नोएडा (7 मई 2025): उत्तर प्रदेश सरकार की हालिया कैबिनेट बैठक में स्टार्टअप को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। इस दिशा में अब प्राधिकरण ने ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। सेक्टर-82 स्थित सिटी बस टर्मिनल की खाली पड़ी इमारत का उपयोग अब नवाचार और उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए किया जाएगा। प्राधिकरण इस इमारत के एक तल को स्टार्टअप्स के लिए किराए पर आवंटित करेगा।
सिर्फ चयनित और प्रतिभाशाली छात्रों को मिलेगा मौका
प्राधिकरण का उद्देश्य है कि इस स्थान पर सिर्फ उन छात्रों को अवसर दिया जाए, जिनके पास उत्कृष्ट और नवोन्मेषी बिजनेस आइडिया होंगे। इस हेतु एक चयन प्रक्रिया निर्धारित की जा रही है, जिसकी रूपरेखा जल्द ही तैयार की जाएगी। यह आवंटन पूरी तरह किराए के आधार पर होगा, जिसकी दर प्रति वर्गमीटर तय की जाएगी। स्टार्टअप को मिलने वाला यह प्लेटफॉर्म छात्रों और नवोदित उद्यमियों के लिए एक सुनहरा अवसर हो सकता है, जहां से वे अपने व्यवसाय की शुरुआत कर सकेंगे।
अस्पताल की योजना पर लगी रोक, अब स्टार्टअप को मिलेगा स्थान
गौरतलब है कि सेक्टर-82 की इस इमारत को पहले अस्पताल में तब्दील करने की योजना थी। इसके लिए एक आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) भी जारी की गई थी, लेकिन किसी भी कंपनी की रुचि न होने के कारण यह योजना अधर में लटक गई। अब प्राधिकरण ने इस इमारत के एक फ्लोर का उपयोग स्टार्टअप्स के लिए करने का निर्णय लिया है।
इससे पहले प्राधिकरण सेक्टर-2 स्थित पुराने कोर्ट परिसर को भी स्टार्टअप्स के लिए आवंटित कर चुका है। ऐसे में अब सेक्टर-82 की यह नई इमारत भी उपयोग में लाई जाएगी और इससे प्राधिकरण को राजस्व भी प्राप्त होगा।
इंटीरियर में हो सकता है बदलाव, अंतिम निर्णय बोर्ड की अनुमति पर निर्भर
हालांकि इमारत के इंटीरियर को स्टार्टअप्स की आवश्यकताओं के अनुरूप बदला जाएगा या नहीं, इस पर अभी संशय बना हुआ है। इसके लिए बोर्ड मेंबर्स की अनुमति आवश्यक है। वहीं, ग्राउंड फ्लोर पर सिटी बस टर्मिनल का संचालन यथावत जारी रहेगा, जिससे आमजन के आवागमन में कोई रुकावट नहीं आएगी।
इतिहास और संरचना: जानिए बस टर्मिनल इमारत का पूरा विवरण
सिटी बस टर्मिनल का निर्माण कार्य जनवरी 2015 में शुरू हुआ था, जिसकी पहली समयसीमा जुलाई 2016 तय की गई थी। लेकिन भूमि विवाद और मामला अदालत में चले जाने के कारण इसका निर्माण कार्य बाधित रहा। अंततः यह परियोजना सितंबर 2022 में पूरी हुई। यह भव्य इमारत कुल 157 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की गई थी।
यह इमारत दो भागों में विभाजित है। पहले भाग में बेसमेंट और तीन तल्ले हैं, जबकि दूसरे हिस्से में तीसरे से आठवें तल तक का निर्माण हुआ है। बेसमेंट में 522 कारों की पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है। ग्राउंड फ्लोर पर बस संचालन क्षेत्र सक्रिय है, जिसमें 40 बसों की पार्किंग, 100 कारों व टैक्सियों के लिए स्थान मौजूद है।
यहां यात्रियों के लिए स्वागत कक्ष, बुकिंग सेंटर, ऑफिस, प्रतीक्षालय, कॉरिडोर और फूड कोर्ट के लिए भी स्थान आरक्षित हैं। पहले तल पर दुकानें, ऑफिस, एक फूड कोर्ट और लाइब्रेरी कमरा है, जबकि दूसरे तल पर यात्री निवास, साइबर कैफे, एक और फूड कोर्ट, टिकट काउंटर और प्रतीक्षालय क्षेत्र मौजूद हैं।
स्टार्टअप संस्कृति को मिलेगा प्रोत्साहन
यह कदम न केवल छात्रों और युवा उद्यमियों को अपने आइडिया को धरातल पर लाने का मौका देगा, बल्कि इससे प्राधिकरण की खाली पड़ी संपत्तियों का बेहतर उपयोग भी संभव होगा। साथ ही इससे सरकारी राजस्व में इजाफा होगा और नोएडा जैसे उभरते शहरी क्षेत्र में स्टार्टअप संस्कृति को एक नई दिशा मिलेगी।।
प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन नई दिल्ली, दिल्ली सरकार, दिल्ली राजनीति, दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस, दिल्ली नगर निगम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : हिंदी न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।
Discover more from टेन न्यूज हिंदी
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
टिप्पणियाँ बंद हैं।