नई दिल्ली (31 मई 2025): दिल्ली नगर निगम ने एक बार फिर अवैध पशु डेयरियों और सड़कों पर बंधे मवेशियों के खिलाफ कड़ा अभियान चलाया। शुक्रवार को बाहरी दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-7 और मंगोलपुरी वाई-ब्लॉक में कार्रवाई की गई, जिसमें आधा दर्जन से अधिक मवेशी जब्त किए गए। यह कार्रवाई लंबे अंतराल के बाद हुई, जिससे इलाकों में हलचल तेज हो गई। नगर निगम की टीम को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना भी करना पड़ा। कुछ लोगों ने मवेशियों को छुड़ाने की कोशिश की, जिससे मौके पर तनाव की स्थिति बन गई। प्रशासन ने इस बार सख्त रुख अपनाते हुए विरोध करने वालों पर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है।
रोहिणी सेक्टर-7 में एक युवक ने जब्त किए जा रहे मवेशियों को छुड़ाने की कोशिश की और दूध कर निरीक्षक (MTI) से हाथापाई कर बैठा। उसकी इस हरकत से वहां भारी अफरातफरी मच गई और सड़क पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। निगम कर्मचारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए स्थिति को नियंत्रण में लिया। युवक की हरकत को लेकर पशु चिकित्सा विभाग ने पुलिस को लिखित शिकायत दी है। शिकायत में सरकारी काम में बाधा और कर्मचारी से मारपीट की बात कही गई है। निगम ने एफआईआर की मांग के साथ युवक का पुराना रिकॉर्ड भी उजागर किया है।
मामले में नया मोड़ तब आया जब यह सामने आया कि उक्त युवक पहले भी नगर निगम टीम के साथ बदसलूकी कर चुका है। वर्ष 2020 में भी उस पर इसी प्रकार की हरकत के लिए एफआईआर दर्ज हो चुकी है। इस इतिहास को देखते हुए निगम इस बार कोई ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यदि लगातार ऐसे लोगों पर सख्ती नहीं की गई तो निगम की कार्यवाही बेअसर हो जाएगी। यह भी बताया गया कि पूरे इलाके में अवैध डेयरियों की भरमार है, जो कानून और स्वच्छता के नियमों की खुलेआम अवहेलना करती हैं।
इसी तरह मंगोलपुरी वाई-ब्लॉक में भी निगम टीम को विरोध झेलना पड़ा। एक महिला ने मवेशियों को पकड़ने से रोकने की कोशिश की और टीम को धमकाने का प्रयास किया। जैसे ही मामला बढ़ा, निगम कर्मचारियों ने महिला पुलिस को मौके पर बुलाया। पुलिस के पहुंचने से पहले ही महिला वहां से खिसक गई, लेकिन उसका वीडियो स्थानीय लोगों ने रिकॉर्ड कर लिया। निगम अधिकारियों ने कहा है कि वीडियो के आधार पर महिला की पहचान की जा रही है और उस पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अभियान के दौरान निगम की टीमों ने रोहिणी वार्ड-52 और मंगोलपुरी वार्ड-42 में कई स्थानों से मवेशी पकड़े। इन मवेशियों को निगम के मवेशी शेल्टर में भेजा गया, जहां उनकी देखभाल की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि इन मवेशियों को अवैध डेयरियों में बिना किसी पंजीकरण के रखा गया था और उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर खुला छोड़ा गया था। इस कारण ट्रैफिक जाम और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो रही थीं। निगम ने इस अभियान को आने वाले हफ्तों में और तेज करने की योजना बनाई है।
रोहिणी जोन के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. रवीश कसाना ने बताया कि जिन स्थानों पर यह कार्रवाई की गई, वहां लंबे समय से अवैध डेयरियों की शिकायतें मिल रही थीं। कई बार चेतावनी देने के बावजूद स्थिति नहीं सुधरी। उन्होंने कहा कि हाथापाई और विरोध जैसी घटनाएं सरकारी कामकाज में हस्तक्षेप हैं, जिन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने साफ किया कि भविष्य में भी ऐसे सभी मामलों में सख्त पुलिस कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली नगर निगम के इस अभियान से अवैध डेयरी संचालकों में हड़कंप मच गया है। नगर निगम की टीमें पहले भी कई बार ऐसे प्रयास कर चुकी हैं लेकिन स्थानीय विरोध और कानूनी पेंचों के कारण उन्हें ठोस सफलता नहीं मिल पाई थी। अब प्रशासनिक सहयोग और पुलिस की सक्रियता के चलते निगम की कार्रवाई और प्रभावी होने की उम्मीद जताई जा रही है। निगम अधिकारियों ने कहा कि नागरिकों से सहयोग की अपेक्षा है ताकि शहर को स्वच्छ और व्यवस्थित बनाया जा सके।
स्थानीय लोगों की राय इस कार्रवाई को लेकर बंटी हुई नजर आई। कुछ नागरिकों ने निगम की सराहना करते हुए कहा कि यह एक साहसी और आवश्यक कदम है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि निगम को पहले लोगों को वैकल्पिक व्यवस्था देनी चाहिए थी। विरोध कर रहे कुछ लोगों ने दावा किया कि निगम की कार्रवाई से उनकी आजीविका प्रभावित हो रही है। निगम ने इस पर स्पष्ट किया है कि जो डेयरियां वैध रूप से चल रही हैं, उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।
नगर निगम का कहना है कि पशु पालन नियमों के तहत केवल पंजीकृत और मान्य डेयरियों को ही संचालन की अनुमति है। जो लोग अवैध रूप से सड़कों पर मवेशी बांधते हैं या अनियमित ढंग से डेयरी चलाते हैं, उन पर कार्रवाई तय है। निगम ने यह भी साफ किया है कि अगली बार जब टीम किसी इलाके में पहुंचेगी, तो किसी प्रकार की हिंसा या विरोध पर सीधे गिरफ्तारी की जाएगी। प्रशासन ने लोगों को चेतावनी दी है कि वे कानून के तहत ही अपनी गतिविधियों को संचालित करें।
इस पूरी कार्रवाई से एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया है कि नगर निगम अब अवैध डेयरियों और सड़कों पर मवेशियों के कब्जे को लेकर गंभीर हो चुका है। निगम की योजना है कि ऐसे अभियान हर हफ्ते चलाए जाएं और उल्लंघनकर्ताओं को लगातार दंडित किया जाए। प्रशासन ने आम जनता से भी अपील की है कि वे अवैध डेयरियों की जानकारी निगम को दें ताकि कार्रवाई को और प्रभावी बनाया जा सके। यह अभियान स्वच्छ, सुरक्षित और व्यवस्थित दिल्ली की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।
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