एलएनजेपी अस्पताल में मेडिकल नवाचार की बड़ी छलांग: सीएम गुप्ता ने तीन नई चिकित्सा इकाइयों का किया उद्घाटन
टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (29 मई 2025): दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने गुरुवार को लोक नायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में तीन महत्वपूर्ण चिकित्सा इकाइयों का उद्घाटन किया, जिनमें मेडिकल जेनेटिक्स वार्ड, लैक्टेशन मैनेजमेंट यूनिट और न्यूक्लिक एसिड एम्प्लीफिकेशन टेस्टिंग (एनएटी) लैब शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन इकाइयों की शुरुआत से न केवल इलाज की नई संभावनाएं खुलेंगी, बल्कि चिकित्सा शोध को भी बढ़ावा मिलेगा। खासकर मेडिकल जेनेटिक्स लैब, जो देश की चौथी और दिल्ली की पहली प्रयोगशाला है, आनुवंशिक बीमारियों के इलाज में मील का पत्थर साबित होगी। मुख्यमंत्री ने इसे ‘स्वस्थ दिल्ली की दिशा में एक ठोस कदम’ बताया।
मुख्यमंत्री गुप्ता ने बताया कि मेडिकल जेनेटिक्स वार्ड की स्थापना ऐसे माता-पिता और बच्चों के लिए राहत लेकर आएगी जो विरासत में मिलने वाले जटिल रोगों से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस यूनिट में उन्नत मशीनें और रिसर्च की सुविधा है, जो न केवल इलाज को सुलभ बनाएंगी, बल्कि जीन से संबंधित बीमारियों पर शोध कार्य भी तेज करेंगी। उन्होंने विश्वास जताया कि दिल्ली अब जेनेटिक उपचार और शोध के क्षेत्र में राष्ट्रीय अग्रणी बनेगी।
लैक्टेशन मैनेजमेंट यूनिट के उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री ने नवजात बच्चों में स्तनपान की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि समय से पूर्व जन्मे बच्चों को अक्सर मां के दूध की जरूरत होती है, लेकिन कई बार माताएं शारीरिक रूप से दूध पिलाने की स्थिति में नहीं होतीं। अब इस नई यूनिट के माध्यम से स्तनपान कराने वाली माताएं अपना दूध दान कर सकेंगी, जिससे नवजातों को पोषण मिल सकेगा। सरकार जल्द ही एलएनजेपी में एक ब्रेस्ट मिल्क बैंक शुरू करेगी।
एनएटी लैब के बारे में जानकारी देते हुए सीएम ने बताया कि यह लैब संक्रामक रोगों के सटीक और तेज परीक्षण में अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 जैसी महामारी ने दिखाया कि मेडिकल जांच की गति और विश्वसनीयता कितनी महत्वपूर्ण है। इस लैब से भविष्य में वायरल संक्रमणों की पहचान और उनका नियंत्रण आसान होगा। रेखा गुप्ता ने वैज्ञानिक और चिकित्सकीय नवाचार को प्राथमिकता देने की अपनी नीति को दोहराया।
उद्घाटन समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके दावों के बावजूद दिल्ली के स्वास्थ्य ढांचे में भारी कमी रही है। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन का हवाला देते हुए बताया कि दिल्ली में प्रति 1000 लोगों पर केवल 0.42 अस्पताल बेड हैं, जो मानक से काफी नीचे है। उन्होंने कोविड काल की त्रासदी को याद करते हुए कहा कि ऑक्सीजन और बेड की कमी से हजारों लोगों की जान गई। उनकी सरकार अब राजधानी में स्वास्थ्य सुविधाओं का पुनर्गठन कर रही है ताकि भविष्य में कोई भी दिल्लीवासी चिकित्सा संकट में न पड़े।।
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