दिल्ली पुलिस का बड़ा खुलासा: जामताड़ा से संचालित साइबर ठगी का पर्दाफाश

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (31 मई 2025): राजधानी दिल्ली में एक बार फिर साइबर ठगों का जाल बेनकाब हुआ है। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने पश्चिमी जिले में एक ऐसे संगठित साइबर ठगी सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है, जिसका संचालन कुख्यात जामताड़ा से हो रहा था। गिरोह का मास्टरमाइंड 48 वर्षीय सनाउल मियां झारखंड के देवघर जिले का रहने वाला है और उसने खुद को इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (IPPB) का अधिकारी बताकर दो नागरिकों से करीब 15 लाख रुपये की ठगी कर डाली।डीसीपी विचित्र वीर के अनुसार, आरोपी लोगों को IPPB का असिस्टेंट मैनेजर बनकर कॉल करता था और उनके बैंक खाते लिंक करने के नाम पर झांसे में लेता था। आरोपी ने ‘आकाश वर्मा’ नाम से व्हाट्सएप कॉल की और फिर पीड़ितों को एक मालवेयर भरा .APK फाइल डाउनलोड करवाया, जिससे वह उनके मोबाइल की स्क्रीन तक देख सकता था। इस तकनीकी हथकंडे के जरिए उसने गुप्त बैंकिंग जानकारी हासिल कर पीड़ितों के खातों से मोटी रकम उड़ा दी।

पश्चिमी जिला साइबर थाने में 17 मई को इस धोखाधड़ी से संबंधित दो शिकायतें दर्ज हुईं। दोनों शिकायतों में एक जैसी कार्यशैली पाई गई, जिससे पुलिस को एक संगठित साइबर गिरोह की आशंका हुई। तत्काल एसएचओ विकास कुमार बुलडक की अगुआई में एक विशेष टीम बनाई गई, जिसमें एसआई अमित मलिक, हेड कॉन्स्टेबल सुनील और कॉन्स्टेबल सुरेन्द्र शामिल थे। टीम ने तकनीकी निगरानी और डिजिटल ट्रांजैक्शन ट्रेल्स का विश्लेषण कर आरोपी तक पहुंचने की रणनीति अपनाई। पुलिस की तकनीकी जांच और लोकेशन ट्रेसिंग के बाद यह पता चला कि गिरोह का संचालन झारखंड के कुख्यात जामताड़ा से किया जा रहा है। इसके बाद दिल्ली पुलिस की टीम ने जामताड़ा जाकर आरोपी सनाउल मियां को धर दबोचा। गिरफ्तार किए गए आरोपी के पास से दो स्मार्टफोन बरामद किए गए, जिनमें बैंक खातों से जुड़े दस्तावेज, फर्जी पहचान पत्र, ठगी की बातचीत की रिकॉर्डिंग और स्क्रीनशॉट मौजूद थे। सभी इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को जब्त कर लिया गया है।

पूछताछ के दौरान सनाउल ने बताया कि वह टेलीग्राम ऐप के माध्यम से फर्जी बैंक खातों की व्यवस्था करता था, जिनके माध्यम से धोखाधड़ी की रकम को ट्रांसफर किया जाता था। उसने एक अन्य आरोपी वसीम का नाम भी लिया है, जो इस ठगी के पैसे के लेन-देन में शामिल था। पुलिस वसीम और अन्य सहयोगियों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि सनाउल मियां पहले भी बाहरी उत्तरी जिले के एक साइबर क्राइम केस में शामिल रहा है। उस मामले में भी वह गिरफ्तार हो चुका है और जमानत पर बाहर था। पुलिस को शक है कि इस गिरोह के तार देश के कई राज्यों में फैले हो सकते हैं और अब टीम गिरोह के पूरे नेटवर्क को नेस्तनाबूद करने की दिशा में तेजी से जांच कर रही है।

इस सनसनीखेज खुलासे से एक बार फिर यह साबित हुआ है कि जामताड़ा देश में साइबर ठगी का बड़ा अड्डा बना हुआ है। जहां से देश के अलग-अलग हिस्सों में मासूम लोगों को झांसा देकर उनकी जीवनभर की कमाई लूट ली जाती है। दिल्ली पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि अनजान कॉल्स से सतर्क रहें, किसी भी अज्ञात ऐप को डाउनलोड न करें और बैंकिंग जानकारी साझा करने से बचें। इस कार्रवाई से साइबर ठगों के हौसले पस्त हुए हैं और पुलिस को उम्मीद है कि गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी से भविष्य में इस तरह की ठगी पर अंकुश लगाया जा सकेगा। दिल्ली पुलिस की यह तत्परता साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।


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