साइबर माफियाओं के विरुद्ध CBI की बड़ी कार्रवाई: 2 फर्जी कॉल सेंटर ध्वस्त,6 गिरफ्तार
टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (29 मई 2025): दिल्ली में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने साइबर ठगों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दो फर्जी कॉल सेंटरों को ध्वस्त कर दिया और छह लोगों को गिरफ्तार किया है। यह ऑपरेशन CBI के अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध विरोधी अभियान ‘ऑपरेशन चक्र-V’ के तहत चलाया गया। खास बात यह है कि यह कार्रवाई जापान नेशनल पुलिस एजेंसी और माइक्रोसॉफ्ट के सहयोग से की गई, जिसमें जापानी नागरिकों को निशाना बनाकर की जा रही धोखाधड़ी का भंडाफोड़ हुआ।
CBI ने बताया कि इस सिंडिकेट के सदस्य खुद को वैध कस्टमर सर्विस सेंटर के कर्मचारी बताकर विदेशी नागरिकों को यह कहकर डराते थे कि उनके कंप्यूटर या डिवाइस हैक हो चुके हैं। फिर उन्हें डमी बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने को मजबूर किया जाता था। इन कॉल सेंटरों का संचालन दिल्ली और आसपास के इलाकों से किया जा रहा था, जहां से सैकड़ों विदेशी नागरिकों को ठगने का सिलसिला चल रहा था। जांच एजेंसी ने बुधवार को दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुल 19 ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान भारी मात्रा में डिजिटल उपकरण, दस्तावेज और तकनीकी साक्ष्य जब्त किए गए हैं, जो सिंडिकेट के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले नेटवर्क और उनके ऑपरेशन के पैमाने को उजागर करते हैं।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान दिल्ली निवासी आशु सिंह, पानीपत के कपिल घाखर, अयोध्या से रोहित मौर्य, शुभम जायसवाल, विवेक राज और वाराणसी के आदर्श कुमार के रूप में हुई है। इन सभी पर फर्जी कॉल सेंटर चला कर जापानी नागरिकों को ठगने का आरोप है। इनका मकसद तकनीकी डर पैदा करके पीड़ितों से बड़ी रकम ऐंठना था। CBI के अनुसार, यह गिरोह सोशल इंजीनियरिंग और तकनीकी छल का अत्याधुनिक इस्तेमाल करता था। पीड़ितों को टेक्निकल भाषा और डरावने मैसेज दिखाकर यह विश्वास दिलाया जाता था कि वे बड़ी परेशानी में हैं और केवल तुरंत पेमेंट कर के ही इससे बचा जा सकता है। इस प्रक्रिया में तकनीकी रूप से प्रशिक्षित ठगों की टीम शामिल थी जो ग्राहकों को हर स्तर पर गुमराह करती थी।
CBI ने इस कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय सहयोग का बेहतरीन उदाहरण बताते हुए कहा कि जापानी एजेंसियों और माइक्रोसॉफ्ट से मिली जानकारी ने इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश करने में निर्णायक भूमिका निभाई। जांच एजेंसी का कहना है कि ऐसे ऑपरेशन भविष्य में भी जारी रहेंगे ताकि वैश्विक स्तर पर फैले साइबर अपराध नेटवर्क को समाप्त किया जा सके। यह कार्रवाई भारत की साइबर सुरक्षा रणनीति में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। यह न केवल देश के भीतर बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत की साइबर अपराधों से निपटने की क्षमता को दर्शाता है। साथ ही इससे यह भी संकेत मिलता है कि भारत अब केवल ‘शिकायत निवारण’ की भूमिका में नहीं, बल्कि सक्रिय साइबर कार्रवाईकर्ता की भूमिका में आ चुका है।
सीबीआई ने इस बात पर जोर दिया है कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है और आने वाले दिनों में और भी नाम सामने आ सकते हैं। साथ ही इस गिरोह के अंतरराष्ट्रीय संपर्कों और फंड ट्रांसफर चैनलों की भी जांच की जा रही है। यह भी आशंका है कि इनका नेटवर्क कई अन्य देशों में फैला हो सकता है। CBI की इस ताबड़तोड़ कार्रवाई ने साइबर अपराधियों को स्पष्ट संकेत दे दिया है कि अब भारत में ऐसे संगठित अपराधों के लिए कोई जगह नहीं है। आने वाले समय में ‘ऑपरेशन चक्र’ जैसे अभियानों के जरिए साइबर सुरक्षा को और मजबूती देने की योजना है।
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