श्मशान घाट और डियर पार्क आमने-सामने, निवासियों की आपत्ति के बाद रोका काम | नोएडा प्राधिकरण
टेन न्यूज नेटवर्क
नोएडा (3 जून 2025): सेक्टर-91 स्थित बायोडायवर्सिटी पार्क के समीप निर्माणाधीन श्मशान घाट को लेकर क्षेत्रवासियों और ग्रामीणों के बीच विवाद गहरा गया है। स्थानीय रेजिडेंट्स की आपत्ति के बाद नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) लोकेश एम ने निर्माण कार्य पर तत्काल रोक लगाने के आदेश दिए हैं और संबंधित अधिकारियों से पूरी रिपोर्ट मांगी है।
पार्क के पास श्मशान घाट पर आपत्ति
यह श्मशान घाट सेक्टर-91 के बायोडायवर्सिटी पार्क के गेट नंबर-2 से मात्र 50 मीटर की दूरी पर स्थित है। लोहे के गेट से होते हुए इस घाट में प्रवेश संभव है। वहीं, नजदीक की रिहायशी सोसाइटी महज 100 मीटर की दूरी पर है, जिसे लेकर रेजिडेंट्स ने आपत्ति दर्ज कराई है। उनका कहना है कि ऐसी सुविधाएं आबादी से दूर होनी चाहिए, ताकि पर्यावरण और स्वास्थ्य पर इसका असर न पड़े।
डियर पार्क और सनसेट सफारी का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट
प्राधिकरण इसी क्षेत्र में एक अत्याधुनिक डियर पार्क का निर्माण करने जा रहा है। 30 एकड़ में फैले इस पार्क में करीब 40 करोड़ रुपये की लागत से मिनी जू की तर्ज पर सुविधाएं विकसित की जाएंगी। प्रोजेक्ट के तहत यहां “सनसेट सफारी” की व्यवस्था भी की जाएगी, जहां दर्शक रात 10 बजे तक स्पेक्ट्रम लाइट्स की रोशनी में हिरण और जलीय पक्षियों को देख सकेंगे। अधिकारियों के मुताबिक, स्पेक्ट्रम लाइट्स की विशेषता यह होगी कि जानवरों को यह प्रकाश अंधकार के समान महसूस होगा, जबकि दर्शकों को सब स्पष्ट दिखाई देगा। प्राधिकरण का दावा है कि यह यूपी का पहला ऐसा सफारी अनुभव होगा।
श्मशान घाट को लेकर ग्रामीणों की दलील
इस विवाद में गेझा गांव के निवासियों का भी पक्ष सामने आया है। ग्रामीणों ने बताया कि यह जमीन ग्राम समाज की है और इसे हाईकोर्ट से नौ साल पहले जीत लिया गया था। ग्रामीणों का कहना है कि प्राधिकरण ने खुद इस भूमि को श्मशान के लिए अधिसूचित किया था और यहां वर्षों से शवों का दाह संस्कार किया जाता रहा है। वर्तमान में यहां दो शवों के एक साथ अंतिम संस्कार की व्यवस्था है। करीब 29 लाख रुपये की लागत से शेड आदि का निर्माण कराया गया है। एक शेड अंतिम संस्कार के लिए जबकि दूसरा आगंतुकों के बैठने के लिए तैयार किया जा रहा था।
सीईओ ने दिए जांच के आदेश
रेजिडेंट्स की शिकायत मिलने के बाद सीईओ लोकेश एम ने मौके पर चल रहे सभी निर्माण कार्यों को तत्काल प्रभाव से रुकवा दिया है और इस पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। इसी बीच, सोमवार दोपहर को श्मशान घाट के पास ग्रामीणों और सेक्टर-92 के निवासियों के बीच तीखी बहस हो गई, जिसके बाद मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट पहुंचे और दोनों पक्षों से बातचीत की।
हिरण लाने की योजना
डियर पार्क के लिए नोएडा, गाजियाबाद और अन्य पास के क्षेत्रों से कोई ऐसा पार्क न होने के चलते, यह परियोजना अनूठी मानी जा रही है। इसमें कुल 132 हिरणों को लाने की योजना है, जिनमें 10 प्रजातियों को शामिल किया जाएगा। इनमें तीन प्रजातियां अफ्रीका से आयात की जाएंगी, जबकि अन्य हिरण कानपुर, लखनऊ और हैदराबाद के चिड़ियाघरों से लाए जाएंगे।विदेश से लाए जा रहे हिरणों के लिए स्थानीय जलवायु को अनुकूल बनाने के लिए विशेषज्ञ सलाहकारों की मदद ली जा रही है।
सवालों के घेरे में प्रोजेक्ट की प्लानिंग
अब बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि क्या एक ही क्षेत्र में श्मशान घाट और डियर पार्क जैसे दो बिल्कुल विपरीत उद्देश्य वाले प्रोजेक्ट साथ-साथ संचालित हो सकते हैं? रेजिडेंट्स और पर्यावरणविदों का मानना है कि इससे न केवल वाइल्डलाइफ को नुकसान होगा बल्कि स्थानीय समाज के मानसिक और सामाजिक संतुलन पर भी असर पड़ सकता है।
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