एफएनजी एक्सप्रेसवे: 13 साल से अधर में लटकी योजना, जल्द शुरू होगा काम

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (8 जून 2025): फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद (एफएनजी) एक्सप्रेसवे परियोजना, जो पिछले करीब 13 वर्षों से ठप पड़ी थी, अब एक बार फिर से गति पकड़ने जा रही है। नोएडा प्राधिकरण और हरियाणा के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) जल्द ही इस बहुप्रतीक्षित योजना को फिर से शुरू करने की तैयारी में जुट गए हैं। परियोजना को अमलीजामा पहनाने के लिए दोनों पक्षों के बीच हाल ही में अहम बैठक भी हुई है।

एफएनजी एक्सप्रेसवे की लंबाई और लागत

एफएनजी एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई लगभग 56 किलोमीटर है, जिसमें से 23 किलोमीटर का हिस्सा नोएडा में स्थित है, जबकि शेष मार्ग फरीदाबाद और गाजियाबाद के क्षेत्र से होकर गुजरेगा। इस परियोजना पर करीब 900 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। योजना के अनुसार, यमुना नदी पर एक 600 मीटर लंबा छह लेन का पुल भी बनाया जाएगा, जो फरीदाबाद और नोएडा को सीधे जोड़ देगा। पुल निर्माण की अनुमानित लागत 200 करोड़ रुपये है, जिसका 50-50 प्रतिशत खर्च नोएडा और हरियाणा सरकारें साझा करेंगी।

नई डीपीआर और मार्ग का चयन

पीडब्ल्यूडी की ओर से परियोजना का सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है और अब तीन संभावित मार्गों (अलाइनमेंट) की नई विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की गई है। पीडब्ल्यूडी मुख्यालय की मंजूरी के बाद इनमें से एक मार्ग को अंतिम रूप दिया जाएगा और उसी पर निर्माण कार्य आरंभ होगा।

इन्फ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास

एफएनजी के तहत नोएडा क्षेत्र में अत्याधुनिक ढांचा तैयार किया जा रहा है। इसमें एक एलिवेटेड रोड, दो अंडरपास, 75 मीटर चौड़ी सड़कें और अन्य संपर्क मार्ग शामिल हैं।

बहलोलपुर के पास 3.68 किमी लंबे अंडरपास का निर्माण पहले ही पूरा किया जा चुका है, जिस पर 30.29 करोड़ रुपये खर्च हुए।

14.6 किमी क्षेत्र में 650 मीटर लंबी एलिवेटेड रोड प्रस्तावित है, जिसकी लागत 633 करोड़ रुपये आंकी गई है।

17.595 किमी दूरी पर एक और अंडरपास प्रस्तावित है, जिस पर 150 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

अंतिम चरण में सेक्टर-168 और 167ए के बीच यमुना पर पुल का निर्माण होगा, जो इस परियोजना का महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।

संपर्क मार्गों से बढ़ेगा औद्योगिक जुड़ाव

एफएनजी एक्सप्रेसवे नोएडा के छह वर्क सर्किलों से होकर गुजरेगा और सेक्टर-63, 64, 65, 67, 68, 80, 81, 83, 84, 85, 86, 87, 89, 90, 138, 140 और फेज-2 जैसे 17 प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों को सीधे जोड़ेगा। यहां 1000 से अधिक औद्योगिक इकाइयां संचालित हैं, जिन्हें एफएनजी से बड़ा लाभ मिलेगा।

यातायात और यात्रा में आएगा बदलाव

एफएनजी एक्सप्रेसवे के पूर्ण होने के बाद गाजियाबाद से फरीदाबाद तक पहुंचने के लिए दिल्ली होकर नहीं जाना पड़ेगा। साथ ही नोएडा और गाजियाबाद से फरीदाबाद और गुरुग्राम पहुंचने का एक नया, तेज और सुविधाजनक विकल्प मिलेगा। यह एक्सप्रेसवे कालिंदी कुंज और नोएडा की मास्टर प्लान रोड पर यातायात का दबाव कम करेगा और नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और ग्रेटर फरीदाबाद जैसे क्षेत्रों के लिए एक नई लाइफलाइन साबित होगा।

एफएनजी एक्सप्रेसवे केवल एक सड़क परियोजना नहीं, बल्कि दो राज्यों के तीन प्रमुख शहरों को जोड़ने वाली रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से बेहद अहम कड़ी बनने जा रही है। यदि प्रस्तावित समय सीमा और बजट में यह योजना साकार होती है, तो इससे लाखों लोगों को यातायात और व्यवसायिक सुविधाएं मिलेंगी।


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