ग्रेटर नोएडा में हनी ट्रैप गिरोह का पर्दाफाश, महिला समेत तीन गिरफ्तार
टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (27 फरवरी 2025): थाना बादलपुर पुलिस ने हनी ट्रैप के माध्यम से ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह में एक महिला समेत तीन आरोपी शामिल थे, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से 40,000 रुपये नकद बरामद किए हैं।
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपियों ने ग्राम सादोपुर, थाना बादलपुर में एक व्यक्ति को हनी ट्रैप में फंसाकर दुष्कर्म का झूठा मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दी। फिर समझौते के नाम पर 2.5 लाख रुपये की मांग की, जिसमें से 40,000 रुपये पहले ही वसूल लिए गए थे। पीड़ित की शिकायत पर थाना बादलपुर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
कैसे खुला गिरोह का राज?
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शशक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि 22 फरवरी को पीआरवी के माध्यम से पुलिस को सूचना मिली कि एक 19-20 वर्षीय युवती के साथ दुष्कर्म हुआ है। जब पुलिस मौके पर पहुंची और जांच की, तो पीड़िता ने घटना सुबह 7:30 बजे से 8:30 बजे के बीच होने का दावा किया।
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और पड़ोसियों से पूछताछ की, तो घटना संदिग्ध पाई गई। सीसीटीवी फुटेज में पीड़िता की बड़ी बहन उसी समय कमरे में मौजूद थी, और आसपास के किरायेदार भी सामान्य गतिविधियों में व्यस्त थे। पुलिस को संदेह हुआ कि यह सुनियोजित साजिश हो सकती है, जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर विशेष टीम का गठन किया गया।
गिरफ्तारी और बरामदगी
थाना बादलपुर पुलिस ने 26 फरवरी को लोकल इंटेलिजेंस और गोपनीय सूचना के आधार पर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए आरोपी हैं:
1. बादल डेढ़ा उर्फ कालू सिंह – इससे 13,000 रुपये बरामद
2. प्रिंस – इससे 12,000 रुपये बरामद
3. जेहरा (महिला आरोपी) – इससे 15,000 रुपये बरामद
कुल मिलाकर 40,000 रुपये बरामद किए गए, जो पीड़ित से ठगे गए पैसों का हिस्सा थे।
पुलिस पूछताछ में बड़ा खुलासा
जब महिला आरोपी जेहरा से पूछताछ की गई, तो उसने बताया कि वह अकेली रहती है, उसके पिता नहीं हैं, और उसकी मां से अनबन चल रही है। बादल और प्रिंस उसके मुंह बोले भाई हैं। वह पिछले दो साल से बादल के मकान में दिल्ली में रह रही थी, और बादल ही उसका खर्चा उठाता था।
बादल डेढ़ा उर्फ कालू सिंह एक आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है। उसके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं, और वह नई दिल्ली के थाना न्यू अशोक नगर में हिस्ट्रीशीटर है। पूछताछ में यह भी पता चला कि इस गिरोह ने पहले भी कई लोगों को इसी तरीके से फंसाकर पैसे ऐंठे हैं।
गिरोह के अपराध का तरीका
1. महिला आरोपी को किराए पर कमरा दिलवाया जाता था।
2. फिर मकान मालिक से बातचीत कर अच्छे संबंध बनाए जाते।
3. कुछ ही दिनों बाद, मकान मालिक को किसी बहाने महिला के कमरे में बुलाया जाता।
4. इसके बाद, गिरोह के अन्य सदस्य वहां पहुंचकर उसे धमकाते कि उसने दुष्कर्म किया है और उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया जाएगा।
5. फिर ये लोग समझौते के नाम पर लाखों रुपये ऐंठते और मामला खत्म करने का झांसा देते।
6. अगर मकान मालिक पैसे देने में देरी करता, तो पुलिस हेल्पलाइन 112 पर झूठी शिकायत दर्ज करा दी जाती।
पहले भी कर चुके हैं ठगी
जांच में खुलासा हुआ कि इस गिरोह ने गाजियाबाद के थाना अंकुर विहार क्षेत्र में भी 2 नवंबर 2024 को इसी तरह की ठगी की थी। वहां एक मकान मालिक और उसके नाबालिग बेटे पर दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाया गया और 5.5 लाख रुपये ऐंठे गए। बाद में, तीनों आरोपियों ने 17 नवंबर 2024 को थाने में समझौता पत्र देकर मामला रफा-दफा कर दिया।
बादल डेढ़ा: नाम बदलकर बचने की कोशिश
बादल डेढ़ा उर्फ कालू सिंह एक शातिर अपराधी है, जिसके खिलाफ पहले ही 11 मुकदमे दर्ज हैं। उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई हो चुकी है। उसने पुलिस से बचने के लिए अपना नाम बदला—पहले उसका नाम कालू सिंह था, लेकिन जब अपराधों की फेहरिस्त लंबी हो गई, तो उसने आधार कार्ड में नाम बदलकर “बादल डेढ़ा” रख लिया और इसी नाम से पहचान बनाने लगा।
कैसे फंसा सादोपुर का पीड़ित?
गिरोह ने सादोपुर में भी यही तरीका अपनाया।
1. महिला आरोपी को मकान मालिक के घर किराए पर रखा गया।
2. तीन दिन बाद, सिंक के पाइप खराब होने का बहाना बनाकर मकान मालिक को कमरे में बुलाया।
3. वहां बादल और प्रिंस भी आ गए और मकान मालिक को धमकाया कि अगर पैसे नहीं दिए, तो दुष्कर्म का केस दर्ज कर देंगे।
4. मकान मालिक के पास पहले से मौजूद सीसीटीवी फुटेज के कारण पुलिस को शक हुआ, और पूरे गिरोह का पर्दाफाश हो गया।
पुलिस की सतर्कता से बचा एक और पीड़ित
अगर थाना बादलपुर पुलिस इस मामले में गहराई से जांच न करती, तो यह गिरोह फिर से किसी निर्दोष व्यक्ति को फंसा सकता था। पुलिस अधिकारियों की सूझबूझ और जांच में पारदर्शिता के चलते गिरोह का पूरा नेटवर्क उजागर हो गया और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
यह गिरोह दिल्ली-एनसीआर में घूम-घूमकर मकान मालिकों को हनी ट्रैप में फंसाने का काम कर रहा था। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से तीन शातिर अपराधी गिरफ्तार हो गए हैं, और मामले की आगे जांच जारी है। यह घटना अन्य लोगों के लिए भी सबक है कि अनजान किरायेदारों को रखते समय सावधानी बरतें और किसी भी संदेहजनक गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।।
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