डिजिटल अरेस्ट के जरिए महिला से 84 लाख की ठगी, निजी बैंक कर्मचारी गिरफ्तार

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (1 मई 2025): साइबर ठगी के एक संगीन मामले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक निजी बैंक कर्मचारी को गिरफ्तार किया है, जो डिजिटल अरेस्ट कर महिला से 84 लाख से अधिक की ठगी करने वाले गिरोह का हिस्सा था। आरोपी की पहचान सीतापुर निवासी सोनू पाल के रूप में हुई है, जो IDFC फर्स्ट बैंक के डिस-सास नगर, पंजाब शाखा में कार्यरत था। पुलिस ने उसके पास से मोबाइल फोन और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं।

महिला को डिजिटल अरेस्ट कर तीन दिन तक रखा

इस मामले की शुरुआत जून 2024 में हुई थी, जब एक महिला ने साइबर क्राइम थाना लखनऊ में शिकायत दर्ज कराई कि कुछ अज्ञात लोगों ने उसे वीडियो कॉल के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट में रखा और धमकी दी कि उसके नाम से एक पार्सल में ड्रग्स पकड़ा गया है। इसी डर का फायदा उठाकर ठगों ने महिला से 23 जून से 25 जून तक उसकी पूरी जमा पूंजी – कुल 84 लाख 16 हजार 989 रुपए – अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करवा ली।

साजिश में शामिल थे चार आरोपी

जांच के दौरान पुलिस ने पहले ही इस ठगी में शामिल तीन अन्य आरोपियों – राम सिंह, नरेंद्र और अक्षय – को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पूछताछ और डिजिटल सबूतों के आधार पर सोनू पाल की संलिप्तता सामने आई, जो इन ठगों को बैंक खाते उपलब्ध कराने का काम करता था।

ठगी के लिए खोले गए खाते, किट रखता था खुद

पूछताछ में सामने आया कि सोनू पाल ने ही आरोपी राम सिंह के नाम से बैंक में चालू खाता खुलवाया था और उसकी बैंक किट अपने पास रख ली थी। इसी खाते में ठगी की कुल रकम में से 69 लाख रुपए अलग-अलग किश्तों में ट्रांसफर किए गए थे। सोनू ने इसके बदले मोटी कमीशन की रकम भी हासिल की।

सरकारी योजनाओं के नाम पर करता था लोगों को गुमराह

पुलिस सूत्रों के अनुसार, सोनू लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने, तात्कालिक लोन देने या बीमार परिजनों की मदद करने के बहाने बैंक खाते खुलवाता था। खाताधारकों को विश्वास में लेकर वह बैंक की चेकबुक, पासबुक और एटीएम कार्ड अपने पास रख लेता था और बाद में ये जानकारी ठग गिरोह तक पहुंचा देता था।

अब तक करोड़ों की रकम ठगी में इस्तेमाल

पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि सोनू पाल द्वारा खुलवाए गए खातों में अब तक करोड़ों रुपये की साइबर ठगी की रकम ट्रांसफर की जा चुकी है। उसके खिलाफ पहले भी साइबर ठगी के मामलों में संलिप्तता के प्रमाण मिल चुके हैं।

लंबे समय से तलाश में थी पुलिस टीम

डीसीपी साइबर प्रीति यादव ने बताया कि सोनू पाल की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार प्रयासरत थी और संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही थी। बुधवार को उसे आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया। मामले में आगे की जांच जारी है, ताकि ठग गिरोह के अन्य सदस्यों और उनके नेटवर्क का भी खुलासा किया जा सके।


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