अस्पताल के रिकवरी ऑफिसर और अकाउंट कर्मचारी ने की 9 करोड़ की साइबर ठगी, दो गिरफ्तार
टेन न्यूज नेटवर्क
नोएडा (26 जून 2025): नोएडा साइबर क्राइम सेल (Noida Cyber Crime Cell) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए नौ करोड़ रुपये की साइबर धोखाधड़ी मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। ये दोनों आरोपी, वैभव कुमार और अंकुर त्यागी, एक निजी अस्पताल में कार्यरत थे। वैभव जहां रिकवरी ऑफिसर (Recovery Officer) के पद पर था, वहीं अंकुर अकाउंट सेक्शन (Account Section) में कार्य करता था। दोनों ने मिलकर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की केशलैस मेडिकल योजना के तहत आने वाले पैसों को फर्जी बैंक खातों में ट्रांसफर करवा लिया।
एडीसीपी (ADCP) नोएडा मनीषा सिंह ने प्रेस को जानकारी देते हुए बताया कि यह ठगी सुनियोजित तरीके से की गई। आरोपी वैभव कुमार ने अस्पताल की अधिकृत ईमेल आईडी (Email I’d) का दुरुपयोग करते हुए एमसीडी (MCD) के अकाउंट विभाग को एक मेल भेजा। इस मेल में अस्पताल के मूल बैंक खाते की जगह तीन नए फर्जी बैंक खातों की जानकारी दी गई, और इन्हीं खातों में मरीजों के इलाज से संबंधित भुगतान डालने का अनुरोध किया गया।
एमसीडी को कोई संदेह न होने के चलते इन खातों में इलाज के नाम पर करोड़ों रुपये ट्रांसफर कर दिए गए। जांच में पता चला है कि इन खातों से पैसा निकालकर वैभव कुमार और उसके सहयोगियों ने आपस में बांट लिया। पकड़े गए आरोपियों के कब्जे से ₹77,330 नकद और एक आईफोन-15 प्रो बरामद किया गया है।
दिल्ली के अस्पताल से हुई थी दोस्ती, वहीं बना धोखाधड़ी का प्लान
पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि वैभव पहले दिल्ली के कड़कड़डूमा स्थित एक अस्पताल में रिकवरी ऑफिसर था। वहीं उसकी पहचान विजय कुमार अग्रवाल और अंकुर त्यागी से हुई। अंकुर, जो अपने रिश्तेदार के साथ अस्पताल चलाता था, से वैभव की गहरी दोस्ती हो गई। बाद में वैभव नोएडा स्थित एक अस्पताल में नौकरी करने लगा।
इसी दौरान विजय ने वैभव को यह सुझाव दिया कि यदि वह अस्पताल के बैंक अकाउंट की जगह कुछ नए अकाउंट की जानकारी एमसीडी को मेल के जरिए भेज दे, तो वहां से पैसे ट्रांसफर हो सकते हैं। विजय ने दावा किया था कि उसकी एमसीडी के अकाउंट सेक्शन में सेटिंग है। वैभव ने इस सलाह पर अमल करते हुए फर्जी अकाउंट्स की जानकारी एमसीडी को भेज दी। नतीजन, करीब 9 करोड़ रुपये की राशि तीन अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांजैक्शन के माध्यम से पहुंच गई।
मुख्य साजिशकर्ता शुभन की तलाश जारी
पुलिस ने जानकारी दी है कि जिन फर्जी खातों में पैसा ट्रांसफर हुआ, उन्हें एक अन्य आरोपी शुभन के जरिए खुलवाया गया था। शुभन फिलहाल फरार है और उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं। इस मामले में आगे की जांच जारी है और पुलिस इस साइबर जाल से जुड़े अन्य लोगों की भूमिका भी खंगाल रही है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश कर लिया जाएगा।
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