दिल्ली हाईकोर्ट का सख्त रुख: महिला पत्रकारों को ‘वेश्या’ कहने पर अभिजीत अय्यर-मित्रा को नोटिस

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (27 मई 2025): महिला पत्रकारों को अपमानजनक शब्दों से संबोधित करना राजनीतिक टिप्पणीकार अभिजीत अय्यर-मित्रा को भारी पड़ता नजर आ रहा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए मित्रा को दो करोड़ रुपये के मानहानि नोटिस के तहत समन जारी किया है। यह मामला न्यूज़ पोर्टल ‘न्यूज़लॉन्ड्री’ की कार्यकारी संपादक मनीषा पांडे और आठ अन्य महिला पत्रकारों से जुड़ा है, जिन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर मानहानि का मुकदमा दायर किया है।

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि अय्यर-मित्रा ने अपने ट्वीट में उन्हें ‘वेश्या’ कहकर न केवल उनकी व्यक्तिगत और पेशेवर प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक स्थिति पर भी गंभीर प्रभाव डाला। उन्होंने अदालत से न केवल माफ़ी की मांग की है, बल्कि ₹2 करोड़ रुपये के हर्जाने और भविष्य में इस प्रकार की कोई भी टिप्पणी न करने का आदेश भी मांगा है।

हालांकि, अय्यर-मित्रा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पर्सीवल बिलिमोरिया ने अदालत को सूचित किया कि विवादित ट्वीट्स हटा दिए गए हैं। लेकिन वादी पक्ष की ओर से अधिवक्ता बानी दीक्षित ने तर्क दिया कि मित्रा ने न तो कोई पछतावा जताया और न ही क्षमा मांगी। उल्टा, वे अब भी इस विषय पर कविताएं और व्यंग्यात्मक टिप्पणियां पोस्ट कर रहे हैं, जिससे स्पष्ट है कि उन्हें अपने कृत्य पर कोई पश्चाताप नहीं है।

न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव की एकल पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि कोर्ट वर्तमान में केवल पूर्ववर्ती पोस्ट्स की वैधता पर विचार कर रही है। अन्य शिकायतों को लेकर अलग से मुकदमा दायर करने का सुझाव दिया गया है। साथ ही, न्यायालय ने अंतरिम आदेश जारी रखते हुए कहा कि अगर भविष्य में कोई नई आपत्तिजनक सामग्री सामने आती है तो उसके लिए अलग से कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

सुनवाई के दौरान अय्यर-मित्रा के वकील ने न्यूज़लॉन्ड्री को ‘कपटी समाचार चैनल’ बताया और उस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेशी नेताओं से संबंधों की अनुचित रिपोर्टिंग का आरोप लगाया। इस पर अदालत ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि “लक्ष्मण रेखा कहां है, यह सभी को समझना चाहिए। यदि कोई पोस्ट मानहानिकारक है तो संबंधित पक्ष को कानूनी रूप से इसका सामना करना होगा।”

गौरतलब है कि इससे पहले की सुनवाई में भी अदालत ने चेतावनी दी थी कि यदि मामला नहीं सुलझा तो पुलिस को आपराधिक मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया जाएगा। हालांकि, मित्रा के वकील ने आश्वासन दिया कि वह विवादित ट्वीट्स पांच घंटे के भीतर हटा देंगे और भविष्य में सावधानी बरतेंगे।

महिला पत्रकारों की ओर से स्पष्ट रूप से कहा गया कि यह मामला केवल व्यक्तिगत प्रतिष्ठा तक सीमित नहीं है, बल्कि पत्रकारिता में महिलाओं के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक कार्य वातावरण सुनिश्चित करने से भी जुड़ा है। अदालत ने इस संबंध में मित्रा के वकील से लिखित दलीलें दाखिल करने को कहा है। अब यह मामला दोनों पक्षों की आगे की दलीलों और सुनवाई के लिए संयुक्त रजिस्ट्रार के पास भेजा गया है।

यह पहली बार नहीं है जब अभिजीत अय्यर-मित्रा विवादों में घिरे हैं। हाल ही में तुर्की की ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी सिलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज ने उनके खिलाफ कानूनी नोटिस भेजा था, जिसमें उन पर तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन की बेटी और कंपनी के खिलाफ झूठी और दुर्भावनापूर्ण टिप्पणियों का आरोप लगाया गया था। खुद को दक्षिणपंथी हिंदुत्व विचारधारा का समर्थक बताने वाले मित्रा अपने विवादित बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं।

इस पूरे मामले ने महिला पत्रकारों की गरिमा और मीडिया में लैंगिक सम्मान को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है, जिस पर अदालत की अगली सुनवाई और फैसला समाज के लिए एक मिसाल बन सकता है।।


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