शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच के लिए तैयार किसान, सुरक्षा बल अलर्ट पर

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (06 दिसंबर 2024): पंजाब के शंभू बॉर्डर पर 10 महीने से डेरा डाले बैठे किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में दिल्ली कूच करने का फैसला किया है। किसान संगठनों ने 101 किसानों के जत्थे के साथ शुक्रवार को दोपहर एक बजे दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरू करने की घोषणा की है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले यह कदम उठाया गया है।

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, “हम दोपहर एक बजे शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर कूच करेंगे। अगर सरकार हमें रोकती है, तो यह हमारी नैतिक जीत होगी। हम शांतिपूर्वक अपनी मांगों को लेकर दिल्ली जा रहे हैं।” उन्होंने केंद्र और राज्यों की सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि किसान दुश्मन देश के नागरिकों की तरह व्यवहार का सामना कर रहे हैं।

किसानों की मुख्य मांगों में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और अन्य मुद्दे शामिल हैं। इससे पहले किसान संगठनों ने ट्रैक्टर-ट्रॉली के बजाय पैदल मार्च का फैसला लिया था, ताकि प्रशासन के पास रोकने का कोई तर्क न रहे।

अंबाला जिला प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 लागू कर दी है। इसके तहत पांच या अधिक व्यक्तियों की गैरकानूनी सभा और किसी भी प्रकार के जुलूस पर रोक लगा दी गई है।
अंबाला के उपायुक्त और जिला मजिस्ट्रेट ने किसानों से मार्च पर पुनर्विचार करने और दिल्ली पुलिस से अनुमति लेने की अपील की है।

पुलिस अधीक्षक सुरिंदर सिंह भोरिया ने कहा, “हमने पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए हैं। कानून व्यवस्था बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है। किसानों को शांति बनाए रखनी चाहिए और कानून का पालन करना चाहिए।”

हरियाणा सीमा पर बहुस्तरीय बैरिकेडिंग और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। प्रशासन ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा है।

प्रशासन का मानना है कि आंदोलनकारी संसद का घेराव कर सकते हैं या राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के राजमार्गों पर स्थायी डेरा डाल सकते हैं। ऐसे में मार्च को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस अधिनियम की धारा 69 के तहत कोई अनुमति नहीं दी गई है।

किसानों का कहना है कि उनका मार्च शांतिपूर्ण रहेगा। उन्होंने दावा किया है कि यदि उन्हें रोका गया तो यह किसानों की नैतिक जीत होगी। अब देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस स्थिति को कैसे संभालते हैं।।


Discover more from टेन न्यूज हिंदी

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

टिप्पणियाँ बंद हैं।