दिल्ली में हवा और भी जहरीली, राहत के आसार नहीं

टेन न्यूज़ नेटवर्क

New Delhi News (28 November 2025): दिल्ली में ठंड बढ़ने के साथ प्रदूषण ने फिर से खतरनाक स्तर छू लिया है। शुक्रवार को राजधानी का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री तक लुढ़क गया, जबकि हवा में मौजूद स्मॉग और प्रदूषक कणों ने लोगों की मुश्किलें दोहरी कर दीं। दो महीने से लगातार जारी खराब हवा की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। ग्रैप-3 और ग्रैप-4 जैसे कड़े कदम उठाए जाने के बावजूद औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 489 दर्ज हुआ, जो ‘हैजर्डस’ श्रेणी में आता है। यह स्थिति सांसों के लिए सीधा खतरा है। विशेषज्ञ इसे अब दिल्ली के लिए गंभीर स्वास्थ्य इमरजेंसी मान रहे हैं।

PM2.5 और PM10 के स्तर ने बिगाड़ा हाल

प्रदूषण का मुख्य कारण इस बार भी PM2.5 और PM10 का अत्यधिक स्तर ही रहा, जो कई जगह सामान्य सीमा से कई गुना अधिक दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के 39 मॉनिटरिंग स्टेशन में से कई क्षेत्रों में AQI 500 के आसपास रिकॉर्ड हुआ, जो खतरनाक माना जाता है। खासकर अक्षरधाम, AIIMS और पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में दृश्यता कम हो गई है। अक्षरधाम में AQI 408 और AIIMS क्षेत्र में 401 दर्ज किया गया। हवा में मौजूद यह प्रदूषक सीधे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखते हैं।

बुजुर्गों व बच्चों पर सबसे ज्यादा खतरा

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ऐसी जहरीली हवा में लगातार सांस लेना गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। खासतौर पर बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा या हार्ट रोगियों पर इसका सीधा असर दिख रहा है। डॉक्टरों के अनुसार इतनी उच्च AQI में फेफड़ों की कार्य क्षमता कम होने के साथ-साथ हार्ट अटैक का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है। समय से पहले मौत के मामलों में भी वृद्धि की आशंका जताई जा रही है। इसलिए लोगों को बिना N95 मास्क के घर से बाहर न निकलने और एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने की सलाह दी गई है।

कब मिलेगी स्मॉग से राहत?

मौसम विभाग और CPCB के मुताबिक फिलहाल लोगों को राहत की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। आने वाले दिनों में प्रदूषण का स्तर 300 से 500 के बीच रहने का अनुमान है। हवा की गति बेहद धीमी है और अगले एक सप्ताह तक बारिश की संभावना भी नहीं है। यही वजह है कि स्मॉग का फैलाव जारी रहेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि 15 दिसंबर से पहले हवा में सुधार की उम्मीद करना मुश्किल है। ऐसे में दिल्ली को अभी इस जहरीली हवा के साथ ही जीना पड़ सकता है।

स्थायी समाधान की मांग तेज

दिल्ली का हर साल प्रदूषण से जूझना अब पर्यावरण विशेषज्ञों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है। उनका कहना है कि तात्कालिक उपाय केवल कुछ दिनों के लिए राहत देते हैं, स्थायी समाधान की दिशा में काम करना अब बेहद जरूरी है। चाहे वह पराली प्रबंधन हो, वाहनों का उत्सर्जन हो या निर्माण गतिविधियां—हर क्षेत्र में दीर्घकालिक नीति की आवश्यकता है। सरकारों से अपील की गई है कि दिल्ली-NCR के प्रदूषण को एक स्वास्थ्य आपातकाल मानते हुए बड़े स्तर पर सुधार कदम उठाए जाएं। फिलहाल राजधानी को स्मॉग और जहरीली हवा से जूझते रहने की मजबूरी है।।


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