नोट बदलने के नाम पर लाखों की ठगी, बिसरख पुलिस ने तीन आरोपी को दबोचा

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (06 जुलाई 2025): थाना बिसरख क्षेत्र (Police Station Bisrakh) में शनिवार को पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए नोट बदलने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करने वाले एक अंतरराज्यीय ठग गिरोह (Interstate Thug Gang) का पर्दाफाश किया है, तीन शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से 4,83,500 नकद और ठगी में प्रयुक्त तीन लग्जरी वाहन बरामद किए गए हैं।

यह गिरोह उन लोगों को अपना निशाना बनाता था जो जल्दी पैसा कमाने की चाहत रखते हैं। ये आरोपी बड़े नोटों को छोटे नोटों में बदलकर अधिक रकम लौटाने का झांसा देकर लाखों की ठगी को अंजाम देते थे।

ठगी की पटकथा: कैसे दिया गया घटना को अंजाम

डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी (DCP Shakti Mohan Awasthi ) ने जानकारी देते हुए बताया कि पीड़ित रोबिन और उसका साथी विवेक मिश्रा, जो व्यापार अ (Business) से जुड़े हैं, आरोपी पवन कुमार मिश्रा के संपर्क में आए। पवन ने दोनों को विश्वास में लेकर अपने साथी लोकेश मिश्रा उर्फ अनिल शर्मा और अरमान से मिलवाया। आरोपियों ने योजना के अनुसार रोबिन और विवेक को प्रस्ताव दिया कि यदि वे ₹10 लाख रुपये के 500-500 के नोट देंगे, तो बदले में उन्हें ₹12 लाख रुपये (100-200 के छोटे नोट) दिए जाएंगे।

लालच में आकर दोनों पीड़ित 1 जुलाई को थाना बिसरख क्षेत्र के चेरी काउंटी स्थित पेट्रोल पंप (Petrol Pump) के पास निर्धारित स्थान पर पहुंचे। जैसे ही उन्होंने कैश (Cash) से भरा बैग दिखाया, आरोपी पहले से तैयार तीन अलग-अलग वाहनों में बैठकर बैग लेकर मौके से फरार हो गए।

इस घटना के बाद पीड़ित ने तत्काल थाना बिसरख में लिखित शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए घटना की गंभीरता को समझते हुए मुकदमा दर्ज किया और तकनीकी जांच शुरू की।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई, अंतरराज्यीय गिरोह पर कसा शिकंजा

थाना बिसरख पुलिस ने 5 जुलाई को एक योजनाबद्ध ऑपरेशन के तहत रोजा याकूबपुर क्षेत्र से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान लोकेश मिश्रा उर्फ अनिल शर्मा, पवन कुमार मिश्रा, और संजीव के रूप में हुई है। गिरफ्तारी के दौरान आरोपियों के कब्जे से ₹4,83,500 नगद राशि और तीन वाहन— सलाविया (DL 7CW 6906), i20 (DL 12CG 4283) और स्कॉर्पियो (UP 14 GK 1733)— बरामद किए गए।

पुलिस के अनुसार, यह गिरोह पहले भी ऐसे मामलों में संलिप्त रहा है। मुख्य आरोपी लोकेश मिश्रा इससे पहले गाजियाबाद और झांसी से धोखाधड़ी (Fraud) के मामलों में जेल जा चुका है।

गिरफ्तार आरोपियों के खुलासे से सामने आया बड़ा नेटवर्क

पुलिस पूछताछ में गिरोह के सदस्यों ने बताया कि उनका उद्देश्य जल्दी पैसा कमाने की चाह रखने वाले लोगों को जाल में फँसाना होता है। पवन मिश्रा, जो खुद लॉजिस्टिक्स (Logistics) का व्यवसाय करता है, अमीर लोगों से संपर्क बनाकर उन्हें बड़े नोटों के बदले छोटे नोटों में अधिक रकम देने का लालच देता था। लोकेश और संजीव जैसे सहयोगी एक फिक्स प्लान के तहत पीड़ितों को विश्वास में लेकर नोटों की अदला-बदली की योजना बनाते और फिर मौका देखकर कैश लेकर फरार हो जाते।‌ गिरोह में शामिल चौथे आरोपी अरमान की तलाश जारी है, जिसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।।


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