नोएडा में महिला को डिजिटल अरेस्ट कर 50 लाख की ठगी, वर्चुअल कोर्ट का ड्रामा

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (30 मई 2025): नोएडा के सेक्टर-62 में रहने वाली एक महिला को साइबर ठगों ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ में लेकर 50 लाख रुपये की ठगी कर ली। ठगों ने खुद को सरकारी अधिकारी और मुंबई क्राइम ब्रांच का सदस्य बताकर महिला को मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी दी। डर के माहौल में महिला को तीन दिनों तक फोन कॉल्स के जरिए मानसिक रूप से बंधक बनाकर रखा गया और गोपनीयता बनाए रखने के निर्देश दिए गए। मामला सामने आने के बाद महिला ने साइबर क्राइम थाना नोएडा में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

फोन कॉल से शुरू हुई साजिश, दूरसंचार विभाग का अधिकारी बनकर किया संपर्क

घटना 21 मई दोपहर करीब 2:30 बजे की है। पीड़िता किरण गुप्ता के मोबाइल पर एक महिला का फोन आया, जिसने खुद को “प्रिया शर्मा” नाम से दूरसंचार विभाग, नई दिल्ली की अधिकारी बताया। महिला ने दावा किया कि मुंबई क्राइम ब्रांच से सूचना मिली है कि किरण गुप्ता एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में सहयोगी हैं।

ठग महिला ने बताया कि किरण गुप्ता का नाम नरेश गोयल से जुड़े 538 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग केस में सामने आया है, जिसमें उन पर 2 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन का आरोप है। उसने कहा कि पीड़िता के नाम से मुंबई के एक बैंक में खाता खोला गया है जिसमें कई लेन-देन हुए हैं। इसके साथ ही धमकी दी गई कि उनका आधार और मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिया जाएगा।

मुंबई क्राइम ब्रांच में पेश होने का फरमान, मदद का नाटक कर जाल में फंसाया

प्रिया शर्मा नाम की कॉलर ने किरण को दो घंटे में मुंबई स्थित बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स स्थित क्राइम ब्रांच कार्यालय में पेश होने को कहा। जब किरण ने असमर्थता जताई, तो महिला ने मदद का आश्वासन देकर दोबारा कॉल किया और उन्हें कथित “मुंबई क्राइम ब्रांच अधिकारी” से फोन पर जोड़ा। उस व्यक्ति ने आधार नंबर का हवाला देते हुए मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप दोहराए और पूरा मामला बेहद गोपनीय रखने को कहा। उसने यह भी कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है और लीक होने पर जान का खतरा हो सकता है।

पत्र और सेल्फी मांगी, सोशल मीडिया हटाने के आदेश

इसके बाद किरण गुप्ता से कहा गया कि वह एक पत्र लिखें जिसमें अपने परिवार की जानकारी और खुद की बेगुनाही का ज़िक्र करें। साथ ही उन्हें एक सेल्फी भी भेजने को कहा गया। उनसे कहा गया कि किसी परिवारजन से बात न करें, किसी भी डिलीवरी से बचें, सोशल मीडिया ऐप्स हटा दें और अगली सुबह 9:30 बजे वर्चुअल कोर्ट की सुनवाई के लिए तैयार रहें।

फोन न काटने की हिदायत, वर्चुअल कोर्ट ड्रामा और 50 लाख की ठगी

22 मई को किरण गुप्ता को व्हाट्सऐप कॉल पर कथित वर्चुअल कोर्ट सुनवाई में शामिल किया गया। सुनवाई के बहाने उन्हें घंटों तक फोन पर बनाए रखा गया और फिर कथित ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) अधिकारी से संपर्क कराया गया। उस व्यक्ति ने महाराष्ट्र स्थित एक निजी बैंक का खाता नंबर दिया और 50 लाख रुपये जमा करने को कहा। महिला को निर्देश दिए गए कि पैसा जमा करते वक्त फोन ऑन रखें और पर्स में ही रखें।

ठगी के बाद भी लगातार कॉल, डर का माहौल बनाए रखा

पैसे ट्रांसफर करने के बाद भी दो दिनों तक ठगों ने लगातार कॉल कर यह हिदायत दी कि किसी को कुछ न बताया जाए, और कहा गया कि वेरिफिकेशन के बाद पैसा वापस कर दिया जाएगा। 25 मई को किरण गुप्ता ने जब अपने बेटे से बात की और बैंक खाता जांच करवाया, तब उन्हें एहसास हुआ कि वे एक बड़े साइबर फ्रॉड का शिकार हो चुकी हैं।

पुलिस में शिकायत, जांच शुरू

बेटे की सलाह पर किरण ने तुरंत नोएडा के साइबर क्राइम थाना में जाकर शिकायत दर्ज कराई। साइबर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है और कॉल डिटेल्स, बैंक ट्रांजैक्शन समेत अन्य डिजिटल सबूतों के आधार पर जांच शुरू कर दी है।

चेतावनी: ऐसे कॉल्स से रहें सावधान

साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि कोई भी सरकारी एजेंसी कभी भी फोन या व्हाट्सऐप पर इस तरह की कार्यवाही नहीं करती है। यदि किसी को भी ऐसे कॉल या धमकी मिलती है, तो वह तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर क्राइम सेल से संपर्क करे और कोई वित्तीय लेनदेन न करे।


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