नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर गहरी सीवर लाइन की मरम्मत का कार्य जल्द होगा शुरू

टेन न्यूज नेटवर्क

NOIDA News (31/07/2025): नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे (Noida – Greater Noida Expressway) के समानांतर ग्रीन बेल्ट (Green Belt) के दोनों ओर, चैनेज 10.30 किमी से 20 किमी तक की गहरी सीवर लाइन की मरम्मत का कार्य जल्द शुरू होने जा रहा है। इस कार्य को लेकर नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने निविदा प्रक्रिया आरंभ कर दी है। प्राधिकरण के जीएम (जल) आर.पी. सिंह ने जानकारी दी कि मरम्मत कार्य के लिए टेंडर जारी किया जा रहा है और कंपनी के चयन के बाद कार्य प्रारंभ होगा।

जल निगम का एमओयू (MOU) आंशिक रूप से रद्द

उल्लेखनीय है कि यह कार्य मूल रूप से उत्तर प्रदेश जल निगम को पूरा करना था। वर्ष 2002 में नोएडा प्राधिकरण और यूपी जल निगम के बीच इस परियोजना को लेकर एक समझौता (MOU) हुआ था। लेकिन जल निगम द्वारा कार्य में देरी और अपेक्षानुसार प्रगति न होने के कारण प्राधिकरण ने इस एमओयू को आंशिक रूप से निरस्त कर दिया है।

40 करोड़ में पूरा होगा सीवर लाइन का काम

गहरी सीवर लाइन (Sewer line) के निर्माण व मरम्मत का यह कार्य अब 40 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से किया जाएगा। जबकि जल निगम इस काम को 63.36 करोड़ रुपये की लागत से 1.5 वर्ष में पूरा कर रहा था। लागत में अंतर और देरी को देखते हुए ही यह निर्णय प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में लिया गया।

क्यों जरूरी है यह मरम्मत?

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे से सटे क्षेत्रों में तेजी से औद्योगिक (Industrial), संस्थागत (Institutional), आवासीय और ग्रामीण विकास (Residential and Rural Development) हुआ है। पहले डाली गई सीवरेज लाइन अब पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है, जिससे गंदा पानी जगह-जगह ग्रीन बेल्ट (Green Belt) में भरने लगता है और जलभराव की गंभीर समस्या उत्पन्न होती है।

पहले अधूरा रहा निर्माण

प्राधिकरण ने बताया कि जल निगम द्वारा एडवांट टावर से ग्रेटर नोएडा बॉर्डर तक चारों डीप सीवर लाइनों का निर्माण नहीं कराया गया था। केवल ग्रेविटी लाइन (Gravity line), राइजिंग लाइन (Rising Line) और आरसीसी वेल (RCC Well) का कार्य किया गया। इसके बाद जब एक्सप्रेसवे पर तीन अंडरपास, एक्वा लाइन मेट्रो (Aqua Line metro) और डीएफसीसीआईएल (DFCCIL) की परियोजनाएं आईं तो ग्रेविटी लाइनें क्षतिग्रस्त हो गईं। ये लाइनें वर्ष 2003-04 में डाली गई थीं और अब पूरी तरह निष्क्रिय हो चुकी हैं।

जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान

इस नई सीवर लाइन के बनने के बाद एक्सप्रेसवे से जुड़े सेक्टरों, गांवों और संपर्क मार्गों पर जलभराव की समस्या स्थायी रूप से खत्म हो जाएगी। बरसात में ग्रीन बेल्ट में गंदे पानी का भराव न केवल पर्यावरण के लिए खतरा बनता है, बल्कि यातायात और नागरिकों की आवाजाही में भी बाधा उत्पन्न करता है।

IIT रुड़की के साथ मिलकर होगा ड्रेनेज सिस्टम का सुधार

ड्रेनेज सिस्टम (Drainage System) में सुधार और जलनिकासी में आ रही बाधाओं (बॉटलनेक पॉइंट्स) को दूर करने के लिए नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने IIT रुड़की के प्रोफेसर कमल जैन के साथ बैठक की। इस बैठक में प्राधिकरण के सीईओ और डिप्टी जीएम (सिविल) भी शामिल रहे। बैठक के उपरांत IIT की विशेषज्ञ टीम ने प्राधिकरण अधिकारियों के साथ मिलकर क्षेत्र का निरीक्षण किया। अब आईआईटी रुड़की (IIT Roorkee) द्वारा एक विस्तृत सर्वे रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसके आधार पर तकनीकी सुधार कार्य किए जाएंगे।

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के किनारे बनी ग्रीन बेल्ट में लगातार हो रही जलभराव की समस्या को गंभीरता से लेते हुए नोएडा प्राधिकरण ने ठोस कदम उठाए हैं। जल निगम की निष्क्रियता के कारण जहां एमओयू आंशिक रूप से रद्द किया गया, वहीं नई एजेंसी के माध्यम से तेज़ी से कार्य कराए जाने की योजना है। IIT रुड़की के तकनीकी सहयोग से यह कार्य और भी अधिक प्रभावी व दीर्घकालिक होगा।


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