अवैध निर्माणों पर नोएडा प्राधिकरण का एक्शन!, 150 से अधिक बिल्डिंग को गिराने की तैयारी

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (21 मई 2025): नोएडा प्राधिकरण ने अवैध निर्माणों पर सख्त रुख अपनाते हुए विभिन्न सेक्टरों और गांवों में बनी 150 से अधिक इमारतों को अवैध घोषित कर दिया है। इनमें बड़े शो रूम, होटल, कार सर्विस सेंटर और बहुमंजिला आवासीय इमारतें शामिल हैं। चिन्हित इमारतों की दीवारों पर प्राधिकरण ने लाल स्याही से चेतावनी लिख दी है “यह निर्माण अवैध है”, जिससे वहां रहने वाले और व्यापार कर रहे लोगों में हड़कंप मच गया है।

प्राधिकरण के अनुसार, ये इमारतें बिना किसी आधिकारिक अनुमति के नोएडा की प्राधिकृत भूमि पर खड़ी की गई हैं। यह निर्माण नोएडा के बरौला, गढ़ी चौखंडी, सोरखा, बसई, जाहिदाबाद और हाजीपुर जैसे क्षेत्रों में विगत कई वर्षों से चल रहा था। भू-माफियाओं ने इन जमीनों पर कब्जा कर, प्लॉटों को किसानों से खरीदा या कब्जाया और भोले-भाले लोगों को गुमराह कर मकान, दुकानें और शो रूम बेच दिए।

नियोजन में लापरवाही, अब नुकसान आम जनता को

स्थानीय निवासियों का आरोप है कि जब ये कॉलोनियां बसाई जा रही थीं और निर्माण कार्य शुरू था, तब प्राधिकरण की निगरानी टीमों ने कोई हस्तक्षेप नहीं किया। निर्माण की प्रक्रिया महीनों तक चली, लेकिन अधिकारियों की चुप्पी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अब जब ये इमारतें बनकर तैयार हो चुकी हैं और लोगों ने उनमें बसना शुरू कर दिया है, प्राधिकरण इन्हें अवैध बताकर गिराने की तैयारी में है।

बरौला बना अवैध निर्माण का गढ़

सबसे अधिक अवैध निर्माण बरौला क्षेत्र में पाया गया है, जहां बड़ी संख्या में शो रूम और व्यवसायिक प्रतिष्ठान स्थापित किए गए हैं। प्राधिकरण ने पहले ही इन इमारतों को गिराने के लिए एक विशेषज्ञ कंपनी का चयन कर लिया था, लेकिन चूंकि कई निर्माण रिहायशी प्रकृति के हैं, इसलिए इन्हें गिराने से पहले तकनीकी सलाहकारों की आवश्यकता पड़ेगी।

लोगों में नाराज़गी, प्रशासन पर सवाल

प्रभावित लोगों का कहना है कि उन्होंने जीवनभर की कमाई इन मकानों और व्यावसायिक संपत्तियों में लगा दी है, और उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि जमीन अवैध है। उन्होंने मांग की है कि या तो उन्हें वैध किया जाए या फिर उनके नुकसान की भरपाई की जाए।

125 से अधिक पुलिस शिकायतें दर्ज

अवैध निर्माणों से संबंधित मामलों में अब तक 125 से अधिक शिकायतें पुलिस में दर्ज की जा चुकी हैं। इनमें भू-माफियाओं और संबंधित बिल्डरों के खिलाफ धोखाधड़ी और धोखा देने के आरोप लगाए गए हैं।

प्राधिकरण में भी हो रही जांच

प्राधिकरण अब उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई कर रहा है, जिन्होंने इस तरह के अवैध निर्माण को अनदेखा किया या उन्हें शह दी।

ध्वस्तीकरण आचार संहिता के बाद होगा शुरू

चुनावी आचार संहिता लागू होने के कारण फिलहाल किसी भी इमारत को गिराने की प्रक्रिया रोकी गई है। जैसे ही आचार संहिता हटेगी, चिन्हित इमारतों को चरणबद्ध तरीके से ध्वस्त किया जाएगा।

नोएडा में अवैध निर्माण एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जिसमें प्रशासनिक लापरवाही, भू-माफियाओं की साजिश और आम नागरिकों की अनभिज्ञता एक साथ देखने को मिल रही है। अब देखना यह है कि प्राधिकरण इस स्थिति को किस प्रकार नियंत्रित करता है और प्रभावित लोगों को क्या राहत प्रदान करता है।


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