दिल्ली नगर निगम से जनता को बड़ी राहत: संपत्ति कर माफी योजना पास, यूजर चार्ज भी खत्म
टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (22 मई 2025): नई दिल्ली में बुधवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की अब तक की सबसे लंबी हाउस बैठक संपन्न हुई, जिसमें शहरवासियों को कई बड़े तोहफे देने का फैसला लिया गया। बैठक की सबसे अहम उपलब्धि रही संपत्ति कर माफी योजना का पारित होना, जिसके तहत नागरिकों को लंबे समय से लंबित करों से राहत मिलने जा रही है। इसके साथ ही एमसीडी ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए यूजर चार्ज यानी उपभोक्ता अधिभार को भी पूरी तरह खत्म करने का ऐलान किया, जिससे दिल्ली के लाखों निवासी सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे।
बैठक में सभी दलों के पार्षदों ने मानसून से पहले शहर की तैयारियों, खासतौर से नालों की सफाई को लेकर गंभीर चर्चा की। पार्षदों ने पिछले वर्षों में नालों की अनदेखी को लेकर चिंता जताई और मानसून के दौरान बार-बार आने वाली बाढ़ जैसी स्थिति पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। पार्षदों ने कहा कि पिछली सरकार की लापरवाही के चलते दिल्लीवासियों को हर साल जलभराव की गंभीर समस्या से जूझना पड़ता है। इस मौके पर महापौर राजा इकबाल सिंह ने सभी को भरोसा दिलाया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में इस बार जमीनी स्तर पर कार्य किया जा रहा है ताकि मानसून से पहले दिल्ली को जलभराव मुक्त बनाया जा सके।
महापौर राजा इकबाल सिंह ने कहा, “नालों की सफाई को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता स्वयं इस अभियान की निगरानी कर रही हैं। उनका स्पष्ट निर्देश है कि एक भी वार्ड में जलभराव न हो, और इसके लिए मंत्री व निगम अधिकारी लगातार काम में लगे हैं। जनता से किए गए हर वादे को पूरा किया जाएगा।”
संपत्ति कर माफी योजना की बात करें तो, एमसीडी ने नागरिकों पर वित्तीय बोझ कम करने के उद्देश्य से लंबित संपत्ति कर पर लगने वाले ब्याज और विलंब शुल्क को पूरी तरह माफ कर दिया है। नई योजना के अनुसार अब संपत्ति मालिकों को केवल पिछले पाँच वर्षों का बकाया कर चुकाना होगा। इससे पहले की अवधि का सारा बकाया कर स्वतः माफ हो जाएगा। इससे न केवल लाखों आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक संपत्ति मालिकों को राहत मिलेगी, बल्कि कर अनुपालन भी बेहतर होने की उम्मीद है।
इसके अतिरिक्त, नागरिकों की ओर से लंबे समय से की जा रही मांग पर ध्यान देते हुए एमसीडी ने उपयोगकर्ता अधिभार (यूजर चार्ज) को भी पूरी तरह से खत्म करने का निर्णय लिया है। यह अधिभार नागरिक सेवाओं के बदले वसूला जाता था, लेकिन इसे लेकर जनता में असंतोष था। अब इसके हटने से हर घर को आर्थिक राहत मिलेगी और मासिक खर्चों में कमी आएगी।
बैठक में यह साफ झलक रहा था कि त्रि-इंजन सरकार यानी केंद्र, दिल्ली सरकार और नगर निगम एक साथ मिलकर दिल्ली की समस्याओं का समाधान निकालने के लिए प्रयासरत हैं। पार्षदों ने इस संयुक्त कार्यप्रणाली की प्रशंसा की और उम्मीद जताई कि आने वाले समय में दिल्ली को स्वच्छ, सुरक्षित और बुनियादी सुविधाओं से भरपूर राजधानी के रूप में विकसित किया जाएगा।
इस ऐतिहासिक निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि एमसीडी अब केवल कर वसूली का निकाय नहीं, बल्कि जनसेवा की दिशा में ठोस फैसले लेने वाला एक जिम्मेदार प्रशासनिक ढांचा बन चुका है। नगर निगम की यह बैठक न केवल समय की दृष्टि से लंबी थी, बल्कि इसके फैसलों का असर वर्षों तक दिल्लीवासियों के जीवन पर दिखाई देगा।
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