नोएडा में छह लेन का एलिवेटेड एक्सप्रेस-वे प्रस्तावित, एनएचएआई को सौंपा जाएगा निर्माण का जिम्मा

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (28 मार्च 2025): नोएडा में यातायात दबाव को कम करने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की गई है, जिसके तहत यमुना पुश्ता पर छह लेन का एक एलिवेटेड एक्सप्रेसवे बनाने का प्रस्ताव है। यह एक्सप्रेसवे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और अन्य प्रमुख मार्गों से यातायात को सुगम बनाने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है। इस परियोजना का प्रस्ताव अब नोएडा प्राधिकरण के बोर्ड में रखा जाएगा, और इसे निर्माण के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) को सौंपा जाएगा।

योजना का उद्देश्य और महत्व

नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, यमुना एक्सप्रेसवे और आसपास के क्षेत्रों में तेजी से बढ़ते वाणिज्यिक और औद्योगिक विकास के कारण यातायात का दबाव लगातार बढ़ रहा है। इसके साथ ही, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण से यातायात में और वृद्धि होने की संभावना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यमुना पुश्ता पर एक एलिवेटेड एक्सप्रेसवे का निर्माण करना है, जो इन समस्याओं का समाधान करेगा और भविष्य में बढ़ते ट्रैफिक को नियंत्रित करेगा।

निर्माण की योजना

यह एक्सप्रेसवे ओखला बैराज से हिंडन यमुना होते हुए यमुना एक्सप्रेसवे तक जाएगा। प्राधिकरण ने बताया कि इस मार्ग के लिए छह लेन एलिवेटेड या 8 लेन ग्राउंड लेवल विकल्प पर विचार किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत हिंडन यमुना दोआब होते हुए हिंडन नदी को पार करते हुए यमुना एक्सप्रेसवे तक पहुंचने के लिए दो प्रमुख स्थानों पर लूप या अंडरपास बनाने की आवश्यकता होगी। ये लूप या अंडरपास सेक्टर-168 और सेक्टर-150 के बीच बनेंगे, जो यातायात को और भी सुगम बनाएंगे।

प्रस्ताव से होने वाले लाभ

इस एक्सप्रेसवे के बनने से दिल्ली और हरियाणा की ओर जाने वाला यातायात, साथ ही ग्रेटर नोएडा, आगरा, और लखनऊ के यात्रियों के लिए बड़ी राहत मिलेगी। वे बिना नोएडा में प्रवेश किए सीधे अपने गंतव्य की ओर जा सकेंगे। इसके अलावा, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जाने वाले यातायात के लिए भी यह मार्ग बेहद सहायक साबित होगा। इस एक्सप्रेसवे के जरिए प्रदूषण पर नियंत्रण पाने में भी मदद मिलेगी, क्योंकि इससे जाम और वाहनों की अत्यधिक संख्या कम हो सकेगी।

परियोजना की चुनौतियां

हालांकि, इस महत्वाकांक्षी परियोजना के सामने कुछ चुनौतियां भी हैं। प्राधिकरण को इस निर्माण के लिए सिचाई विभाग से आवश्यक एनओसी प्राप्त करना होगा। इसके अलावा, ट्रैफिक सर्वेक्षण, फिजिबिलिटी रिपोर्ट, और डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया भी महत्वपूर्ण होगी, ताकि एनएचएआई को इस परियोजना के लिए राजी किया जा सके। नोएडा के विकास के इस नए अध्याय को लेकर शहरवासियों और अधिकारियों दोनों में उत्साह है, और उम्मीद जताई जा रही है कि यह एक्सप्रेसवे नोएडा को और भी बेहतर कनेक्टिविटी और ट्रैफिक सुगमता प्रदान करेगा।।


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