दिल्ली में ट्रैफिक पुलिस पर हमला: एक को बोनट पर घसीटा, दूसरे को मारी टक्कर

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (31 मई 2025): राजधानी दिल्ली में ट्रैफिक पुलिसकर्मियों पर हमले की दो चौंकाने वाली घटनाएं सामने आई हैं, जिसने सुरक्षा व्यवस्था और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पहली घटना में एक टैक्सी ड्राइवर ने हेड कॉन्स्टेबल को कार के बोनट पर लटका कर करीब 100 मीटर तक घसीटा, जबकि दूसरी घटना में एक टैक्सी ने एएसआई को टक्कर मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों मामलों में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच जारी है।

पहली घटना नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के दयालपुर इलाके की है, जहां 27 मई की शाम हेड कॉन्स्टेबल धर्मेंद्र ट्रैफिक निरीक्षण कर रहे थे। उनके साथ एएसआई आदेश भी मौजूद थे। जब उन्होंने एक संदिग्ध यूपी नंबर की टैक्सी को रुकने का इशारा किया तो ड्राइवर ने पहले गाड़ी धीमी की, लेकिन जैसे ही धर्मेंद्र बोनट के पास पहुंचे, उसने अचानक स्पीड बढ़ा दी। धर्मेंद्र ने जान बचाने के लिए कार का वाइपर पकड़ लिया और करीब 100 मीटर तक लटकते रहे।

घटना के बाद राहगीरों ने साहस दिखाते हुए बाइक से आरोपी का पीछा किया और कार के आगे बाइक लगाकर उसे रोक लिया। आरोपी ड्राइवर की पहचान गाजियाबाद निवासी मोहम्मद आरिफ के रूप में हुई है। पुलिस ने उसे मौके पर गिरफ्तार कर लिया और धर्मेंद्र के बयान के आधार पर हत्या के प्रयास समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया है। यह घटना न केवल कानून की अवहेलना है, बल्कि ट्रैफिक ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों की जान पर बना खतरा भी उजागर करती है। दूसरी घटना साउथ-वेस्ट दिल्ली के दिल्ली कैंट इलाके में हुई, जहां 27 मई की रात करीब 9 बजे हेड कॉन्स्टेबल हनुमान और एएसआई रामचरण एनएसजी रेड लाइट के पास चेकिंग कर रहे थे। तभी उन्होंने एक हरियाणा नंबर की टैक्सी को रेड लाइट जंप करते हुए देखा और उसे रुकने का इशारा किया। लेकिन ड्राइवर ने रफ्तार तेज कर दी, और एएसआई रामचरण को जोरदार टक्कर मार दी। हादसे के बाद आरोपी फरार हो गया।

गंभीर रूप से घायल एएसआई को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें एम्स ट्रॉमा सेंटर में रेफर कर दिया गया। पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर लिया है और घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से आरोपी की तलाश की जा रही है। पीड़ित हनुमान का कहना है कि यदि ड्राइवर को समय रहते रोका न जाता, तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था। इन दोनों मामलों ने दिल्ली की सड़कों पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर वे जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात ड्यूटी पर होते हैं, वहीं दूसरी ओर उन्हें खुद असामाजिक तत्वों और लापरवाह ड्राइवरों से खतरा बना रहता है। पुलिस विभाग ने दोनों मामलों को गंभीरता से लेते हुए जांच तेज कर दी है।

दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि अब ट्रैफिक ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों की सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा। इसके लिए बॉडी कैमरा, हेलमेट, और मोबाइल पेट्रोलिंग जैसी व्यवस्था को और मजबूत करने की योजना पर काम चल रहा है। साथ ही, अपराधियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी, ताकि आगे से कोई ऐसा दुस्साहस न कर सके। गौरतलब है कि राजधानी में पहले भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया गया है। हालिया घटनाएं इस समस्या की गंभीरता को फिर से उजागर करती हैं। सड़क पर तैनात जवानों की सुरक्षा के लिए तकनीकी और कानूनी दोनों उपायों की तत्काल आवश्यकता है।

दिल्ली पुलिस ने आम जनता से भी अपील की है कि ट्रैफिक नियमों का पालन करें और अगर ऐसी किसी घटना के गवाह बनें तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। इन घटनाओं के सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिससे लोगों में गुस्सा और चिंता दोनों देखी जा रही है।राजधानी में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सड़क पर तैनात जवानों का मनोबल बनाए रखना बेहद जरूरी है। इन घटनाओं से साफ है कि कानून की अवहेलना करने वालों को सख्त संदेश देने का वक्त आ गया है कि पुलिस सिर्फ नियम लागू करने वाली संस्था नहीं, बल्कि उनकी सुरक्षा भी राष्ट्र की जिम्मेदारी है।


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