नोएडा की सोसाइटियों की मनमानी पर सख्ती, करोड़ों का जुर्माना और एफआईआर दर्ज! | Noida Authority
टेन न्यूज नेटवर्क
नोएडा (23 अप्रैल 2025): शहर की साफ-सफाई व्यवस्था को लेकर नोएडा प्राधिकरण ने अब सख्त रुख अपना लिया है। जिन हाउसिंग सोसाइटीज़ में बिना ट्रीटमेंट किए सीवरेज का गंदा पानी सीधे नालों में बहाया जा रहा है, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है। ऐसी सोसाइटियों की अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (AOA) का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही भारी-भरकम जुर्माना और एफआईआर भी दर्ज कराई जा रही है।
सीवरेज पानी के कारण ड्रेनों में गंदगी, करोड़ों का खर्च बेकार
प्राधिकरण की ओर से बताया गया कि नोएडा में नालों की सफाई पर हर साल लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं, बावजूद इसके पानी काला और बदबूदार बना रहता है। हाल ही में किए गए निरीक्षण में पाया गया कि कई हाउसिंग सोसाइटीज़ बिना शोधन (ट्रीटमेंट) के ही सीवरेज को खुले ड्रेनों में बहा रही हैं। ऐसी स्थिति में जहां सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की अनदेखी की गई, वहां प्राधिकरण ने सीवर कनेक्शन तक काट दिया है। साथ ही इन सोसाइटियों पर आपराधिक मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं।
मेरठ चिट फंड कार्यालय को पत्र, रजिस्ट्रेशन निरस्त करने की मांग
नोएडा प्राधिकरण अब मेरठ स्थित चिट फंड रजिस्ट्रार कार्यालय को पत्र भेजकर ऐसे दोषी सोसाइटियों की एओए का रजिस्ट्रेशन निरस्त कराने की सिफारिश कर रहा है। अब तक दो सोसाइटियों के खिलाफ यह पत्र भेजा जा चुका है, जबकि सात अन्य सोसाइटीज़ की सूची भी तैयार की जा चुकी है जिन पर यह कार्रवाई प्रस्तावित है।
यूपी पीसीबी को भी किया गया सूचित
प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने बताया कि इस गंभीर मामले को लेकर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) को भी पत्र भेजा गया है और बैठक भी हो चुकी है, लेकिन अब तक बोर्ड की ओर से कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया है। शहर में अभी भी कई सोसाइटियां चोरी-छिपे untreated सीवरेज पानी ड्रेनों में बहा रही हैं, जिससे शहर की साफ-सफाई और पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
इन सोसाइटियों पर जुर्माना और एफआईआर
प्राधिकरण द्वारा पहले चरण में जिन सोसाइटियों पर कार्रवाई की गई है, उनमें से प्रमुख नाम और उन पर लगे जुर्माने निम्नलिखित हैं:
लोटस पनाश, सेक्टर-100 – एओए पर कार्रवाई की तैयारी
आरजी रेजीडेंसी, सेक्टर-120 – ₹11.9 लाख का जुर्माना, थाना सेक्टर-113 में एफआईआर
सिक्का कार्मिक, सेक्टर-78 – ₹20.3 लाख का जुर्माना, एफआईआर थाना सेक्टर-113
लोटस बुलेवर्ड, सेक्टर-100 (ग्रेनाइट गेट प्रॉपर्टी प्राइवेट लिमिटेड) – एफआईआर थाना सेक्टर-49
पूर्वांचल रॉयल पार्क, सेक्टर-137 – ₹17.9 लाख का जुर्माना, एफआईआर थाना सेक्टर-142
एम्स मैक्स गार्डेनिया, सेक्टर-75 – ₹29.45 लाख का जुर्माना, एफआईआर थाना सेक्टर-113
प्रतीक बिल्डटेक, सेक्टर-45 – ₹18.3 लाख का जुर्माना, एफआईआर थाना सेक्टर-49
आम्रपाली सिलिकॉन सिटी, सेक्टर-76 – ₹19.2 लाख का जुर्माना, एफआईआर थाना सेक्टर-113
इन सभी सोसाइटीज़ पर अब रजिस्ट्रेशन रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
बिल्डर और एओए जिम्मेदार, फिर भी नहीं ले रहे एक्शन
प्राधिकरण का कहना है कि लाखों रुपए का जुर्माना और एफआईआर के बावजूद बिल्डर और एओए की ओर से कोई सुधारात्मक कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। यह रवैया न केवल कानून की अनदेखी है, बल्कि पर्यावरणीय नियमों का खुला उल्लंघन भी है।
नोएडा में करीब 100 हाउसिंग सोसाइटीज़ हैं, जिनमें लाखों की आबादी निवास करती है। यदि इस पर तत्काल नियंत्रण नहीं किया गया, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। प्राधिकरण द्वारा सख्ती बरतते हुए अन्य दोषी सोसाइटीज़ की पहचान का काम जारी है और जल्द ही दूसरी सूची भी जारी की जा सकती है।नोएडा प्राधिकरण का यह कदम पर्यावरण संरक्षण और जनस्वास्थ्य की दिशा में अहम माना जा रहा है। यदि सभी संबंधित एजेंसियां और रहवासी मिलकर सहयोग करें, तभी शहर को साफ-सुथरा और रहने योग्य बनाया जा सकेगा।
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