NOIDA News (12/11/2025): नोएडा प्राधिकरण अब उन बिल्डरों पर सख्त रुख अपनाने जा रहा है जिन्होंने समय सीमा खत्म होने के बाद भी बकाया राशि जमा नहीं की है। प्राधिकरण द्वारा दी गई डेडलाइन समाप्त हो चुकी है और 43 बिल्डरों को नोटिस जारी किए गए थे। इनमें से कुछ ने जवाब भेजे हैं, लेकिन अधिकांश ने केवल भुगतान का आश्वासन भर दिया है।
नोएडा प्राधिकरण अब ऐसे डेवलपर्स के खिलाफ कठोर कार्रवाई की तैयारी में है जिन्होंने न तो राहत पैकेज का लाभ लेने पर सहमति जताई थी और न ही कोई भुगतान किया था। प्राधिकरण ने इन मामलों को आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में भेजने के लिए पत्र तैयार कर लिया है। साथ ही आगामी बोर्ड बैठक में इन बिल्डरों की फाइलें रखी जाएंगी, जहां जरूरत पड़ी तो भूखंड आवंटन तक रद्द करने की कार्रवाई की जा सकती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ वंदना त्रिपाठी ने बताया कि शासन से नियमानुसार कार्रवाई करने की अनुमति मिल गई है। हमने पहले ही राहत पैकेज हटाने का प्रस्ताव बोर्ड को भेज दिया था। अब प्रत्येक परियोजना की समीक्षा केस टू केस आधार पर की जाएगी और बोर्ड यह तय करेगा कि किस बिल्डर पर कौन-सा एक्शन लिया जाए।
राहत पैकेज का लाभ खत्म, अब बोर्ड लेगा सख्त निर्णय
नोएडा प्राधिकरण के अनुसार, कोविड काल में दिए गए राहत पैकेज — जिसमें दो वर्ष का जीरो पीरियड और एनजीटी के आदेशों के तहत अलग अवधि की छूट दी गई थी — अब समाप्त कर दी गई है। शासन से मंजूरी मिलने के बाद बोर्ड ने तय किया है कि जिन्होंने 31 अक्टूबर तक बकाया नहीं चुकाया, उनके खिलाफ अब नियमानुसार सख्त कदम उठाए जाएंगे।
5.5 हजार करोड़ का बकाया, कई बिल्डर अब भी नदारद
प्राधिकरण के रिकॉर्ड के अनुसार, कुल बकाया राशि लगभग ₹5,500 करोड़ तक पहुंच चुकी है। इनमें से 57 परियोजनाओं को राहत योजना के दायरे में शामिल किया गया था, जिनका मामला अदालत में लंबित नहीं था। इनमें से 35 बिल्डरों ने कुल बकाया का केवल 25 प्रतिशत ही जमा किया और उसके बाद अगली किस्तें रोक दीं। वहीं 12 परियोजनाओं में आंशिक भुगतान हुआ है, जबकि 10 बिल्डरों ने एक रुपया तक नहीं जमा किया।
अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों पर आधारित योजना
इस पूरी प्रक्रिया की पृष्ठभूमि में केंद्र सरकार के मुख्य सलाहकार अमिताभ कांत की अध्यक्षता में बनी समिति की सिफारिशें हैं। उनकी अनुशंसाओं के आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार ने 21 दिसंबर 2023 को शासनादेश जारी किया था, जिसके बाद मार्च-अप्रैल 2024 से बिल्डरों को भुगतान शुरू करने का अवसर दिया गया था।
चेयरमैन दीपक कुमार का स्पष्ट निर्देश
हाल ही में हुई बोर्ड बैठक में प्राधिकरण के चेयरमैन दीपक कुमार ने 31 अक्टूबर को बकाया जमा करने की अंतिम तिथि घोषित की थी। उन्होंने कहा था कि, जो बिल्डर इस अवधि में बकाया नहीं चुकाएंगे, उनकी राहत योजना स्वतः समाप्त कर दी जाएगी और नियमानुसार कार्रवाई शुरू होगी।
अब जबकि शासन की स्वीकृति मिल चुकी है, सभी 43 बिल्डरों के मामले आगामी बोर्ड बैठक में पेश किए जाएंगे। बोर्ड द्वारा लिए गए निर्णय के आधार पर संबंधित परियोजनाओं पर कार्रवाई तय होगी — जिसमें भूखंड आवंटन निरस्तीकरण से लेकर EOW जांच तक शामिल हो सकती है। नोएडा प्राधिकरण की यह सख्ती लंबे समय से अटकी परियोजनाओं में फंसे घर खरीदारों के लिए राहत की उम्मीद जगाती है। अधिकारियों के अनुसार, जो बिल्डर अब भी भुगतान में टालमटोल करेंगे, उनके खिलाफ “नो पे, नो प्रोजेक्ट” नीति के तहत सख्त कदम उठाए जाएंगे।
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