नोएडा में 3000 करोड़ की घोटाला जांच: EOW ने 6 बड़े बिल्डरों पर कसा शिकंजा

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (11 अप्रैल 2025): नोएडा के रियल एस्टेट सेक्टर में बड़ा घोटाला सामने आया है। आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offences Wing – EOW), दिल्ली ने छह प्रमुख बिल्डरों के खिलाफ करीब 3000 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता के आरोप में जांच शुरू कर दी है। यह कार्रवाई नोएडा प्राधिकरण द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद शुरू की गई। बताया जा रहा है कि ये बिल्डर प्राधिकरण को दी जाने वाली राशि को दूसरी परियोजनाओं व अन्य कार्यों में लगाते रहे और खरीदारों से मिली रकम का दुरुपयोग किया गया।

हवाला कनेक्शन की भी होगी जांच

EOW न सिर्फ वित्तीय गड़बड़ियों की जांच कर रही है, बल्कि हवाला नेटवर्क के जरिए धन के लेन-देन की भी परतें खोलने में जुटी है। जांच एजेंसी ने नोएडा प्राधिकरण से भूमि आवंटन, ब्रोशर, वित्तीय बकाया और नीति संबंधित दस्तावेज मांगे हैं। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी दस्तावेजों के साथ दिल्ली पहुंचे और प्रारंभिक जानकारी उपलब्ध कराई गई। आगे की जांच के लिए अतिरिक्त दस्तावेज भी मांगे गए हैं।

लूपहोल्स का लाभ उठाकर की साजिश

इन बिल्डरों पर आरोप है कि इन्होंने पूर्ववर्ती सरकार की नीतियों में मौजूद खामियों का फायदा उठाते हुए केवल 10 प्रतिशत राशि जमा कर भूखंडों का आवंटन करा लिया। इसके बाद इन्होंने आकर्षक ब्रोशर जारी किए और बड़ी संख्या में बायर्स को फ्लैट बुकिंग के लिए प्रलोभन दिया। लेकिन अधिकांश परियोजनाएं आज भी अधूरी हैं, और जिन स्थानों पर फ्लैट बने भी हैं, वहां खरीदारों की रजिस्ट्री नहीं हो सकी क्योंकि बिल्डरों ने नोएडा प्राधिकरण की बकाया राशि का भुगतान नहीं किया।

अमिताभ कांत की सिफारिश भी नजरअंदाज

जब यह मामला उजागर हुआ, तो सरकार ने नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की सिफारिशों के तहत बकाया के 25 प्रतिशत भुगतान की सुविधा दी, ताकि परियोजनाएं आगे बढ़ सकें। लेकिन संबंधित बिल्डरों ने इस योजना में भी कोई रुचि नहीं दिखाई, न ही किसी बैठक में भाग लिया।

इन तीन बिल्डरों पर 1767 करोड़ रुपये का बकाया

एसो टेक लिमिटेड को सेक्टर-78 के जीएच-04ए भूखंड का आवंटन 2010 में किया गया। 88 करोड़ रुपये का बकाया।

जीएसएस प्रोकॉन प्राइवेट लिमिटेड को सेक्टर-143बी में 2010 में भूखंड दिया गया। 90.54 करोड़ रुपये का बकाया है।

ग्रेनाइट गेट प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड की दो परियोजनाओं पर कुल 1589.27 करोड़ रुपये बकाया – पहली पर 495.85 करोड़ और दूसरी पर 1093.42 करोड़ रुपये।

अन्य तीन बिल्डरों पर 1425 करोड़ रुपये का बकाया

शुभकामना बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड को 2010 में सेक्टर-137 में भूखंड आवंटित किया गया था। निर्माण कार्य अधूरा है और बकाया राशि अब भी जमा नहीं की गई।

आईवीआर प्राइम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को सेक्टर-118 में 2007 में भूमि दी गई थी। परियोजना अधूरी है और भारी वित्तीय बकाया लंबित है।

सेठी बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड को सेक्टर-76 में 2010 में भूमि सौंपी गई थी। कोविड काल में भी छूट दी गई लेकिन 25 प्रतिशत बकाया तक जमा नहीं किया गया।

प्राधिकरण ने कई बार भेजे नोटिस

नोएडा प्राधिकरण ने समय-समय पर बिल्डरों को नोटिस भेजे, लेकिन न तो धनराशि जमा की गई और न ही परियोजनाएं पूरी की गईं। अंततः प्राधिकरण के सीईओ ने दिल्ली EOW से मामले की जांच की मांग की। अब उम्मीद की जा रही है कि इस जांच से हजारों खरीदारों को न्याय मिलेगा और नोएडा में रियल एस्टेट पारदर्शिता की ओर बढ़ेगा।


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