Noida Media Club द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन में कवि एडवोकेट मुकेश शर्मा बांधा समां
मेघा राजपूत, संवादाता, टेन न्यूज नेटवर्क
NOIDA News (21/08/2025): विश्व फोटोग्राफी दिवस के उपलक्ष्य में नोएडा मीडिया क्लब (Noida Media Club) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय फोटो प्रदर्शनी (19 से 21 अगस्त) का दूसरा दिन साहित्य और संवेदनाओं के नाम रहा। मंगलवार, 20 अगस्त को क्लब परिसर में कवि सम्मेलन (Kavi Sammelan) का आयोजन हुआ, जिसने श्रोताओं को कभी देशभक्ति से सराबोर किया, कभी रिश्तों की कसक में भावुक किया और कभी जीवन दर्शन व हास्य से गुदगुदा दिया।

इस कवि सम्मेलन का संचालन कवि एवं एडवोकेट मुकेश शर्मा ने अपने सहज और मनोरंजक अंदाज में किया। कार्यक्रम की शुरुआत कवयित्री शिखा दीप्ति द्वारा मां सरस्वती की वंदना से हुई। मंच पर इस दौरान नोएडा मीडिया क्लब के अध्यक्ष आलोक द्विवेदी भी मौजूद रहे, जिन्होंने कवियों का स्वागत किया और आयोजन की गरिमा बढ़ाई।
कवि एडवोकेट मुकेश शर्मा: शहीदों को नमन और जीवन दर्शन
कवि मुकेश शर्मा ने मंच संभालते ही शहीदों के प्रति नमन व्यक्त करते हुए कहा कि “शहीद कहलाते हैं वह लोग जिनका खून वतन के लिए काम आता है, आओ झुक कर सलाम करें उनको जिनके हिस्से में यह मुकाम आता है।”
इन पंक्तियों ने पूरे हॉल में देशभक्ति की गूंज भर दी। उन्होंने श्रोताओं को यह भी याद दिलाया कि शहीदों का सम्मान करना केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है। इसके बाद उन्होंने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि किसी भी सफल कार्यक्रम के पीछे अथक मेहनत होती है और इस भव्य आयोजन के लिए वे नोएडा मीडिया क्लब के अध्यक्ष आलोक द्विवेदी को विशेष धन्यवाद देते हैं।
आगे मुकेश शर्मा ने जीवन और मृत्यु के गूढ़ दर्शन को “कफ़न” विषय पर प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि कफ़न बनाने वाला उसे अपने पास नहीं रखता बल्कि बेच देता है, कफ़न खरीदने वाला भी उसका उपयोग नहीं करता बल्कि आगे बेच देता है, और अंततः वह व्यक्ति जिसके लिए कफ़न खरीदा जाता है, वह कभी जान ही नहीं पाता कि यह उसके लिए खरीदा गया है। इस उदाहरण से उन्होंने जीवन की क्षणभंगुरता और मृत्यु की अनिवार्यता का गहन संदेश दिया।
अंत में, उन्होंने शादी-विवाह की रस्मों पर चुटीले अंदाज में हास्य कविताएं सुनाकर सभी को ठहाकों में डुबो दिया। साथ ही जीवन की यात्रा को बयां करते हुए कहा कि
“अनजान रास्तों पर चलते-चलते अपने भी पराए हो जाते हैं,
और कभी-कभी इन्हीं अनजान रास्तों पर अजनबी अपने बन जाते हैं।”
कवयित्री शिखा दीप्ति: रिश्तों की कसक
कवयित्री शिखा दीप्ति ने रिश्तों की नाजुकता और उनके टूटने-बिखरने की पीड़ा को अपनी रचना में ढाला। उन्होंने कहा कि “भरोसे में भरे बंधन भी अक्सर टूट जाते हैं, जरा-सी बात लग जाने पर आगे भी रूठ जाते हैं।”उन्होंने आगे श्रोताओं को संदेश दिया कि असली रिश्ते मुश्किल घड़ी में परखे जाते हैं। उन्होंने कहा कि “अगर रिश्तों को मुश्किल की घड़ी में आज़मा लेना, तो यही सच सामने आएगा कि अपने-अपने होते हैं और पराए पराए। ”उनकी प्रस्तुति ने श्रोताओं को आत्मचिंतन करने पर विवश कर दिया।
कवि संजय जैन: शहीद परिवार का दर्द
कवि संजय जैन ने शहीदों के परिवार की पीड़ा को अपनी रचना के माध्यम से सजीव कर दिया। उन्होंने कहा—
“तिरंगे में लिपटे शहीद बेटे को देखकर मां का वह हाल था कि अस्थियां भी रो पड़ीं, एक सैनिक पिता का उजड़ा चमन देख सिंध की वादियां रो पड़ीं।” उनकी कविताओं में वह वेदना झलक रही थी जो किसी शहीद परिवार के जीवन का हिस्सा होती है। उनकी पंक्तियों ने सभागार में मौजूद सभी श्रोताओं को भावुक कर दिया और कई की आंखों से आंसू छलक पड़े।
कवयित्री उर्वी उदल: शहीदों और ईश्वर को समर्पण
कवयित्री उर्वी उदल ने शहीदों को नमन करते हुए कहा—
“एक दिया शहीदों के नाम का तुम भी जला लेना,
नमन करके शहीदों को मानना यार दीवाने।” इसके साथ ही उन्होंने ईश्वर पर आधारित पंक्तियां सुनाते हुए कहा—
“है तुम्हारा ही यह संसार, हमारा क्या…
सब तुम पर ही दिया, हमारा क्या है।”
उनकी कविताओं में श्रद्धा और समर्पण की अनूठी झलक थी।
नोएडा मीडिया क्लब अध्यक्ष आलोक द्विवेदी: दोस्ती का महत्व
अध्यक्ष आलोक द्विवेदी ने मित्रता पर आधारित कविता सुनाई। उन्होंने कहा कि जब कोई दोस्त आपके शहर में आता है और परिस्थितियां बिगड़ जाने पर उसे कोई सहायता नहीं मिलती, तो वही सच्चे दोस्त की परख होती है। उन्होंने कविता के माध्यम से कहा कि “दोस्ती केवल साथ बिताए गए सुखद पलों का नाम नहीं, बल्कि वह रिश्ता है जो कठिनाइयों में भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहता है।” उनकी इस प्रस्तुति ने मित्रता के महत्व को नए अंदाज में सामने रखा।

कवियों का सम्मान और भविष्य की राह
कवि सम्मेलन के अंत में सभी कवियों को सम्मानित किया गया। अध्यक्ष आलोक द्विवेदी ने कहा कि “यह केवल कविताओं का आयोजन नहीं, बल्कि भावनाओं और संवेदनाओं का उत्सव है। नोएडा मीडिया क्लब भविष्य में भी इस तरह के कवि सम्मेलन आयोजित करता रहेगा, ताकि साहित्यकारों को मंच मिले और समाज में संवेदनशीलता व जुड़ाव बढ़े।
तीन घंटे तक चले इस कवि सम्मेलन ने श्रोताओं को कभी भावुक किया, कभी गुदगुदाया और कभी आत्ममंथन करने पर मजबूर कर दिया। देशभक्ति, रिश्तों की कसक, जीवन का गूढ़ दर्शन और मित्रता का संदेश-सब कुछ इस मंच से सुनने को मिला।
नोएडा मीडिया क्लब का यह आयोजन केवल साहित्यिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह संवेदनाओं का उत्सव और मानवीय रिश्तों का आईना बनकर सामने आया। आप इस खबर पर अपनी क्या राय रखते हैं हमारे कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।।
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