हिंडन पर बनेंगे दो हेड रेग्युलेटर, जलभराव की समस्या से मिलेगी राहत | नोएडा प्राधिकरण

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (1 जून 2025): नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे से सटे सेक्टरों को जलभराव से निजात दिलाने के लिए अब एक अहम कदम उठाया जा रहा है। यमुना और हिंडन नदियों के जल स्तर बढ़ने से होने वाले बैक फ्लो को रोकने के उद्देश्य से हिंडन नदी पर दो हेड रेग्युलेटर बनाए जाएंगे। यह रेग्युलेटर सेक्टर-148 और सेक्टर-150 के पास स्थित होंगे। इस परियोजना की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग को सौंपी गई है, जबकि खर्च का वहन नोएडा प्राधिकरण करेगा।

इस परियोजना के लिए सर्वेक्षण, ड्राइंग और डिज़ाइन का कार्य किया जाएगा, जिसके लिए उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने 30 लाख रुपये की मांग की थी। प्राधिकरण ने यह राशि विभाग को सौंप दी है। अब आगे की योजना के तहत सिंचाई विभाग ने प्राधिकरण से एक्सप्रेसवे के किनारे बसे सभी सेक्टरों और हाउसिंग सोसाइटीज़ का विस्तृत लेआउट प्लान मांगा है। इससे यह निर्धारित किया जा सकेगा कि किन-किन क्षेत्रों को प्रस्तावित हेड रेग्युलेटर से जोड़ा जा सकता है।

पिछले वर्ष 2023 में हिमाचल प्रदेश में बादल फटने के कारण यमुना का जलस्तर अचानक बहुत बढ़ गया था। इस कारण यमुना का पानी नोएडा की ओर बैक फ्लो करने लगा, जिससे सेक्टर-168 में बना हेड रेग्युलेटर पूरी तरह फेल हो गया। यमुना का जल एक्सप्रेसवे के किनारे बने नालों में घुस गया और सेक्टर-142 में स्थित एडवंट कंपनी के पास नवनिर्मित नाले फट गए। इसका असर सेक्टर-137 तक की दर्जनों हाउसिंग सोसाइटियों पर पड़ा, जिनकी सड़कों पर भारी जलभराव हो गया। उस वक्त प्राधिकरण ने अस्थायी उपायों के तहत बोरियों से बांध बनाकर जल को रोका।

इसी बाढ़ के दौरान यमुना का पानी हिंडन नदी में भी बैक फ्लो कर गया, जिससे सेक्टर-145, 148 और 150 सहित आस-पास के गांवों और कॉलोनियों की सड़कें जलमग्न हो गई थीं। प्राधिकरण ने इस स्थिति को गंभीर मानते हुए स्थायी समाधान की योजना बनाई है। अब यहां पर हेड रेग्युलेटर स्थापित कर नालों के पानी को सीधे हिंडन में प्रवाहित किया जाएगा। इसके साथ ही बरसाती नालों को भी हिंडन से जोड़ा जाएगा, जिससे पानी का उचित निकास सुनिश्चित हो सके।

इस योजना के अंतर्गत न केवल बरसाती नालों का पानी बल्कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से शोधित जल को भी हिंडन नदी में छोड़ा जाएगा। अभी तक इन सेक्टरों का कोई भी नाला हिंडन से नहीं जुड़ा है, जिससे बारिश के दौरान जलजमाव की स्थिति पैदा हो जाती है। नए रेग्युलेटर बनने से इस समस्या पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।

प्राधिकरण और सिंचाई विभाग की संयुक्त टीम ने हाल ही में इस परियोजना से संबंधित स्थलों का स्थलीय निरीक्षण भी किया है। दोनों रेग्युलेटरों के लिए उपयुक्त स्थान चिह्नित कर लिया गया है और कार्य जल्द शुरू होने की संभावना है। इस योजना के लागू होने से नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे के किनारे बसे सेक्टरों और हाउसिंग सोसाइटीज़ को हर वर्ष मानसून के दौरान जलभराव की समस्या से काफी हद तक राहत मिलने की उम्मीद है।


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