पाकिस्तान, ISI, आंतकवादी संगठन सॉफ्ट टार्गेट्स को हिट कर सकते है | वरिष्ठ भू-राजनैतिक विशेषज्ञ Indranil Banerjie

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (02 जून 2025): अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार और जियोपोलिटिक्स में गहरी समझ रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार इंद्रनील बनर्जी ने टेन न्यूज़ से विशेष बातचीत में भारत सरकार के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को स्थगित किए जाने के निर्णय को लेकर महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि भारत सरकार ने इस ऑपरेशन को बंद नहीं किया, बल्कि केवल स्थगित किया है जो अपने आप में पाकिस्तान को एक सख्त चेतावनी देने जैसा कदम है। बनर्जी के अनुसार, यह रणनीतिक संकेत है कि यदि पाकिस्तान की ओर से पुनः किसी भी प्रकार की आतंकी गतिविधि होती है, तो भारत पूरी तैयारी के साथ जवाब देने को तत्पर रहेगा। इस बार भारतीय थलसेना और वायुसेना हर स्तर पर सशक्त और तत्पर हैं, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अब “पहले हमला” नहीं, बल्कि “तत्काल जवाब” की नीति पर कार्य कर रहा है।

वरिष्ठ पत्रकार बनर्जी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को शुरू करने में पहले भले ही 10 से 12 दिन का समय लगा, लेकिन अब स्थिति पूरी तरह से बदल चुकी है। भारत सरकार और सेनाएं भविष्य की किसी भी आतंकी घटना या हमले के लिए पूर्व योजना और सैन्य संसाधनों के साथ तैयार बैठी हैं। यदि दोबारा पाकिस्तान से किसी प्रकार का हमला होता है चाहे वह ड्रोन, मिसाइल या वायुसेना के माध्यम से हो तो उसका जवाब तत्काल, सटीक और निर्णायक होगा। उन्होंने कहा कि भारत ने इस ऑपरेशन के ज़रिए न केवल अपनी सामरिक शक्ति का प्रदर्शन किया है, बल्कि पाकिस्तान को यह संदेश भी दिया है कि अब भारत चुप नहीं बैठेगा, बल्कि प्रतिउत्तर देगा।

जब सॉफ्ट टारगेट यानी नागरिक क्षेत्रों, घनी आबादी वाले शहरों और रणनीतिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाए जाने की आशंका पर सवाल किया गया, तो इंद्रनील बनर्जी ने कहा कि पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी ISI इस तरह की कोशिशें ज़रूर कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि भारत सरकार इस आशंका को लेकर पूरी तरह सतर्क है और केवल सीमाओं पर ही नहीं, बल्कि देश के दक्षिणी और मध्य क्षेत्रों तक मॉक ड्रिल्स और सैन्य तैयारी के ज़रिए सुरक्षा कवच मजबूत कर चुकी है। बनर्जी ने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान के पास अब आतंकवाद के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने उनके आठ एयरबेस को निष्क्रिय कर दिया, जिससे अब उनकी वायुसेना लगभग ठप हो चुकी है।

इस पूरे परिप्रेक्ष्य में यह सवाल भी उठता है कि क्या ऑपरेशन सिंदूर को स्थगित करने का निर्णय अमेरिकी दबाव में लिया गया है? इस पर बनर्जी का जवाब था कि इस तरह की अटकलों की पुष्टि नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने फोन किया या नहीं, या अमेरिका ने कोई दबाव डाला, इसकी कोई ठोस जानकारी नहीं है। बनर्जी ने यह जरूर बताया कि यह ऑपरेशन पाकिस्तान द्वारा DGMO स्तर पर सीधी बातचीत और युद्धविराम की रिक्वेस्ट के बाद रोका गया, न कि किसी अंतरराष्ट्रीय दबाव में। उन्होंने कहा कि यदि कोई दबाव भी रहा हो, तो भी भारत की रणनीति और प्रभुत्व पर उसका कोई असर नहीं पड़ा है।

अंत में बनर्जी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि ऑपरेशन सिंदूर से भारत ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया है कि अब आतंकी हमलों का जवाब केवल कूटनीति से नहीं, बल्कि सेना और रणनीतिक हमलों के ज़रिए दिया जाएगा। पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं की सीमाएं खुलकर सामने आ चुकी हैं और इस बार भारत ने न केवल अपना सैन्य वर्चस्व स्थापित किया है, बल्कि वैश्विक मंच पर एक सशक्त राष्ट्र के रूप में अपनी स्थिति को और मज़बूत किया है। ऑपरेशन का स्थगन अस्थायी है, लेकिन उसका संदेश स्थायी और प्रभावशाली है।


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