ट्रंप-शी जिनपिंग “G2 मीटिंग” से बदली विश्व राजनीति की दिशा

टेन न्यूज नेटवर्क

National News (03/11/2025): अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच 30 अक्टूबर 2025 को दक्षिण कोरिया के बुसान में हुई मुलाकात को “G2 मीटिंग” कहा जा रहा है। यह ऐतिहासिक बैठक एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) सम्मेलन के दौरान हुई, जहाँ दोनों नेताओं ने वैश्विक व्यापार, सुरक्षा और आपसी संबंधों पर लंबी चर्चा की। ट्रंप ने इस बैठक को “एक महान मुलाकात” बताते हुए कहा कि यह अमेरिका और चीन के बीच स्थायी शांति और समृद्धि की नींव रखेगी।

“G2” शब्द का अर्थ “ग्रुप ऑफ टू” यानी दुनिया की दो सबसे बड़ी शक्तियों – अमेरिका और चीन – के बीच साझेदारी से है। यह अवधारणा उस स्थिति को दर्शाती है जब दोनों देश मिलकर वैश्विक अर्थव्यवस्था, राजनीति और कूटनीति को दिशा दें। ट्रंप द्वारा इस शब्द का प्रयोग इस बात का संकेत है कि वे अमेरिका और चीन को प्रतिद्वंद्वी नहीं, बल्कि वैश्विक साझेदार के रूप में प्रस्तुत करना चाहते हैं।

इस बैठक में कई महत्वपूर्ण आर्थिक और नीतिगत समझौते हुए। चीन ने अमेरिका से कृषि उत्पादों (सोयाबीन आदि) की बड़ी मात्रा में खरीद करने का आश्वासन दिया, वहीं अमेरिका ने चीनी उत्पादों पर लगाए गए कुछ टैरिफ घटाने पर सहमति जताई। इसके अलावा, चीन ने फेंटेनाइल जैसे मादक पदार्थों के निर्माण में उपयोग होने वाले रासायनिक तत्वों पर सख्त नियंत्रण की बात कही। दोनों देशों ने व्यापारिक संवाद को आगे बढ़ाने और आर्थिक सहयोग को नया आयाम देने का निर्णय भी लिया।

इस “G2 मीटिंग” का प्रभाव केवल अमेरिका और चीन तक सीमित नहीं रहेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह साझेदारी भारत जैसे उभरते देशों के लिए नई रणनीतिक चुनौतियाँ पैदा कर सकती है। भारत ने पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका के साथ रक्षा, प्रौद्योगिकी और व्यापारिक संबंधों को मजबूत किया है, ताकि चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित किया जा सके। लेकिन अगर अमेरिका और चीन आपसी सहयोग बढ़ाते हैं, तो भारत को अपनी विदेश नीति, सुरक्षा रणनीति और आर्थिक दिशा पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।

ट्रंप का यह कदम अमेरिका की आंतरिक राजनीति और चुनावी रणनीति से भी जुड़ा माना जा रहा है। चुनावी माहौल में ट्रंप यह दिखाना चाहते हैं कि वे वैश्विक स्तर पर “डील मेकर” हैं, जो अमेरिका की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकते हैं। दूसरी ओर, चीन के लिए यह अवसर है कि वह अमेरिका के साथ टकराव को कम करके अपने व्यापारिक हितों को सुरक्षित रख सके।

भारत के दृष्टिकोण से, “G2 मीटिंग” इस बात का संकेत है कि दुनिया अब एक बार फिर दो महाशक्तियों के नेतृत्व की ओर बढ़ रही है। यह स्थिति बहुध्रुवीय विश्व (Multi-polar World) की अवधारणा को चुनौती देती है। ऐसे में भारत को अपनी स्वतंत्र विदेश नीति, रक्षा साझेदारी और आर्थिक आत्मनिर्भरता को और अधिक सशक्त बनाना होगा।

30 अक्टूबर 2025 को हुई ट्रंप और शी जिनपिंग की यह “G2 मीटिंग” केवल एक राजनैतिक घटना नहीं, बल्कि नई वैश्विक शक्ति संरचना का आरंभ मानी जा रही है। इसमें भारत को आने वाले समय में कूटनीतिक सतर्कता और रणनीतिक संतुलन दोनों की आवश्यकता होगी, ताकि वह बदलते वैश्विक समीकरणों में अपनी भूमिका मज़बूती से निभा सके।

डिस्क्लेमर: यह लेख / न्यूज आर्टिकल सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध जानकारी और प्रतिष्ठित / विश्वस्त मीडिया स्रोतों से मिली जानकारी पर आधारित है।यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। पाठक कृपया स्वयं इस की जांच कर सूचनाओं का उपयोग करे ॥


प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन भारत सरकार , दिल्ली सरकार, राष्ट्रीय एवं दिल्ली राजनीति ,   दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस तथा दिल्ली नगर निगम, NDMC, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : राष्ट्रीय न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।

टेन न्यूज हिंदी | Ten News English | New Delhi News | Greater Noida News | NOIDA News | Yamuna Expressway News | Jewar News | NOIDA Airport News.


Discover more from टेन न्यूज हिंदी

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

टिप्पणियाँ बंद हैं।