तिरंगा यात्रा के माध्यम से अपनी आवाज बुलंद करेंगे किसान, 25 किलोमीटर तक निकालेंगे यात्रा
टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (25 जनवरी 2025): गणतंत्र दिवस के अवसर पर अपनी लंबित मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने एक विशाल तिरंगा यात्रा निकालने का ऐलान किया है। यह यात्रा शहर और ग्रामीण इलाकों से गुजरते हुए 25 किलोमीटर लंबी होगी, जिसमें सैकड़ों ट्रैक्टरों और हजारों किसानों के शामिल होने की उम्मीद है। किसान इस यात्रा के माध्यम से अपनी मांगों को मजबूती देने और प्रशासन का ध्यान अपनी समस्याओं की ओर आकर्षित करने का प्रयास करेंगे।
गांव-गांव में संपर्क और जागरूकता अभियान
इस तिरंगा यात्रा को सफल बनाने के लिए किसान संगठनों ने बड़े पैमाने पर जनजागरण अभियान शुरू किया है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना प्राधिकरण और दादरी क्षेत्र के गांवों में किसान नेताओं द्वारा बैठकें आयोजित की जा रही हैं। गांव-गांव जाकर किसानों को इस आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। किसान नेताओं का कहना है कि यह यात्रा उनके हकों और अधिकारों की लड़ाई को नई दिशा देगी।
किसानों की मुख्य मांगें
संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी मांगों को स्पष्ट और मजबूत तरीके से सरकार के सामने रखा है। इनमें प्रमुख मांगे हैं:
पुराने भूमि अधिग्रहण कानून के तहत प्रभावित किसानों को मुआवजा और प्लॉट: परियोजनाओं से प्रभावित किसानों को 10 प्रतिशत प्लॉट और बढ़ा हुआ मुआवजा प्रदान किया जाए।
नए भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत मुआवजा: इस कानून के अनुसार प्रभावित किसानों को बाजार मूल्य का चार गुना मुआवजा, 20 प्रतिशत लाभ, और पुनर्वास की सुविधाएं दी जाएं।
भूमिहीन और भूमिधर किसानों के लिए रोजगार: सभी भूमिहीन और भूमिधर किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास के लाभ दिए जाएं।
समान नीति की मांग: अधिग्रहित भूमि के लिए एक समान नीति लागू की जाए, ताकि सभी किसानों को लाभ मिल सके।
यात्रा का मार्ग और समापन स्थल
यह तिरंगा यात्रा 26 जनवरी की सुबह 10 बजे स्वर्गीय किसान नेता जतन भाटी गोलचक्कर से शुरू होगी। यात्रा का रूट कासना कस्बा और शहीद विनोद भाटी चौक से होते हुए सदर तहसील तक रहेगा। वहां, राष्ट्रगान के साथ यात्रा का समापन किया जाएगा। इस दौरान किसान अपनी मांगों को स्पष्ट रूप से उठाएंगे और एकजुटता का संदेश देंगे।
किसानों का दावा और उद्देश्य
किसानों का दावा है कि यह यात्रा ऐतिहासिक होगी, जिसमें सैकड़ों ट्रैक्टर और हजारों किसान शामिल होंगे। किसान संगठनों का मानना है कि यह यात्रा न केवल उनकी मांगों को मजबूती देगी, बल्कि उनकी एकता और शक्ति को भी प्रदर्शित करेगी। उनका कहना है कि सरकार को किसानों की समस्याओं पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करना चाहिए।
सरकार और प्रशासन के लिए संदेश
तिरंगा यात्रा के जरिए किसान अपनी आवाज को शांतिपूर्ण और सशक्त तरीके से उठाएंगे। किसान संगठनों ने कहा है कि यह आंदोलन किसी भी तरह से अहिंसात्मक रहेगा और इसका उद्देश्य सरकार और प्रशासन को उनकी समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनाना है।
किसानों की उम्मीद और चुनौती
यह यात्रा केवल एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि किसानों के लिए एक उम्मीद की किरण है। वे चाहते हैं कि सरकार उनकी मांगों पर त्वरित और सकारात्मक कदम उठाए। इस तिरंगा यात्रा से यह साफ हो जाएगा कि किसान अपनी आवाज को बुलंद करने के लिए एकजुट हैं और अपनी समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर होने वाली यह यात्रा न केवल किसानों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण घटना साबित होगी।
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