कला की साधना से ग्लैमर तक: सुपर्णा सूद का प्रेरणादायी सफर | टेन न्यूज़ विशेष साक्षात्कार
टेन न्यूज़ नेटवर्क
नोएडा (17 मई 2025): “नृत्य केवल अभिव्यक्ति नहीं, आत्मा की साधना भी है” यह कथन साकार होता है सुपर्णा सूद के जीवन में, जो एक समर्पित भरतनाट्यम नृत्यांगना, अभिनेत्री, मॉडल और कोरियोग्राफर हैं। उन्होंने शास्त्रीय नृत्य को केवल मंच तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे आधुनिक युग की नई पीढ़ी तक पहुँचाने का बेड़ा भी उठाया है।

मां से मिली प्रेरणा, गुरु ने तराशा हुनर
सुपर्णा सूद ने बताया कि नृत्य की प्रेरणा उन्हें उनकी मां से मिली। महज़ चार वर्ष की उम्र से भरतनाट्यम की शिक्षा आरंभ करने वाली सुपर्णा जी ने गुरु के मार्गदर्शन में खुद को निखारा और विभिन्न शास्त्रीय मंचों पर प्रस्तुतियाँ दीं। उन्होंने नृत्य में स्कॉलरशिप प्राप्त की, रिसर्च किया और शास्त्रीय डिग्रियां हासिल कीं।
वह कहती हैं, “मेरी पहली परफॉर्मेंस 6 साल की उम्र में पुष्पांजलि और अलाई पर थी। उस क्षण की याद आज भी मन को भावविभोर कर देती है। अब जब मैं 60 वर्ष की हूँ, तब भी निरंतर सीखा रही हूँ और नृत्य कर रही हूँ।”
शास्त्रीय और समकालीन नृत्य का संगम
हालाँकि भरतनाट्यम उनके जीवन का अभिन्न अंग है, लेकिन उन्होंने कथक, कुचिपुड़ी, बॉलीवुड और कंटेम्परेरी स्टाइल में भी दक्षता हासिल की है। सुपर्णा सूद मानती हैं कि विविध शैलियों का ज्ञान कोरियोग्राफी में नवीनता लाने में सहायक होता है, विशेषकर जब आज की युवा पीढ़ी पारंपरिक के साथ आधुनिक नृत्यों की अपेक्षा रखती है।
संस्कार, परंपरा और युवा पीढ़ी की भूमिका
शास्त्रीय नृत्य को लेकर अपने दृष्टिकोण में सुपर्णा सूद कहती हैं, “जैसे कोई बच्चा जन्म लेते ही हिंदी बोलना सीखता है, वैसे ही भारतीय संस्कृति और नृत्य हमारी आत्मा का हिस्सा हैं। इन्हें सीखना और आगे बढ़ाना हमारा कर्तव्य है।”
उनकी सुपर डांस एकेडमी में शास्त्रीय के साथ आधुनिक नृत्य भी सिखाया जाता है, लेकिन उनका जोर सदैव भारतीय परंपराओं को संजोने पर रहता है। उन्होंने अब तक सैकड़ों विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया है, जिनमें से कई देशभर में प्रशंसा प्राप्त कर रहे हैं।
शिष्य बोले – “सुपर्णा मैम हमारी प्रेरणा हैं”
गुरु सुपर्णा सूद के शिष्यों ने उनके बारे में गहरे सम्मान और स्नेह से बातें साझा कीं।
येशीता त्रिपाठी ने कहा, “पिछले पाँच वर्षों से भरतनाट्यम सीख रही हूँ, और अनुभव बेहद प्रेरक है।”
सौम्या चतुर्वेदी ने बताया, “12 साल से यहाँ सीख रही हूँ। मेरा पूरा बचपन यहीं बीता। उन्होंने हमें बहुत स्नेह और अनुशासन के साथ नृत्य सिखाया।”
वृद्धि चुग ने कहा, “14 वर्षों से सीख रही हूँ। सुपर्णा मैम भरतनाट्यम के साथ अन्य शैलियों में भी दक्ष हैं।”
गोपिका, तितिक्षा भावे, बारिश टिबरेवाल, और शुभी गुप्ता जैसी अनेक छात्राओं ने सुपर्णा जी को ‘गुरु मां’ की उपाधि दी और उनके सान्निध्य को अपने जीवन का सौभाग्य बताया।

नृत्य को लेकर संदेश
अपने संदेश में सुपर्णा सूद ने कहा, “नृत्य केवल कला नहीं, बल्कि मन की स्थिति को संतुलित करने का माध्यम है। यदि आप दुखी हैं, तो नृत्य करें। यदि आप प्रसन्न हैं, तब भी नृत्य करें। यह साधना आपको भीतर से जोड़ती है।”
सुपर्णा सूद का जीवन उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो कला को केवल मंचीय प्रदर्शन नहीं, बल्कि जीवन जीने की शैली मानते हैं। उनका समर्पण, दृष्टिकोण और शिक्षण भावी पीढ़ी को भारतीय संस्कृति से जोड़ने में अहम भूमिका निभा रहा है।
नोएडा सेक्टर 44 स्थित ‘सुपर डांस एकेडमी’ की संस्थापिका एवं प्रशिक्षिका सुपर्णा सूद वर्षों से नृत्य साधना और प्रशिक्षण के क्षेत्र में सक्रिय हैं। टेन न्यूज़ नेटवर्क की टीम ने उनसे विशेष साक्षात्कार के दौरान उनकी कला यात्रा, प्रेरणा और शिष्यों के साथ अनुभवों को जाना।
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