नोएडा में वायु प्रदूषण से निपटने की तैयारी, मिस्ट स्प्रे सिस्टम का ट्रायल शुरू | नोएडा प्राधिकरण

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (21 अप्रैल 2025): शहर में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण, विशेषकर पीएम (पर्टिकुलेट मैटर) यानी धूल के कणों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से नोएडा प्राधिकरण ने एक नई पहल शुरू की है। इसके तहत डीएससी रोड के एक 700 मीटर लंबे हिस्से पर मिस्ट स्प्रे सिस्टम स्थापित किया गया है। इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत सड़क किनारे कुल 13 पोल लगाए गए हैं, जिन पर प्रत्येक पर छह मिस्ट स्प्रे नोजल लगाए गए हैं। ये नोजल पीक ऑवर्स में सुबह और शाम के समय बारीक पानी की फुहार छोड़ते हैं, जिससे वातावरण में फैली धूल को नीचे बैठाने में मदद मिलती है।

कब और कैसे चलाए जा रहे हैं मिस्ट स्प्रे?

नोएडा प्राधिकरण के जल विभाग के महाप्रबंधक (जीएम) आर. पी. सिंह के अनुसार, मिस्ट स्प्रे सिस्टम को प्रतिदिन सुबह 8 बजे से 11 बजे तक और शाम को 6 बजे से 9 बजे तक 10-10 मिनट के अंतराल पर सक्रिय किया जा रहा है। प्रत्येक स्प्रे सत्र में लगभग 90 सेकंड तक पानी की बारीक फुहार छोड़ी जाती है, जिसके बाद यह 60 सेकंड के लिए रुकता है और फिर दोबारा चालू होता है। इस प्रकार एक निर्धारित चक्र के अंतर्गत यह प्रक्रिया पूरी होती है।

तकनीकी व्यवस्था और पानी की खपत

प्रत्येक पोल पर एक घंटे में लगभग 30 लीटर आरओ (रिवर्स ऑस्मोसिस) पानी की आवश्यकता होती है। इस सिस्टम के संचालन के लिए 5000 लीटर क्षमता वाला जल टैंक, एक आरओ प्लांट और एक स्वचालित कंट्रोल पैनल स्थापित किया गया है। इससे मिस्टिंग प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑटोमेटिक और समयबद्ध ढंग से नियंत्रित किया जा रहा है।

धूल और एलर्जी के कणों पर असर

विशेषज्ञों के अनुसार, मिस्ट स्प्रे सिस्टम वायु में मौजूद सूक्ष्म कणों को बारीक पानी की फुहारों के माध्यम से नीचे गिराने में सक्षम है। यह प्रणाली खासतौर पर उन कणों को लक्षित करती है जो सड़क की धूल, निर्माण कार्यों से उड़ने वाली मिट्टी और एलर्जी फैलाने वाले तत्वों से उत्पन्न होते हैं। साथ ही, यह गर्मी में सड़क के तापमान को भी कम करने में सहायता करता है।

अब तक का खर्च और आगे की योजना

इस पायलट प्रोजेक्ट पर लगभग 50 लाख रुपये का खर्च आया है। फिलहाल यह प्रणाली सेक्टर-15 मेट्रो स्टेशन से लेकर सेक्टर-16 की ओर एक सीमित हिस्से में सक्रिय की गई है। एक सप्ताह तक इस व्यवस्था की कार्यप्रणाली का निरीक्षण किया जाएगा। यदि इसके परिणाम सकारात्मक आते हैं, तो इसे शहर की अन्य मुख्य सड़कों पर भी चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।

धूल नियंत्रण की अन्य व्यवस्थाएं भी जारी

गौरतलब है कि नोएडा प्राधिकरण द्वारा वर्तमान में मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनें और एंटी स्मॉग गन का भी उपयोग किया जा रहा है, जो सड़कों की धूल को साफ करने और वायु में पानी का छिड़काव करने में सहायक हैं। हालांकि, मिस्ट स्प्रे सिस्टम के सफल होने पर यह अपेक्षाकृत कम लागत में ईंधन और मशीनों पर होने वाला खर्च घटा सकता है। नोएडा में इस प्रकार का यह पहला प्रयोग है और अगर यह सफल होता है, तो यह वायु प्रदूषण से लड़ने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि साबित हो सकता है।।


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