नोएडा (20 मार्च 2025): नोएडा प्राधिकरण ने दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट (डीएनडी) फ्लाईवे पर लगी विज्ञापनों की जांच का आदेश दिया है, जिसमें कथित रूप से प्राधिकरण को लाखों रुपए का राजस्व नुकसान हुआ है। इसके साथ ही प्राधिकरण ने डीएनडी की करीब 330 एकड़ खाली भूमि की वापसी के लिए सर्वेक्षण प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
330 एकड़ भूमि की वापसी का निर्णय
नोएडा प्राधिकरण ने 1997 में डीएनडी फ्लाईवे के निर्माण के लिए नोएडा टोल ब्रिज कंपनी को 454 एकड़ भूमि दी थी। इसमें से करीब 124 एकड़ भूमि का इस्तेमाल फ्लाईवे और अन्य निर्माण कार्यों के लिए किया गया है, जबकि लगभग 330 एकड़ भूमि खाली पड़ी है। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नोएडा प्राधिकरण ने यह फैसला लिया है कि इस खाली पड़ी भूमि को वापस लिया जाएगा। इस भूमि की कीमत अरबों में आंकी जा रही है, और इसके लिए एक समिति का गठन कर सर्वेक्षण प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
विज्ञापन अधिकारों पर जांच
सीईओ, नोएडा प्राधिकरण ने डीएनडी फ्लाईवे पर लगे विज्ञापनों की जांच के आदेश दिए हैं, क्योंकि इन विज्ञापनों की आड़ में प्राधिकरण को राजस्व का बड़ा नुकसान हुआ है। दिसंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश में यह स्पष्ट किया गया था कि डीएनडी पर लगे विज्ञापन अधिकार अब प्राधिकरण के पास होंगे। हालांकि, कुछ अधिकारियों और विज्ञापन प्रदाता कंपनी के बीच साठगांठ के कारण, कंपनी ने पिछले तीन महीनों तक डीएनडी पर विज्ञापन करना जारी रखा, जबकि प्राधिकरण को केवल कम राजस्व प्राप्त हुआ।
पिछले तीन महीनों में, विज्ञापन प्रदाता कंपनी को प्रति माह लगभग 28 लाख रुपए प्राधिकरण को देने थे, लेकिन कथित साठगांठ के कारण यह राशि महज 22 से 25 लाख रुपए तक ही पहुंची। इसके अलावा, नोएडा प्राधिकरण के बाह्य विज्ञापन बॉयलॉज के तहत डीएनडी पर छोटे पोल पर विज्ञापन लगाने की अनुमति नहीं है, लेकिन इसके बावजूद एलईडी स्क्रीन के जरिए विज्ञापन किए गए।
जांच और विज्ञापन हटाने के आदेश
जांच के बाद सीईओ ने निर्देश दिए हैं कि सभी अवैध विज्ञापनों को तुरंत हटा दिया जाए। प्राधिकरण का मानना है कि इस तरह की साठगांठ और नियमों की अनदेखी से राजस्व में भारी कमी आई है। इसके अतिरिक्त, विज्ञापन प्रदाता कंपनी से जुड़े अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
डीएनडी फ्लाईवे का इतिहास
डीएनडी फ्लाईवे का निर्माण 1997 में नोएडा प्राधिकरण और नोएडा टोल ब्रिज कंपनी के बीच हुए समझौते के तहत हुआ था। निर्माण कार्य 2001 में पूरा हुआ, और फ्लाईवे का उद्घाटन 7 फरवरी 2001 को हुआ था। इस परियोजना के अंतर्गत टोल वसूलने का अधिकार भी कंपनी के पास था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के 2016 के फैसले ने इसे खारिज कर दिया, और इस पर कोई भी टोल शुल्क नहीं लगाया जा सकता।
हालांकि, अब डीएनडी फ्लाईवे की जमीन और विज्ञापन अधिकार नोएडा प्राधिकरण के पास लौट आ रहे हैं, जो राजस्व वृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। प्राधिकरण का कहना है कि भूमि की वापसी की प्रक्रिया पूरी करने के लिए जल्द ही सर्वेक्षण की रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी।
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