जेपी एसोसिएट्स का प्लॉट निरस्त, उच्च न्यायालय ने यमुना प्राधिकरण के पक्ष में सुनाया फैसला

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (13 मार्च 2025): यमुना अथॉरिटी (Yamuna Authority) और जेपी असोसिएट्स (JP Associates) के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यमुना अथॉरिटी के पक्ष में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 2020 में यमुना अथॉरिटी द्वारा निरस्त किए गए जेपी असोसिएट्स के 1000 हेक्टेयर के प्लॉट को लेकर दिए गए आदेश को सही ठहराया है। इस फैसले के साथ ही कोर्ट ने अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा कराने के लिए एक कमिटी गठित करने का भी आदेश दिया है।

2100 बायर्स को मिलेगा फ्लैट

इस जमीन पर कई ग्रुप हाउसिंग प्रॉजेक्ट अधूरे पड़े हैं, जिसमें लगभग 2100 बायर्स फंसे हुए हैं। अब यमुना अथॉरिटी की जिम्मेदारी होगी कि वह इन बायर्स के लिए फ्लैट पूरे कराए। इस फैसले के बाद यमुना अथॉरिटी को उन अधूरे प्रॉजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी सौपी गई है, जिन्हें जेपी असोसिएट्स ने अपनी वित्तीय समस्याओं के कारण पूरा नहीं किया।

2000 करोड़ से अधिक का बकाया

जेपी असोसिएट्स पर यमुना अथॉरिटी का 2000 करोड़ रुपये से भी अधिक का बकाया था। कंपनी ने समय पर बकाया जमा नहीं किया था, जिसके कारण 2020 में यमुना अथॉरिटी ने कंपनी को आवंटित 1000 हेक्टेयर के प्लॉट को निरस्त कर दिया। इसके बाद कंपनी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ अपील की थी, लेकिन अब कोर्ट ने यमुना अथॉरिटी के फैसले को बरकरार रखा है। कोर्ट के आदेश में कहा गया कि अगर कंपनी 100 करोड़ का बकाया यमुना अथॉरिटी के खाते में जमा कराए, तो पुनर्विचार किया जा सकता है।

अधूरे प्रॉजेक्टों को पूरा करने के लिए गठित होगी कमिटी

कोर्ट ने यमुना अथॉरिटी के अनुरोध पर आदेश दिया है कि इन अधूरे प्रॉजेक्टों को पूरा कराने के लिए एक कमिटी बनाई जाए। इस कमिटी का काम उन सभी अधूरे प्रॉजेक्टों की समीक्षा करना होगा और रिपोर्ट तैयार करनी होगी। इनमें 12 ग्रुप हाउसिंग प्रॉजेक्ट और कुछ अन्य प्लॉट प्रॉजेक्ट शामिल हैं। यमुना अथॉरिटी अब इन सभी प्रॉजेक्टों को पूरा करने की जिम्मेदारी उठाएगी।

बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट की देखरेख भी यमुना अथॉरिटी करेगी

इस जमीन पर स्थित बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट, जो पहले फार्मूला-1 और मोटो जीपी जैसे अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों का गवाह बन चुका है, अब उसकी देखरेख भी यमुना अथॉरिटी करेगी। इसके अलावा, 1000 हेक्टेयर जमीन का विकास कैसे किया जाएगा, इसका निर्णय भी यमुना अथॉरिटी ही लेगी।

एनसीएलटी में भी चल रहा है मामला

इसके साथ ही जेपी असोसिएट्स का मामला राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में भी विचाराधीन है। हाई कोर्ट ने इस मामले को लेकर भी यमुना अथॉरिटी को कुछ दिशा-निर्देश दिए हैं। यह फैसला यमुना अथॉरिटी और जेपी असोसिएट्स के बीच एक लंबे संघर्ष का अंत कर सकता है, साथ ही बायर्स को उनके अधूरे प्रॉजेक्टों का समाधान मिलने की उम्मीद जगी है।।


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