियो कॉल (Whatsapp Video Call) पर फर्जी दस्तावेज दिखाए गए, जिनमें वित्त मंत्रालय से जारी होने का दावा किया गया था। दस्तावेज़ों में उनकी गिरफ्तारी, आरोपों और केस के विवरण का हवाला दिया गया। आरोपियों ने यह भी कहा कि मिश्री लाल की निगरानी सरकारी एजेंसियों द्वारा की जा रही है और वह हर समय कैमरे के ज़रिए देखे जा रहे हैं।
डराकर रखा 22 दिन तक, किसी से बात करने पर दी जेल भेजने की धमकी
पीड़ित ने पुलिस को बताया कि उन्हें 22 दिनों तक मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और धमकाया गया कि यदि उन्होंने किसी को भी इस बारे में बताया तो न केवल उन्हें, बल्कि उनके परिवार को भी जेल भेज दिया जाएगा। ठगों ने कहा कि यदि वह गिरफ्तारी से बचना चाहते हैं तो उन्हें अपनी बैंक में मौजूद पूरी रकम ट्रांसफर करनी होगी।
छह अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किए पैसे
ठगों ने मिश्री लाल को छह बैंक खातों की जानकारी दी, जिनमें उन्होंने 20 मई से 12 जून के बीच कुल 1 करोड़ 2 हजार रुपये ट्रांसफर किए। खातों में HDFC, SBI और ABD बैंक शामिल हैं। ठग हर वक्त कॉल पर उन्हें निर्देश देते रहते थे और घर से बाहर जाने पर भी निगरानी करते थे।
13 जून को हुआ ठगी का अहसास, पुलिस में की शिकायत
13 जून को जब मिश्री लाल ने आरोपियों को दोबारा कॉल करने की कोशिश की तो उनके नंबर बंद आ रहे थे। तब जाकर उन्हें अहसास हुआ कि वे साइबर ठगों का शिकार हो चुके हैं। उन्होंने 14 जून को साइबर क्राइम पोर्टल पर इस मामले की शिकायत दर्ज कराई और थाना सेक्टर-36 में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया।
पुलिस कर रही खातों की जांच, दस्तावेज सौंपे गए
साइबर थाना प्रभारी के अनुसार, पीड़ित द्वारा बताए गए सभी बैंक खातों की जांच की जा रही है। प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि रकम देश के विभिन्न हिस्सों में खोले गए खातों में भेजी गई है। मिश्री लाल ने मामले में इस्तेमाल हुए सभी दस्तावेज़ पुलिस को सौंप दिए हैं और गुहार लगाई है कि उनकी रकम उन्हें वापस दिलाई जाए।
साइबर ठगों की नई तकनीक: डिजिटल अरेस्ट
यह मामला इस बात का सबूत है कि साइबर ठग अब नई तकनीकें अपनाकर लोगों को डराकर उनकी मेहनत की कमाई लूट रहे हैं। ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसा नया शब्द प्रयोग कर यह झांसा दिया गया कि वह व्यक्ति लगातार सरकारी एजेंसियों की निगरानी में है और कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए चुपचाप पैसे ट्रांसफर कर दे।
पुलिस की अपील
नोएडा पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अजनबी कॉल पर भरोसा न करें, चाहे वह खुद को कोई भी अधिकारी क्यों न बताए। किसी भी सरकारी एजेंसी की ओर से गिरफ्तारी या संपत्ति जब्ती से संबंधित सूचना फोन पर नहीं दी जाती। ऐसी किसी भी कॉल या मैसेज की तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें।।
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