ग्रेटर नोएडा (27 फरवरी 2025): जिले में बिना लाइसेंस के संचालित कोल्ड स्टोरेज पर प्रशासन ने शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। पिछले साल दादरी के बिसहाड़ा रोड स्थित एसपीजे कोल्ड स्टोर में गोमांस मिलने की पुष्टि के बाद प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए इसका लाइसेंस निरस्त कर दिया था। इस मामले में 16 आरोपियों के नाम सामने आए थे, जिनमें से 13 को जेल भेजा जा चुका है। इस घटना के बाद से प्रशासन ने अन्य अवैध कोल्ड स्टोरेज की पहचान करने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
छह अवैध कोल्ड स्टोरेज चिह्नित, अब तक नहीं मिला जवाब
जांच के दौरान कासना औद्योगिक क्षेत्र सहित कई इलाकों में बिना लाइसेंस संचालित छह कोल्ड स्टोरेज का पता चला है। जिलाधिकारी के निर्देश पर उद्यान विभाग ने इन सभी संचालकों को नोटिस जारी कर लाइसेंस प्राप्त करने के लिए कहा था। हालांकि, अब तक किसी भी संचालक ने न तो नोटिस का जवाब दिया और न ही लाइसेंस लेने की दिशा में कोई कदम उठाया है।
प्रशासन ने दी सख्त चेतावनी, दर्ज होगी FIR
सहायक उद्यान निरीक्षक ऋचा शर्मा ने बताया कि अब इन कोल्ड स्टोरेज संचालकों को रिमाइंडर नोटिस भेजा जा रहा है। यदि इसके बाद भी जवाब नहीं मिलता है, तो उनके खिलाफ संबंधित कोतवाली में प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई जाएगी। बिना लाइसेंस संचालित कोल्ड स्टोरेज खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन कर रहे हैं और इनसे गंभीर स्वास्थ्य संबंधी खतरे भी हो सकते हैं। यदि संचालक नियमों का पालन नहीं करते, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, उन्होंने कहा।
बड़े कारोबारियों से जुड़े तार, कार्रवाई में हो रही देरी?
सूत्रों के अनुसार, इन अवैध कोल्ड स्टोरेज के तार बड़े कारोबारियों से जुड़े हुए हैं। यहां पर उन्हीं व्यापारियों का माल संग्रहीत किया जाता है, जो इसे आसपास के राज्यों और विदेशों तक भेजते हैं। गो रक्षक दल के वेद नागर ने आरोप लगाया कि इन कोल्ड स्टोरेज के संचालन में प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता के कारण प्रशासन कार्रवाई करने में देरी कर रहा है। उन्होंने कहा, “बड़े कारोबारियों से जुड़े होने के कारण अधिकारी भी इन मामलों में हाथ डालने से बच रहे हैं। लेकिन यदि अवैध स्टोरेज पर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई, तो यह भविष्य में एक बड़ी समस्या बन सकता है।”
प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी निगाहें
अब सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन इन अवैध कोल्ड स्टोरेज के खिलाफ सख्त कदम उठाएगा या फिर प्रभावशाली लोगों के दबाव में यह मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा? रिमाइंडर नोटिस के बाद प्रशासन की अगली कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।।
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