27 साल बाद दिल्ली में भाजपा की ऐतिहासिक वापसी: कई प्रमुख पदों पर मंथन जारी

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (11 फरवरी 2025): दिल्ली विधानसभा चुनावों में 27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। अब पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों के चयन की है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में इसको लेकर मंथन जारी है, लेकिन यह लगभग तय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल्ली लौटने के बाद ही मुख्यमंत्री और मंत्रियों के नामों की आधिकारिक घोषणा होगी।

भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि सरकार में किसे क्या जिम्मेदारी दी जाएगी, यह पूरी तरह से पार्टी नेतृत्व पर निर्भर करेगा। पिछले कुछ वर्षों में भाजपा ने ऐसे कई फैसले लिए हैं, जो राजनीतिक विश्लेषकों के लिए अप्रत्याशित साबित हुए हैं। इसलिए इस बार भी कयास लगाना मुश्किल है कि किन 10 विधायकों को प्रमुख पदों की जिम्मेदारी मिलेगी।

जातीय और भौगोलिक समीकरणों पर विचार

पार्टी सूत्रों के अनुसार, संभावित नामों पर विचार-विमर्श जारी है, जिसमें जातीय समीकरण, सामाजिक और भौगोलिक संतुलन को ध्यान में रखा जा रहा है। भाजपा के 48 विधायक इस बार विधानसभा पहुंचे हैं, जिनमें से कई पहली बार निर्वाचित हुए हैं और कुछ अन्य दलों से आए हुए हैं। हालांकि, पार्टी के नेता इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि मुख्यमंत्री मौजूदा विधायकों में से ही चुना जाएगा।

यदि किसी सांसद को मुख्यमंत्री बनाया जाता है, तो दिल्ली में दो उपचुनाव कराने होंगे। पहला, मुख्यमंत्री बनने वाले के लिए किसी विधायक से इस्तीफा दिलाना होगा, और दूसरा, लोकसभा की खाली सीट के लिए चुनाव कराना होगा। यही कारण है कि भाजपा नेतृत्व किसी वर्तमान विधायक को ही मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपने पर विचार कर रहा है।

10 प्रमुख पदों पर फैसला जल्द

दिल्ली में मुख्यमंत्री के अलावा छह मंत्री बनाए जा सकते हैं। इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर), उपाध्यक्ष (डिप्टी स्पीकर) और मुख्य सचेतक के पदों पर भी नियुक्ति होनी है। हालांकि, मुख्य सचेतक का पद मंत्री स्तर का नहीं होता, लेकिन विधानसभा में उसकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है।

पार्टी इस बात पर भी विचार कर रही है कि क्या इस बार किसी महिला को मुख्यमंत्री पद दिया जाए। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो भाजपा कम से कम एक महिला को मंत्री पद या अन्य महत्वपूर्ण पदों में शामिल कर सकती है। पार्टी की रणनीति हमेशा से सभी समुदायों और क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व देने की रही है, इसलिए इस बार भी विभिन्न जातीय समूहों से संभावित उम्मीदवारों के नामों पर विचार किया जा रहा है।

संभावित उम्मीदवारों की सूची

सिख समुदाय से: अरविंदर सिंह लवली, मनजिंदर सिंह सिरसा, तरविंदर सिंह मारवाह
जाट समुदाय से: प्रवेश वर्मा, कैलाश गहलोत
महिला उम्मीदवार: शिखा रॉय, रेखा गुप्ता, पूनम शर्मा
अनुसूचित जाति से: राजकुमार चौहान, कैलाश गंगवाल, रविकांत उज्जैन
वैश्य समुदाय से: विजेन्द्र गुप्ता, तिलक राम गुप्ता, अनिल गोयल
ब्राह्मण समुदाय से: पवन शर्मा, सतीश उपाध्याय, अनिल शर्मा
पंजाबी समुदाय से: आशीष सूद, उमंग बजाज, राजकुमार भाटिया

भाजपा का शीर्ष नेतृत्व जल्द ही इन नामों पर अंतिम निर्णय लेगा और दिल्ली को नया मुख्यमंत्री मिलेगा। अब सभी की नजरें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वापसी और भाजपा के अंतिम फैसले पर टिकी हैं, जिससे दिल्ली की राजनीतिक दिशा तय होगी।


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