नोएडा अथॉरिटी के सीईओ हेडमास्टर के रूप में आए नजर, कर्मचारियों को स्कूली बच्चों की तरह खड़े रहने का सुनाया फरमान!

 

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (17 दिसंबर, 2024): नोएडा अथॉरिटी के रेजिडेंशियल डिपार्टमेंट के कर्मचारी स्कूली बच्चों की तरह खड़े नजर आए, क्योंकि यह सजा उन्हें नोएडा अथॉरिटी के सीईओ ने हेडमास्टर की तरह सुनाई थी। ऐसा क्या हुआ कि नोएडा अथॉरिटी के सीईओ को गुस्सा आ गया और उन्होंने कर्मचारियों को 15 मिनट तक खड़े रहने की सजा सुना दी? यह जानने के लिए नोएडा प्राधिकरण के कर्मचारियों की कार्यप्रणाली को समझना जरूरी है।

नोएडा अथॉरिटी में कोई भी काम कराना आसान नहीं है। बाबुओं के काम न करने की शिकायतें लगातार अधिकारियों तक पहुंचती हैं। सुविधा शुल्क न देने वाले आवंटियों को कभी किसी कागज की कमी बताकर चक्कर लगवाए जाते हैं। ऐसे में चक्कर पर चक्कर लगाने के बाद भी काम नहीं होता। लेकिन इसी तरह के एक मामले में रेजिडेंशियल डिपार्टमेंट के कर्मचारियों का बुजुर्ग आवंटी का काम न करना महंगा पड़ गया। सीसीटीवी कैमरों से देख रहे नोएडा प्राधिकरण के सीईओ को यह बात नागवार गुजरी। सीईओ ने मौके पर पहुंचकर विभाग के कर्मचारियों को 15 मिनट तक खड़े रहने की सजा सुना दी।

नोएडा प्राधिकरण में 65 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। ये कैमरे हर विभाग और आने-जाने वाले रास्तों पर नजर रखते हैं। इन कैमरों का कंट्रोल रूम सीधे सीईओ के कार्यालय में है, जहां से वह विभिन्न विभागों की निगरानी करते हैं। सोमवार को सीईओ रोजाना की तरह कैमरों के जरिए अथॉरिटी का हाल देख रहे थे। उनकी नजर रेजिडेंशियल डिपार्टमेंट पर गई, जहां एक बुजुर्ग सरदार एक महिला कर्मचारी के सामने काम के संबंध में खड़े थे। सीईओ ने तुरंत संदेश भेजकर कहा कि बुजुर्ग का काम कर दिया जाए या उन्हें अनावश्यक रूप से खड़ा न रखा जाए।

इसके बावजूद जब 15-20 मिनट बाद सीईओ ने दोबारा देखा तो बुजुर्ग आवंटी वहीं खड़े थे। इससे गुस्साए सीईओ करीब साढ़े 11 बजे खुद विभाग में जा पहुंचे। उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों को जमकर फटकार लगाई और सभी को 15 मिनट तक खड़े रहने की सजा दी। सीईओ के आदेश के बाद सभी कर्मचारी अपनी-अपनी सीटों पर खड़े नजर आए।

कामचोरी और लापरवाही पर सख्ती
इस घटना से साफ है कि नोएडा अथॉरिटी के सीईओ अब लापरवाही और कामचोरी पर सख्त रुख अपनाए हुए हैं।


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