सिखों को बदनाम कर रहे खालिस्तानी समर्थक: मनजिंदर सिंह सिरसा, मंत्री, दिल्ली सरकार

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (17 जून 2025): दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा (Manjinder Singh Sirsa) ने कनाडा में हो रहे खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार विदेशों में छोटे-छोटे बच्चों को भारत विरोधी एजेंडे के तहत इस्तेमाल किया जा रहा है, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है। सिरसा ने कहा कि इन प्रदर्शनों से न सिर्फ भारत बल्कि पूरी सिख कौम की वैश्विक छवि को नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने इसे एक राजनीतिक साजिश बताते हुए कहा कि कुछ लोग सिखों को कट्टरपंथी और आतंकवाद से जोड़कर दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, जो पूरी तरह अस्वीकार्य है।

सिरसा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से सिख समुदाय के लिए किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी (Modi) ने सिख इतिहास, परंपरा और सम्मान को नई ऊंचाई दी है। उन्होंने कहा कि साहिबजादों के बलिदान को राष्ट्रीय स्तर पर मनाना, अफगानिस्तान से गुरु ग्रंथ साहिब और सिख नागरिकों को सुरक्षित वापस लाना, और 1984 सिख विरोधी दंगों के दोषियों को जेल भेजना ये सब दिखाते हैं कि केंद्र सरकार सिखों के प्रति संवेदनशील और समर्पित है। ऐसे में विदेशों में भारत विरोध के नाम पर सिख धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मनजिंदर सिंह सिरसा ने यह भी कहा कि खालिस्तानी समर्थक जिस तरह बच्चों को कट्टरपंथी संगठनों जैसे ISIS और तालिबान की तरह प्रस्तुत कर रहे हैं, उससे वैश्विक स्तर पर सिख समुदाय को नुकसान हो रहा है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह केवल भारत विरोध नहीं है, बल्कि सिखों के भविष्य के खिलाफ एक गंभीर साजिश है। यह प्रचार उस पहचान को खराब कर रहा है जिसके लिए सिख समुदाय को विश्वभर में जाना जाता है – सेवा, बलिदान और शांतिपूर्ण आचरण।

सिरसा ने प्रवासी सिख समुदाय से भावुक अपील करते हुए कहा कि वे ऐसे तत्वों के खिलाफ खुलकर बोलें जो सिखों के नाम पर अपनी राजनीति चमका रहे हैं। उन्होंने कहा, “वे आपके बच्चों के दुश्मन हैं। वे आपके बच्चों को तालिबान की तरह पेश कर रहे हैं ताकि वैश्विक स्तर पर आपके बच्चों को घृणा और बहिष्कार का सामना करना पड़े।” उन्होंने प्रवासी सिखों को चेताया कि चुप रहना अब विकल्प नहीं है, क्योंकि यह चुप्पी सिखों के सम्मान और सुरक्षा को दांव पर लगा सकती है।

अंत में मंत्री सिरसा ने कहा कि खालिस्तानी एजेंडा सिर्फ भारत के खिलाफ नहीं है, यह सिखों की उस पहचान के खिलाफ भी है जिसे गुरुओं ने बलिदान देकर गढ़ा है। उन्होंने कहा कि विरोध और असहमति का अधिकार लोकतंत्र में है, लेकिन धर्म और बच्चों का राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल करना गलत है। ऐसे प्रदर्शन न सिर्फ भारत की छवि बिगाड़ रहे हैं, बल्कि दुनिया भर के सिखों को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं, जिसका नुकसान भविष्य में भरना मुश्किल होगा।


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