Delhi में मॉक ड्रिल: भूकंप और रासायनिक आपदा से निपटने की तैयारी

टेन न्यूज नेटवर्क

New Delhi News (29/07/2025): दिल्ली एक बार फिर आपदा की स्थिति से निपटने के लिए तैयार हो रही है, जहां 29 जुलाई से मॉक ड्रिल की शुरुआत की जा रही है। इस बार मॉक ड्रिल का उद्देश्य सिर्फ सतही अभ्यास नहीं, बल्कि भूकंप और रासायनिक आपदाओं जैसी गंभीर परिस्थितियों से निपटने के लिए व्यवस्थाओं का वास्तविक मूल्यांकन करना है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) इस व्यापक अभ्यास का संचालन करेगा। अधिकारी इसे राजधानी की सुरक्षा रणनीति का अहम हिस्सा मान रहे हैं। 29 जुलाई को एक उच्च स्तरीय संगोष्ठी से इसकी शुरुआत होगी, जो आपदा जोखिम और रणनीतिक तैयारियों पर केंद्रित होगी।

मॉक ड्रिल तीन चरणों में, एक अगस्त को अंतिम अभ्यास

डीडीएमए द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार मॉक ड्रिल को तीन चरणों में विभाजित किया गया है। 30 जुलाई को एक टेबलटॉप एक्सरसाइज़ (TTEX) आयोजित किया जाएगा जिसमें आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारी और एजेंसियां नियंत्रित वातावरण में अपनी योजनाओं का परीक्षण करेंगी। इसके बाद 1 अगस्त को अंतिम चरण में एक पूर्ण पैमाने पर ग्राउंड मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, जहां असली जैसी स्थिति पैदा कर आपातकालीन व्यवस्थाओं की परख की जाएगी। अधिकारियों के अनुसार यह अभ्यास “सुरक्षा चक्र” नामक बहु-एजेंसी प्रयास का अंतिम भाग है।

18 जिलों में होगा क्षेत्रीय समन्वय का परीक्षण

यह मॉक ड्रिल सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसके दायरे में हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई जिले भी शामिल किए गए हैं। कुल 18 जिलों में यह अभ्यास किया जाएगा जिसमें दिल्ली के सभी 11 राजस्व जिले, हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, नूंह और रेवाड़ी तथा उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर शामिल हैं। इस क्षेत्रीय अभ्यास का मकसद विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय और प्रतिक्रिया क्षमता को परखना है, जिससे बड़े आपातकालीन हालात में किसी भी प्रकार की असंगति से बचा जा सके।

भूकंप परिदृश्य की होगी नकल, बचाव टीमें रहेंगी सक्रिय

इस बार की मॉक ड्रिल एक बड़े भूकंप परिदृश्य को ध्यान में रखकर की जा रही है। दिल्ली जैसे संवेदनशील भूकंपीय क्षेत्र में यह अभ्यास अत्यंत आवश्यक माना जा रहा है। डीडीएमए ने बताया कि इस दौरान फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस, पुलिस वैन, सेना के ट्रक, राहत शिविर, चिकित्सा सहायता केंद्र जैसी व्यवस्थाएं सक्रिय रहेंगी। सायरन, सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली का उपयोग कर मॉक ड्रिल की शुरुआत और समापन किया जाएगा। छद्म पीड़ितों को बचाने और घायलों को चिकित्सा सहायता पहुंचाने जैसे चरण इसमें शामिल होंगे।

नागरिकों से सहयोग की अपील, घबराने की ज़रूरत नहीं

डीडीएमए ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे मॉक ड्रिल के दौरान घबराएं नहीं और पूर्ण सहयोग करें। यह अभ्यास आपदा की वास्तविक स्थिति में शहर की त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया की तैयारी के लिए है। इस दौरान बढ़ी हुई आपातकालीन गतिविधियां जैसे पुलिस और बचाव टीमों की आवाजाही, अस्थायी राहत शिविरों की स्थापना और रिहर्सल के रूप में घायलों की मदद जैसी घटनाएं आम दिख सकती हैं। नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे इस दौरान अफवाहों से बचें और इसे एक जिम्मेदार नागरिक की तरह लें। DDMA का मानना है कि यह दिल्ली को एक अधिक लचीला और सुरक्षित शहर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।।


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