जापान और यूएई में भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने पाक के नापाक हरकतों को किया उजागर

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (22 मई 2025): 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने न केवल सैन्य मोर्चे पर जवाब दिया, बल्कि अब कूटनीतिक स्तर पर भी पाकिस्तान को बेनकाब करने की दिशा में निर्णायक कदम उठाया है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके स्थित आतंकी ठिकानों पर लक्षित हमले के बाद भारत ने 33 देशों में बहुदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का निर्णय लिया है। इसी क्रम में गुरुवार को जापान और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) पहुंचे दो प्रतिनिधिमंडलों ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की सच्चाई से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अवगत कराया। भारत की इस पहल को वैश्विक समर्थन भी मिल रहा है।

अबू धाबी में भारत ने पेश किए सबूत, यूएई ने आतंकवाद को बताया वैश्विक खतरा

यूएई पहुंचे भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व शिवसेना सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे ने किया। प्रतिनिधिमंडल ने अबू धाबी में यूएई की फेडरल नेशनल काउंसिल के सदस्य अहमद मीर खोरी से मुलाकात कर पाकिस्तान से उपजे आतंकवाद और भारत की आत्मरक्षा की नीति की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सीमित लेकिन सटीक और न्यायोचित कार्रवाई करते हुए आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। प्रतिनिधिमंडल में भाजपा, बीजद, आईयूएमएल और अन्य दलों के नेता शामिल रहे। यूएई में भारत के राजदूत संजय सुधीर ने कहा कि भारत और यूएई के बीच यह संवाद दोनों देशों के बीच गहरे द्विपक्षीय संबंधों का प्रतीक है। यूएई के वरिष्ठ सांसद डॉ. अली राशिद अल नूमी ने भारत की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि आतंकवाद किसी धर्म या देश से जुड़ा नहीं होता यह पूरी मानवता के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि आतंक के खिलाफ हमें एकजुट होकर वैश्विक स्तर पर लड़ना होगा। भारत की स्पष्ट और तथ्यों पर आधारित स्थिति को यूएई ने सराहा और इसके प्रति अपना समर्थन जताया।

जापान में भी खुली पाकिस्तान की पोल, भारत को मिला समर्थन

जापान पहुंचे प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जदयू सांसद संजय कुमार झा ने किया। उनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद, भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी, बृजलाल, टीएमसी के अभिषेक बनर्जी, माकपा के जॉन ब्रिटास सहित विभिन्न दलों के नेता और पूर्व राजदूत शामिल थे। टोक्यो में भारतीय दूतावास ने बयान में कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत द्वारा आतंक के खिलाफ की गई कार्रवाई और उसके पीछे के कारणों को विस्तार से साझा किया। हडसन इंस्टीट्यूट के रक्षा मामलों के विशेषज्ञ सतोरू नागाओ ने भारत की सैन्य कार्रवाई को जिम्मेदार और न्यायोचित बताया। उन्होंने कहा कि भारत ने सिर्फ आतंकी शिविरों को निशाना बनाया और यह वैश्विक स्तर पर एक जिम्मेदार राष्ट्र की कार्रवाई कही जा सकती है। जापान में यह संदेश स्पष्ट रूप से सामने आया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख ठोस, दृढ़ और संतुलित है।

वैश्विक मंच पर पाकिस्तान के घेराबंदी की तैयारी

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत ने केवल सीमाओं पर ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच भी आतंक के खिलाफ एक निर्णायक अभियान छेड़ दिया है। पाकिस्तान की भूमिका और उसकी धरती से संचालित आतंकी संगठनों के प्रमाण अब दुनिया के सामने रखे जा रहे हैं। इस रणनीति के तहत भारत 33 देशों में अपने प्रतिनिधिमंडल भेज रहा है, जिससे वैश्विक समर्थन सुनिश्चित किया जा सके और पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग किया जा सके। यह पहल भारत की बदली हुई विदेश नीति को भी दर्शाती है, जिसमें कूटनीति और सुरक्षा रणनीति का संतुलित मेल है। भारत अब आतंकवाद के खिलाफ न सिर्फ़ एक देश के रूप में, बल्कि वैश्विक नेतृत्वकर्ता की भूमिका में नजर आ रहा है।


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