नोएडा (30 अप्रैल 2025): तकनीकी खराबी के चलते वारंटी अवधि में हीटर की मरम्मत कराने की कोशिश में एक सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता साइबर ठगों का शिकार हो गए। गूगल से कस्टमर केयर नंबर निकालकर सहायता लेने की कोशिश में उन्होंने न केवल अपने क्रेडिट कार्ड से 10 रुपये का भुगतान किया, बल्कि वीडियो कॉल के दौरान कार्ड की सारी जानकारी साझा कर दी। इसके कुछ ही देर बाद उनके बैंक खाते से 91,100 रुपये की बड़ी रकम निकाल ली गई।
घटना नोएडा सेक्टर-70 की है, जहां ए.के. सिंह अपने परिवार के साथ रहते हैं। वह उत्तर प्रदेश ऊर्जा निगम से सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता हैं। उन्होंने पिछले वर्ष बजाज कंपनी का एक इंडक्शन हीटर खरीदा था। हाल ही में उसमें तकनीकी खराबी आने पर उन्होंने 26 अप्रैल की सुबह इंटरनेट पर कंपनी का कस्टमर केयर नंबर खोजा।
इंटरनेट पर मिले नंबर पर संपर्क करने पर एक व्यक्ति ने स्वयं को कंपनी प्रतिनिधि बताया और वीडियो कॉल के जरिए हीटर की स्थिति देखने के बहाने कॉल की। उसने शिकायत दर्ज कराने के लिए 10 रुपये ऑनलाइन भुगतान करने को कहा, जिसे ए.के. सिंह ने अपने क्रेडिट कार्ड से जमा कर दिया।
इसके तुरंत बाद एक बार फिर वीडियो कॉल आई, जिसमें ठग ने उन्हें क्रेडिट कार्ड कैमरे के सामने दिखाने को कहा। जैसे ही उन्होंने कार्ड दिखाया, ठग ने उसमें मौजूद सभी जरूरी जानकारी जैसे कार्ड नंबर, एक्सपायरी डेट और सीवीवी नोट कर ली। कुछ ही देर में ए.के. सिंह के मोबाइल पर 91,100 रुपये कटने का संदेश आया। उन्हें समझ आ गया कि वे धोखाधड़ी का शिकार हो चुके हैं।
उन्होंने तत्काल अपने बैंक के कस्टमर केयर से संपर्क कर क्रेडिट कार्ड को ब्लॉक कराया और फिर साइबर क्राइम थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर भी शिकायत दर्ज की है।
साइबर सेल की एडवाइजरी
घटना के मद्देनजर नोएडा साइबर सेल ने लोगों को जागरूक करने के लिए विस्तृत एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि:
किसी भी अज्ञात व्यक्ति के साथ बैंक, क्रेडिट/डेबिट कार्ड या खाते की जानकारी साझा न करें।
ओटीपी, सीवीवी और पासवर्ड जैसे संवेदनशील विवरण किसी के साथ साझा न करें।
केवल अधिकृत और सुरक्षित वेबसाइटों या ऐप्स के माध्यम से ही ऑनलाइन लेन-देन करें।
अनजान लिंक, ईमेल और कॉल से सतर्क रहें; उन पर क्लिक न करें।
डिवाइस और एप्लिकेशन को समय-समय पर अपडेट करते रहें।
दो-स्तरीय सत्यापन (two-step verification) का उपयोग करें और पासवर्ड नियमित रूप से बदलते रहें।
यदि आप किसी साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं, तो बिना देर किए 1930 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें। घटना के 30 मिनट के भीतर रिपोर्ट दर्ज कराने से बैंक ट्रांजैक्शन को रोका या फ्रीज़ कराना संभव हो सकता है।
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