पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल का 91 वर्ष की उम्र में निधन, जानें उनका राजनीतिक सफर

टेन न्यूज़ नेटवर्क

New Delhi News (12 December 2025): कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल का शुक्रवार सुबह 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे और परिवार की देखरेख में थे। पाटिल के निधन की खबर के बाद कांग्रेस सहित देशभर के राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई। शांत, सरल और संतुलित व्यवहार के लिए पहचाने जाने वाले शिवराज पाटिल ने अपने राजनीतिक सफर में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए देश की नीतिगत दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाई।

महाराष्ट्र के लातूर से दिल्ली की सत्ता के केंद्र तक का सफर

12 अक्टूबर 1935 को महाराष्ट्र के लातूर में जन्मे शिवराज पाटिल ने एक मेहनतकश परिवार से निकलकर राष्ट्रीय राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई। कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कॉलेज के दिनों से ही राजनीति में सक्रियता बढ़ाई। सादगी और मेहनत उनके व्यक्तित्व की खास पहचान रही, जिसने उन्हें दिल्ली की राजनीति में एक विश्वसनीय चेहरा बनाया।

चार दशक का विशाल राजनीतिक करियर

शिवराज पाटिल का राजनीतिक करियर लगभग चार दशकों तक फैला रहा, जिसमें उन्होंने राज्य और केंद्र—दोनों स्तरों पर कई अहम जिम्मेदारियाँ संभालीं। वर्ष 1980 में पहली बार सातवीं लोकसभा के लिए चुने गए पाटिल 2004 तक लगातार सात बार लोकसभा के सदस्य रहे। वे संसदीय वेतन और अलाउंस पर बनी संयुक्त समिति के सदस्य और बाद में चेयरमैन भी रहे। इंदिरा गांधी के कार्यकाल में वे रक्षा राज्य मंत्री भी बने। उनकी संसदीय समझ और कार्यशैली सदन में अक्सर मिसाल के रूप में उद्धृत की जाती थी।

यूपीए शासन में गृह मंत्री, 26/11 के बाद दिया इस्तीफा

2004 से 2008 तक यूपीए सरकार में पाटिल देश के गृह मंत्री रहे। उनके कार्यकाल में कई राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियाँ सामने आईं, जिनमें सबसे गंभीर 26/11 का मुंबई आतंकी हमला था। इस हमले में सुरक्षात्मक चूक को लेकर व्यापक आलोचनाओं के बीच शिवराज पाटिल ने 30 नवंबर 2008 को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया। उनके इस कदम को उस समय राजनीतिक परिपक्वता और जिम्मेदारी की मिसाल माना गया।

राजनीतिक सफर विवादों से भी अछूता नहीं रहा

हालाँकि पाटिल अपने शांत स्वभाव और सादगी के लिए जाने जाते थे, लेकिन 26/11 हमले के दौरान उनका बार-बार कपड़े बदलना एक बड़ा राजनीतिक विवाद बन गया था। बताया जाता है कि वे लगातार सुरक्षा बैठकों में नए परिधान पहनकर पहुँचते थे, जिस पर विपक्ष ने सवाल उठाए। हालांकि इस विवाद के बावजूद उनकी प्रशासनिक क्षमता और योगदान को व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता रहा।

दो बार विधायक और विधानसभा के स्पीकर भी रहे

राष्ट्रीय राजनीति में आने से पहले पाटिल महाराष्ट्र में दो बार विधायक भी रहे। इस दौरान उन्होंने विधानसभा में डिप्टी स्पीकर और स्पीकर जैसी जिम्मेदारियाँ संभालीं। अपनी विनम्रता, प्रशासनिक दक्षता और संगठनात्मक समझ के कारण वे कांग्रेस नेतृत्व के विश्वसनीय नेताओं में गिने जाते थे। उनका निधन भारत की राजनीति के एक गंभीर, मर्यादित और अनुभवी अध्याय का शांत समापन है।।


प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन भारत सरकार , दिल्ली सरकार, राष्ट्रीय एवं दिल्ली राजनीति ,   दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस तथा दिल्ली नगर निगम, NDMC, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : राष्ट्रीय न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।

टेन न्यूज हिंदी | Ten News English | New Delhi News | Greater Noida News | NOIDA News | Yamuna Expressway News | Jewar News | NOIDA Airport News.


Discover more from टेन न्यूज हिंदी

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

टिप्पणियाँ बंद हैं।